प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंडिया आइडियाज समिट में अमेरिकी निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह भारत में निवेश करने का सबसे अच्छा समय है। अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) द्वारा आयोजित सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास वह है, जो वैश्विक आर्थिक रिकवरी को ताकत प्रदान करने के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारत के उदय का मतलब एक ऐसे राष्ट्र के साथ व्यापार के अवसरों में वृद्धि, जिस पर भरोसा किया जा सकता है, बढ़ते खुलेपन के साथ वैश्विक एकीकरण में वृद्धि, बाजार तक पहुंच के साथ प्रतिस्पर्धा में वृद्धि और कुशल मानव संसाधनों की उपलब्धता के साथ निवेश पर रिटर्न में वृद्धि। अमेरिका और भारत को स्वाभाविक साझीदार कहते हुए उन्होंने कहा कि यह साझेदारी महामारी के बाद विश्व के तेजी से पुरानी स्थिति में लौटने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
यूएसआईबीसी को इस साल उसकी 45वीं वर्षगांठ पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग में भारत के उभार के बारे में बात की। उन्होंने जोर दिया कि हर साल भारत में एफडीआई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि 2019-20 में भारत में एफडीआई प्रवाह 74 अरब डॉलर था, जो पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी भारत ने इस साल अप्रैल और जुलाई के बीच 20 अरब डॉलर से ज्यादा का विदेशी निवेश हासिल किया है।
प्रधानमंत्री ने कई अन्य क्षेत्रों की सूची भी सामने रखी जो निवेश के लिए शानदार अवसर प्रदान करते हैं जैसे- ऊर्जा क्षेत्र; घरों, सड़कों, हाइवे और बंदरगाहों के निर्माण सहित अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण; नागरिक उड्डयन, जहां कई शीर्ष निजी भारतीय एयरलाइंस की आने वाले दशक में एक हजार से ज्यादा नए विमान शामिल करने की योजना है, इस प्रकार से किसी भी निवेशक के लिए अवसर खुले हैं जो भारत में विनिर्माण सुविधाएं, रखरखाव मरम्मत व संचालन सुविधाएं स्थापित करना चाहता है। उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि भारत रक्षा क्षेत्र में एफडीआई कैप 74 प्रतिशत तक बढ़ा रहा है, रक्षा उपकरणों और प्लेटफॉर्मों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए दो रक्षा गलियारे स्थापित किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि निजी और विदेशी निवेशकों के लिए विशेष प्रोत्साहन की पेशकश की गई है। उन्होंने अंतरिक्ष क्षेत्र में किए जा रहे महत्वपूर्ण सुधारों का भी जिक्र किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने विकास के एजेंडे के मूल में गरीबों और कमजोरों को रखने की जरूरत के बारे में बात की। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘ईज ऑफ लिविंग’ उतना ही महत्वपूर्ण है जितना ‘ईज ऑफ बिजनस’। उन्होंने कहा कि महामारी ने हमें बाहरी झटकों के खिलाफ वैश्विक अर्थव्यवस्था के लचीलेपन की महत्ता की याद दिलाई है, जो मजबूत घरेलू आर्थिक क्षमताओं द्वारा हासिल की जा सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के आह्वान के जरिए भारत एक समृद्ध और सशक्त दुनिया बनाने में अपना योगदान कर रहा है।
एक ताजा रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरी इंटरनेट यूजर्स की तुलना में गांवों में इंटरनेट यूजर्स ज्यादा हैं। भारत को अवसरों की भूमि बताते हुए उन्होंने कहा कि अब देश में लगभग आधे अरब एक्टिव इंटरनेट यूजर्स हैं जबकि आधे अरब से ज्यादा लोग कनेक्ट हो रहे हैं। उन्होंने 5जी तकनीकी, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम कम्प्यूटिंग, ब्लॉक-चेन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स तकनीकों में अवसरों का जिक्र किया।
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