Home समाचार मोदी राज में डिजिटल क्रांति, शहरों के मुकाबले गांवों में ज्यादा इंटरनेट...

मोदी राज में डिजिटल क्रांति, शहरों के मुकाबले गांवों में ज्यादा इंटरनेट यूजर्स

SHARE

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में तेजी से तरक्की कर रही है। अब एक अच्छी खबर ये आई है कि देश में शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट यूज करने वाले लोगों की तादाद अधिक हो गया है। यह खुलासा Internet and Mobile Association of India (IAMAI) और Nielsen की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में 22 करोड़ 70 लाख इंटरनेट यूजर्स हैं,जबकि शहरों में ये संख्या 20 करोड़ 50 लाख है। इसका मतलब हैं कि गांवों में शहरों की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक नेट यूजर्स हैं। ये आंकड़े नवंबर 2019 तक के हैं। 

50 करोड़ से अधिक इंटरनेट यूजर्स

भारत में अब इंटरनेट यूजर्स की संख्या 50 करोड़ से अधिक हो गई है।  रिपोर्ट के अनुसार पांच साल से अधिक उम्र के सक्रिय इंटरनेट यूजर्स की संख्या भारत में 50 करोड़ 40 लाख हो गई है। इंटरेनट यूजर्स की संख्या में भारत से आगे अब सिर्फ चीन है, जहां पर 85 करोड़ यूजर्स हैं। अमेरिका में इंटरनेट यूजर्स की संख्या 25 करोड़ से 30 करोड़ के बीच है। 

20-29 आयु वर्ग वाले सबसे ज्यादा इंटरनेट यूजर्स

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सबसे ज्यादा इंटरनेट इस्तेमाल 20-29 साल के आयु वर्ग वाले 34 फीसदी, 30-39 आयु वर्ग के लोग 20 फीसदी, 16-19 आयु वर्ग के लोग 17 फीसदी जबकि 12-15 आयु वर्ष के 14 फीसदी इंटरनेट का इस्तेमाल करेत हैं। 40 से 49 वर्ष के आयु वाले 9 फीसदी इंटरनेट यूजर्स हैं।

कम्प्यूटर-लैपटॉप यूज करने वालों की तादाद दो करोड़ 

भारत में तकरीबन दो करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग कम्प्यूटर और लैपटॉप के द्वारा करते हैं, जबकि अन्य लोग मोबाइल के द्वारा इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। भारत में कम्प्यूटर की तुलना में मोबाइल में इंटरनेट अधिक तेजी से चलता है। इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया और नीएलसेन की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मार्च-नवंबर की अवधि में पुरुष इंटरनेट यूजर्स में  9% जबकि महिला इंटरनेट यूजर्स में 21% की बढ़ोतरी हुई।

सबसे ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल घर पर

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सबसे ज्यादा लोग इंटरनेट का इस्तेमाल घर पर करते हैं। आंकड़े के अनुसार लोग घर पर 93 फीसदी, कार्यस्थल पर 24 फीसदी, यात्रा के दौरान 22 फीसदी और इंटरनेट कैफे में 5 फीसदी इस्तेमाल करते हैं। स्टडी में इंटरनेट का इस्तेमाल 8 फीसदी है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी लगातार डिजिटल इंडिया की मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं। आइए डालते हैं एक नजर…… 

डेबिट कार्ड के बजाए UPI से अधिक भुगतान 

देश में पहली बार डेबिट कार्ड के मुकाबले यूपीआई से अधिक भुगतान हुआ है। जिसकी बदौलत डिजिटल इंडिया मुहिम के तहत भारत ने वैश्विक परिदृश्य में लंबी छलांग लगाई है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में यूपीआई से लेनदेन करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी है। देश में पहली बार डेबिट कार्ड के मुकाबले यूपीआई से भुगतान किया गया है। 2018-19 में डेबिट कार्ड से 4.41 अरब का भुगतान हुआ है। जबकि यूपीआई के जरिए 5.35 अरब का भुगतान किया गया है। यानि की 2018-19 में यूपीआई से करीब 1 अरब का भुगतान ज्यादा हुआ है।

यूपीआई से लेन देन में बढ़ोतरी 

देश में यूपीआई के जरिए लगातार लेन-देन बढ़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक यूपीआई के जरिये अक्‍टूबर 2019 में 1.15 अरब रुपये का लेनदेन किया गया है। जबकि सितंबर में यह लेनदेन 96 करोड़ रुपये के करीब रहा था।

