भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने और भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए बुधवार (13 जनवरी) को मोदी सरकार ने एक बड़े रक्षा सौदे को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल समिति की बैठक में 83 तेजस विमानों की खरीदी के लिए 48 हजार करोड़ रुपये जारी करने की स्वीकृति दी गई। सीमा पर चीन से तनातनी के बीच यह फैसला देश की सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक में यह फैसला किया गया। यह सौदा भारतीय रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिये गेम चेंजर होगा।’’ उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर तैयार किये जाने वाले एलसीए तेजस से जुड़ी इस खरीद पर लागत करीब 48000 करोड़ रुपये आयेगी।
The LCA-Tejas programme would act as a catalyst for transforming the indian aerospace manufacturing ecosystem into a vibrant Atmanirbhar-self-sustaining ecosystem. I thank the Prime Minister Shri @narendramodi for this historic decision taken by the CCS today.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 13, 2021
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से भारतीय वायु सेना के लिए 83 तेजस विमान खरीदे जाएंगे, जिनमें 73 हल्के लड़ाकू विमान तेजस एमके-1ए और 10 तेजस एमके-1 प्रशिक्षण विमान शामिल हैं। हल्का लड़ाकू विमान एमके-1ए का डिजाइन एवं विकास स्वदेशी स्तर पर किया गया है और यह चौथी पीढ़ी के लड़ाकू विमान से जुड़े अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित है।
तेजस को चौथी पीढ़ी के सबसे उन्नत और सबसे हल्के लड़ाकू विमानों में गिना जाता है। ये अपने मूल वैरिएंट में 43 बदलावों के बाद अप्रूव हुई है। एलसीए-तेजस कम ऊंचाई पर उड़ते हुए सुपरसोनिक स्पीड से दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है। ऊंचाई कम होने की वजह से ये कई बार दुश्मन के रडार को भी चमका देने में कामयाब रहता है। तेजस मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसका इस्तेमाल एयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड स्ट्राइक में किया जाता है।
मौजूदा समय में भारतीय वायुसेना में तेजस से लैस दो स्क्वॉड्रन हैं। पिछले साल स्क्वॉड्रन नंबर 45 खास तौर पर तेजस के साथ बनाया गया था, जिसका नाम Flying Daggers रखा गया है। हालांकि नए तेजस विमान पहले मिल चुके तेजस से और भी ज्यादा बेहतर होंगे। तेजस की खासियत है कि ये कम जगह से भी उड़ान भर सकता है। यह एक बार में 23 हजार किलोमीटर की दूरी तय करता है और हवा में ईंधन भरा जा सकता है।