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मोदी राज में अवैध घुसपैठ पर लगी लगाम, 21 हजार बांग्लादेशी भेजे गए वापस

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मोदी सरकार भारत से सटे हुए देशों के घुसपैठ के मामलों पर रोक लगाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है,वहीं मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से घुसपैठ के मामलों में बड़ी गिरावट भी आई है। मोदी सरकार के कार्यकाल में 21 हजार से ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजा गया है।

पश्चिम बंगाल, बिहार और दिल्ली में भी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स के तहत ऐसे घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर करने की मांग उठती रही है। देश में बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या से सचेत होकर मोदी सरकार ने म्यांमार से अवैध तरीके से भारत में घुस आए रोहिंग्याओं पर भी सख्त रवैया अपनाया है।

घुसपैठियों को रोकने और वापस भेजने में कामयाब रही मोदी सरकार

मोदी सरकार ने बांग्लादेश से हो रहे घुसपैठ को रोकने के साथ-साथ बड़ी संख्या में घुसपैठियों को बांग्लादेश में वापस भेजने में सफल रही है। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में पिछले पांच साल में घुपैटियों के पकड़े जाने और उन्हें वापस भेजने के आंकड़े सामने रखे। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश सीमा से घुसपैठ को कम करने के लिए बहुआयामी उपाया किए हैं, जिससे घुसपैठ में कमी आ रही है।

लोकसभा में पेश किए गए आंकड़े

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद ने लोकसभा में जो आंकड़े पेश किए उसके अनुसार 2015 से 2019 तक पांच सालों में कुल 9,145 घुसपैठियों को पकड़ा गया और 21,348 घुसपैठियों को बांग्लादेश वापस भेज दिया गया। वहीं साल 2015 में कुल 3426 घुसपैठियों को गिरफ्तार और 5930 घुसपैठियों को वापस भेज दिया गया।

साल 2016 में पकड़े और वापस भेजे जाने वाले घुसपैठियों की संख्या क्रमश: 2075 और 5147 हो गई, जो कि साल 2019 में घटकर क्रमश: 1351 और 2175 रह गई। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद ने बताया कि सरकार द्वारा सीमा पर बहुस्तरीय सुरक्षा अपनाने से घुसपैठ को रोकने में यह सफलता मिली है।

घुसपैठ रोकने के लिए सख्त निगरानी

सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए 24 घंटे के निगरानी के साथ पोस्ट की संख्या भी बढ़ाई गई हैं। इसके साथ ही रात में घुसपैठ की आशंका वाले स्थानों पर फ्लड लाइट भी लगाए गए हैं।

सीमा के जिन स्थानों पर तार लगाना संभव नहीं है, वहां सेंसर और नाइट विजन कैमरों और रडार की मदद ली जा रही है। जिससे सीमा पर निगरानी आसाना और प्रभावी हो सकी है।

आइए सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए मोदी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर एक नजर डालते हैं-

जम्मू में दो स्मार्ट फेंसिंग तैयार
पाकिस्तानी आतंकियों ने सीमा पर सुरंग बनाकर भी घुसपैठ की कोशिशें की हैं। मोदी सरकार ने इसे रोकने के लिए बड़े और कड़े कदम उठाकर दिखाए हैं। जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पांच-पांच किलोमीटर के दो क्षेत्रों में स्मार्ट फेंसिग अब तैयार है। इसके जरिए सीमा पर निगरानी को पहले से कहीं अधिक स्मार्ट बनाने का काम किया गया है। अपनी तरह का यह पहला हाईटेक निगरानी सिस्टम है जिससे जमीन, पानी, हवा और अंडरग्राउंड में होने वाली किसी भी हलचल की सीधी जानकारी मिल सकेगी। इससे सीमा सुरक्षा बल के जवानों को बेहद दुर्गम क्षेत्रों में भी घुसपैठ रोकने में मदद मिलेगी।

मॉनिटरिंग सेंटर को मिलेगी हर जानकारी
Comprehensive Integrated Border Management System (CIBMS) के तहत यह स्मार्ट फेंस थर्मल इमेजर, इन्फ्रा-रेड और लेजर बेस्ड इन्ट्रूडर अलार्म जैसी सुविधाओं से लैस है। इसमें सतर्कता, निगरानी, संचार और डाटा स्टोरेज के लिए कई उपकरण लगे हैं। लेजर फेंस में कुछ विशेष उपकरणों को जोड़कर एक अदृश्य दीवार बनाई गई है, जिससे घुसपैठिए सीधे घिर जाएंगे। सुरंगों से होने वाली घुसपैठ का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक ग्राउंड सेंसर, जमीनी घुसपैठ के लिए फाइबर ऑप्टिकल सेंसर और पानी के रास्ते होने वाली घुसपैठ के लिए फेंस को सेंसर युक्त सोनार सिस्टम से लैस किया गया है। इन सबके सहारे घुसपैठियों की किसी भी हरकत को भांपना अब पहले से कहीं आसान है। सोमवार को इस स्मार्ट फेंस ने अपने परीक्षण में खरा उतरकर भी दिखाया। जम्मू के सीमांत इलाके हीरानगर के सामने पाकिस्तानी सीमा में रहने वाले लोगों की हरकतें स्पष्ट रूप से केंट्रोल रूम में दिखने लगीं। यानि सरकार अब चौबीसों घंटे इन सीमाओं की गतिविधियों से वाकिफ होती रहेगी।

अब ना नावेद घुस पाएगा, ना जैबुल्लाह!
पाकिस्तान किस प्रकार से अपने खतरनाक मंसूबों के साथ भारत में आतंक की घुसपैठ करवाता रहा है, इसके कई जिंदा उदाहरण भारतीय सुरक्षा बलों के कब्जे में आते रहे हैं। 

  • अगस्त 2015 में उधमपुर आतंकी हमले के बाद जिंदा पकड़े गए आतंकी मोहम्मद नावेद याकूब ने बताया कि वह पाकिस्तान के मुजफ्फरगढ़ इलाके से ताल्लुक रखता है।
  • जुलाई 2016 में कुपवाड़ा के नौगाम सेक्टर में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी बहादुर अली उर्फ सैफुल्ला ने खुलासा किया था कि लश्कर-ए-तैय्यबा ने घुसपैठ का अपना एक अलग नेटवर्क बना रखा है।  
  • इसी वर्ष मई में पकड़े गए पाक आतंकी जैबुल्लाह हमजा ने बताया कि पाकिस्तान में लश्कर के साथ उसने ट्रेनिंग ली थी, जहां हाफिज सईद और जकीउर रहमान लखवी जैसे आतंकी सरगनाओं ने उसका ब्रेनवॉश किया था।

स्मार्ट फेंस अब ऐसे आतंकियों का यमराज बनेगा।  

स्मार्ट फेंसिंग का होगा व्यापक विस्तार
इजरायल अपनी सीमांओं की सुरक्षा के लिए ऐसे फेंस का उपयोग करने में माहिर रहा है और भारत की ये परियोजना भी उसी की तर्ज पर है। सबसे खास बात ये है कि खराब मौसम भी इस सिस्टम की कार्यप्रणाली पर कोई असर नहीं डाल सकेगा। घना कोहरा हो, तूफान हो या बाढ़ की स्थिति, ऐसे विपरीत हालात में भी सीमा की सुरक्षा से संबंधित अलर्ट करने में सक्षम तंत्र है ये। CIBMS के तहत आने वाले समय में स्मार्ट फेंसिंग को जम्मू कश्मीर से लेकर असम तक पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगी 2400 किलोमीटर की भारतीय सीमा को पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए बढ़ाने की योजना है। 

 

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