 

विश्व रैंकिंग में 4 स्थान की छलांग 

आईएमडी (Institute for Management Development) की तरफ से विश्व डिजिटल प्रतिस्पर्धा रैंकिंग जारी की गई है। जिसमें भारत ने चार पायदान की छलांग लगायी है। आंकड़ों के मुताबिक 2018 में भारत का डिजिटल भुगतान के मामले में 48वीं रैंकिंग थी, लेकिन 2019 में चार स्थान की छलांग के साथ भारत अब 44वें स्थान पर आ गया है।  

न्यू इंडिया का सपना हो रहा है साकार (जुलाई 2019 तक)

‣ 1.40 करोड़ से अधिक किसान e-NAM पोर्टल से जुड़े।

‣ 2.38 करोड़ से ज्यादा लोग डिजिलॉकर का कर रहे इस्तेमाल।

‣ 1.84 करोड़ विद्यार्थियों को ऑनलाइन मिल रही स्कॉलरशिप।

‣ 1.19 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा गया।

‣ 123 करोड़ लोगों का जारी किया गया आधार कार्ड। 

भारत में सबसे सस्ता डेटा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच और मजबूत इच्छाशक्ति के कारण आज भारत में सबसे सस्ता दर पर इंटरनेट डेटा उपलब्ध है। भारत में  डिजिटल क्रांति में यह सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 230 देशों में भारत में सबसे कम कीमत में डेटा उपलब्ध कराया जाता है। सस्ते डाटा की इस रेस में भारत ने अमेरिका जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है। जियो की मार्केट में एंट्री के बाद से ही सभी टेलिकॉम कंपनियों के बीच प्राइस वॉर छिड़ गई है और यह वॉर अब तक जारी है। 

साकार हो रहा डिजिटल इंडिया का सपना

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से डिजिटल इंडिया में बदल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार ने पिछले पांच साल में देश को डिजिटल इंडिया बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। पीएम मोदी का विजन है कि देशवासियों को कागजात रखने के झंझट से मुक्ति मिले और हर सरकारी दस्तावेज डिजिटल रूप में उपलब्ध हो। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत अब दुनिया में मोबाइल डेटा का सर्वाधिक उपयोग करने वाला देश बन गया है। सरकार का उद्देश्य अब इसके प्रभाव को बढ़ाकर छूटे हुए क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाना है।  

देश को मिली डिजिटल लाइब्रेरी

प्रधानमंत्री मोदी की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया से देश के सभी पुस्तकालयों को एक क्लिक दूरी पर समेट दिया गया है। देश में राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (एनडीएल) शुरू किया गया है। यह लाइब्रेरी सूचना व संचार तकनीक (एनएमईआरसीटी) के माध्‍यम से राष्‍ट्रीय शिक्षा मिशन के तत्‍वावधान में मानव संसाधन विकास मंत्रालय की परियोजना है। राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी का उद्देश्य देश के सभी नागरिकों को डिजिटल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट उपलब्‍ध कराना है और उन्हें ज्ञान प्राप्ति के लिए प्रेरित और सशक्‍त करना है।

किसानों से मिटती दूरी

मोदी सरकार ने विकास के क्रम में किसानों के, गांवों के बीच की खाई को पाटने के लिए ऐसे कई एप जारी किए हैं, जो सीधे तौर पर इस वर्ग की समस्याओं का समाधान करते हैं। जैसे- इ-पंचायत द्वारा ग्रामीण वर्ग अपने लिए बनी सरकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त करके उनका लाभ उठा सकता है। एम किसान, किसान पोर्टल, किसान सुविधा एप, पूसा कृषि, सॉयल हेल्थ कार्ड एप, इनाम, फसल बीमा मोबाइल एप, एग्री मार्केट एप, फर्टिलाइजर मोबाइल एप आदि ऐसे एप हैं, जो किसान और बाजार के बीच एक ऐसा समन्वयन स्थापित करते हैं, जिनकी सहायता से किसान घर बैठे उन्नत खेती और उसके विकास से जुड़ी सभी प्रकार की योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर सकता है। भूमि की उर्वरकता की जानकारी से लेकर मंडी में फसलों के उचित रेट तक का संपूर्ण ज्ञान इसमें मौजूद है। इससे किसान बिचौलियों द्वारा किए जाने वाले शोषण से भी बच सकता है।

Leave a Reply Cancel reply