ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की छवि पूरी दुनिया में एकदम बदल गई है। अब विश्व में भारत को सिर्फ एक शांतिप्रिय या विकासशील देश ही नहीं, बल्कि एक मजबूत, निर्णायक और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में देखा जा रहा है। आइए 10 प्वाइंट में देखते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर ने किस तरह से भारत की पहचान को नई ऊंचाई दी है और दुनिया भर में भारत की धाक किस तरह बढ़ी है।
1. आतंकवाद के खिलाफ भारत का सख्त और दमदार रुख
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर कर पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को एक साथ निशाना बनाया। भारतीय सेना ने एक घंटे से भी कम समय में आतंकियों के बड़े-बड़े ठिकाने तबाह कर दिए। इससे पूरी दुनिया को सीधा संदेश गया कि भारत अब सिर्फ बातें नहीं करता, बल्कि जरूरत पड़ने पर तुरंत और सटीक कार्रवाई भी करता है। यही वजह है कि आज भारत की गिनती उन देशों में होने लगी है जो आतंकवाद के खिलाफ सबसे आगे खड़े हैं।
2. भारत की सेना और तकनीकी ताकत का लोहा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद से ही पिछले कुछ सालों में भारत ने अपनी सेना और हथियारों को काफी मजबूत किया है। अब 65 प्रतिशत से ज्यादा रक्षा खरीद स्वदेशी है। इससे भारत की सैन्य ताकत और आत्मविश्वास दोनों बढ़े हैं। ऑपरेशन सिंदूर में भी 70 प्रतिशत से ज्यादा स्वदेशी हथियारों और तकनीक का इस्तेमाल हुआ। ब्रह्मोस मिसाइल, आकाश एयर डिफेंस, स्वदेशी ड्रोन और एआई-आधारित सिस्टम ने शानदार प्रदर्शन किया। अमेरिका और बाकी देशों के रक्षा विशेषज्ञ भी मान रहे हैं कि भारत ने आधुनिक युद्ध का नया तरीका दिखाया है, जिससे बाकी देश भी सीख सकते हैं।
3. सेना की बहादुरी और दुनिया में पहचान
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जो बहादुरी और तैयारी दिखाई, उसकी चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। अमेरिकी एक्सपर्ट्स ने भी कहा कि भारतीय सेना ने बहुत कम समय में सटीक और सफल ऑपरेशन कर दिखाया कि वह किसी भी चुनौती के लिए तैयार है। पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को नेस्तनाबूद कर देना और उसके बड़े ठिकानों को निशाना बनाना भारत की सैन्य क्षमता का बड़ा सबूत है।
4. प्रधानमंत्री मोदी की छवि और नेतृत्व
ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री मोदी की छवि एक मजबूत, निर्णायक और दूरदर्शी नेता के रूप में और निखरकर सामने आई है। दुनिया के नेताओं और मीडिया ने माना कि मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को असल में लागू कर दिखाया है। उनकी विदेश नीति और तुरंत फैसले लेने की क्षमता ने भारत की ब्रांडिंग को और मजबूत किया है। इतना ही नहीं देश के भीतर भी मोदी सरकार पर जनता का भरोसा और बढ़ा है।
5. कूटनीतिक मोर्चे पर भारत की कामयाबी
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर घेरने के लिए जबरदस्त कूटनीति अपनाई। भारत ने 32 देशों में अपने नेताओं और राजदूतों को भेजा, ताकि पाकिस्तान की असलियत सबके सामने आए और आतंकवाद के खिलाफ अभियान में भारत को समर्थन मिले। अमेरिका, रूस, यूरोप, खाड़ी देश, जापान जैसे बड़े देशों ने भारत के कदम का खुलकर समर्थन किया। डेनमार्क जैसे देश, जो यूरोपीय संघ की अध्यक्षता संभालने जा रहे हैं, उन्होंने भी भारत की तारीफ की। इससे भारत की छवि और मजबूत हुई कि वह आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक नेतृत्व कर सकता है।
6. पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हालत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और खराब हो गई।एफएटीएफ, आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक जैसे मंचों पर पाकिस्तान की स्थिति कमजोर हुई। उसे सिर्फ चीन और तुर्की जैसे गिने-चुने देशों का साथ मिला, जबकि भारत के पक्ष में दुनिया के बड़े देश आ गए। आतंकियों के जनाजों में पाकिस्तानी सेना और नेताओं की मौजूदगी पर भी सवाल उठे। इससे पाकिस्तान की छवि एक आतंकी समर्थक देश की बन गई है।
7. प्रवासी भारतीयों और आम जनता का जोश
दुनिया भर में बसे भारतीयों ने भी भारत सरकार के फैसले का खुलकर समर्थन किया। सोशल मीडिया, रैलियों और सभाओं के जरिए भारत के रुख को दुनिया तक पहुंचाया गया। देश में भी बच्चों ने चित्र बनाए, युवाओं ने कविताएं लिखीं और कई जगह नवजात बच्चों का नाम ‘सिंदूर’ रखा गया, जिससे देशभक्ति की भावना और मजबूत हुई।
8. भारत की विदेश नीति और नई साझेदारियां
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की विदेश नीति को नई मजबूती मिली है। क्वाड, जी20, ब्रिक्स जैसे मंचों पर भारत की आवाज और प्रभाव बढ़ा है। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, जापान, फ्रांस, इजरायल जैसे देशों के साथ रक्षा और साइबर सुरक्षा साझेदारी मजबूत हुई है। भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियों पर भी अब पूरी दुनिया भरोसा करने लगी है।
9. भारत की छवि में ऐतिहासिक बदलाव
अब भारत को एक जिम्मेदार, निर्णायक, तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर और वैश्विक रणनीति के केंद्र के रूप में देखा जा रहा है। आतंकवाद के खिलाफ भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति और त्वरित कार्रवाई ने उसकी साख को नई ऊंचाई दी है। भारत अब सिर्फ सुनने वाला नहीं, बल्कि बोलने और नेतृत्व करने वाला देश बन गया है।
10. नया भारत, नई पहचान
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की वैश्विक छवि पूरी तरह बदल गई है। अब भारत को एक ऐसे देश के रूप में देखा जा रहा है, जो न सिर्फ अपनी सुरक्षा के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए आतंकवाद के खिलाफ खड़ा है। भारत की सैन्य ताकत, कूटनीतिक क्षमता, तकनीकी आत्मनिर्भरता और नेतृत्व ने उसे वैश्विक मंच पर एक नया मुकाम दिलाया है। आज भारत की आवाज़ दुनिया में सुनी जाती है, और उसकी ताकत का लोहा हर कोई मान रहा है