भारत में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान लोग जमकर पैसा खर्च करते हैं और इसके साथ ही कंपनियों का कारोबार भी बढ़ता है। इसका सीधा असर देश में नौकरियों पर भी पड़ता है। पीएम मोदी की दूरदर्शी नीतियों के चलते भारत अक्टूबर से दिसंबर के बीच दुनियाभर में सबसे ज्यादा नौकरियां पैदा करने वाला देश बन सकता है। मैनपावर ग्रुप के एम्प्लॉयमेंट आउटलुक सर्वे के मुताबिक वर्ष 2024-25 की दिसंबर तिमाही में वैश्विक स्तर पर भारतीय कॉरपोरेट जगत में नियुक्तियां होने की स्थिति सबसे मजबूत है। भारतीय कंपनियां देश की आर्थिक स्थिति को लेकर उत्साहित हैं और 37% नियोक्ता अक्टूबर से दिसंबर के बीच अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। देश में सबसे अधिक हायरिंग करने के मूड में फाइनेंस और रियल एस्टेट सेक्टर की कंपनियां हैं। इन दोनों क्षेत्रों की 47% कंपनियां हायरिंग करने की तैयारी में हैं। साथ ही आइटी सेक्टर की 46% कंपनियां भी कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने को लेकर आश्वस्त हैं।
42 देशों में भारत की कंपनियां हायरिंग को लेकर सबसे ज्यादा पॉजिटिव
इकोनॉमिक टाइम्स ने मैनपावर ग्रुप एम्प्लॉयमेंट आउटलुक के ग्लोबल सर्वे के हवाले से दावा किया कि 42 देशों में भारत की कंपनियां हायरिंग को लेकर सबसे ज्यादा पॉजिटिव हैं। इस सर्वे में अलग-अलग सेक्टर की 3,150 भारतीय कंपनियों को शामिल किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, इंडिया इंक में पिछली तिमाही के मुकाबले नौकरियां देने को लेकर ज्यादा उत्साह है। इस आंकड़े में 7 फीसदी का उछाल आया है। इसके अलावा ग्लोबल एवरेज से यह आंकड़ा 12 फीसदी ज्यादा है।
सर्वे में शामिल आधी कंपनियां ज्यादा जॉब देने की तैयारियों में जुटीं
सर्वे में शामिल 50 फीसदी कंपनियों ने कहा कि वो ज्यादा युवाओं को नौकरियां देंगे। सिर्फ 13 फीसदी कंपनियां ही हायरिंग को लेकर उत्सुक नहीं दिखाई दीं। साथ ही 34 फीसदी ने कहा कि वह अपने वर्कफोर्स से संतुष्ट हैं। इनमें से 3 फीसदी अभी तक तय नहीं कर पाए हैं। मैनपावर ग्रुप इंडिया और मिडिल ईस्ट के एमडी संदीप गुलाटी के मुताबिक मोदी सरकारी की विजनरी नीतियों के चलते देश की आर्थिक स्थिति मजबूत है। इसका असर हायरिंग में भी दिखाई दे रहा है। भारत में घरेलू खपत ज्यादा है। सरकार भी अपना खर्च बढ़ा रही है। साथ ही मैन्युफैक्चरिंग और आउटसोर्सिंग डिमांड भी बढ़ रही है।
इकोनॉमी बढ़ने के साथ बेरोजगारी अपने-आप ही कम होगी- आरबीआई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस साल फेस्टिव सीजन के दौरान दुनिया में सबसे ज्यादा नौकरियां भारत में पैदा होने वाली हैं। इंडिया इंक का हायरिंग सेंटीमेंट फिलहाल दुनिया में सबसे ज्यादा है। दिसंबर तिमाही में इसका असर नौकरियों पर साफ दिखाई देगा। इस सर्वे के मुताबिक 25% कंपनियां ग्लोबल स्तर पर दिसंबर तिमाही में हायरिंग को तैयार हैं। यह सितंबर तिमाही के 22% से 3% ज्यादा है। पिछले हफ्ते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि भारत की इकोनॉमी तेजी से आगे बढ़ रही है। हम मजबूत स्थिति में हैं। सरकार की तरफ से स्किल डेवलपमेंट पर जबरदस्त काम किया जा रहा है। इकोनॉमी के मजबूत होने के साथ ही बेरोजगारी और कम होती जाएगी।
देश में 100 में से 37 कंपनियों ने अगले कुछ ही महीने में भर्तियां शुरू करेंगी
नौकरी की बाट जोह रहे युवाओं के लिए हालिया सर्वे में बड़ा खुलासा हुआ है। दुनियाभर में सबसे ज्यादा नौकरियां भारत में आने की संभावना है। यहां 100 में से 37 कंपनियों ने अगले कुछ महीने में भर्तियां शुरू करने की बात कही है। मैनपावरग्रुप रोजगार परिदृश्य सर्वेक्षण 2024 चौथी तिमाही के अनुसार, भारत में शुद्ध रोजगार परिदृश्य 37 प्रतिशत के साथ दुनियाभर में सबसे मजबूत है. इसके बाद कोस्टारिका 36 प्रतिशत और अमेरिका 34 प्रतिशत के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। शुद्ध रोजगार परिदृश्य (एनईओ) की गणना कर्मचारियों की संख्या में कटौती की आशंका रखने वाले नियोक्ताओं के प्रतिशत से नियोक्ताओं को काम पर रखने की मंशा रखने वाले नियोक्तओं के प्रतिशत को घटाकर की जाती है। मैनपावरग्रुप रोजगार परिदृश्य सर्वेक्षण 2024 की चौथी तिमाही को लेकर जारी अनुमान में कहा गया है कि कैलंडर वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में वैश्विक स्तर पर भारतीय कॉरपोरेट जगत में नियुक्ति की धारणा सबसे मजबूत है। कंपनियां देश की आर्थिक स्थिति को लेकर उत्साहित हैं।
देश में सबसे ज्यादा उत्तर भारत में युवाओं को मिलेंगी जॉब
दुनियाभर के साथ यदि हम भारत के विभिन्न राज्यों को बात करें तो सर्वेक्षण के अनुसार भारत का उत्तरी क्षेत्र 41 प्रतिशत की संभावना के साथ नौकरी की मांग में सबसे आगे है। इसके बाद 39 प्रतिशत के साथ पश्चिमी क्षेत्र का स्थान है। भारत और सिंगापुर में रोजगार परिदृश्य मजबूत बना है। हांगकांग में नियोक्ता रोजगार को लेकर सबसे अधिक सतर्क रहे हैं। सर्वेक्षण एक से 31 जुलाई 2024 के बीच मिले जवाबों पर आधारित है। मैनपावरग्रुप (भारत व पश्चिम एशिया) के प्रबंध निदेशक संदीप गुलाटी के मुताबिक, ‘नियोक्ताओं की नियुक्ति की मंशा देश की आर्थिक स्थिति में सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाती है। इसे बहुपक्षीय विदेश नीतियों और बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचे के विकास के परिणामस्वरूप निर्यात द्वारा मजबूत किया गया है। साथ ही हमारा जनसांख्यिकीय लाभ है जिससे वैश्विक बाजार में हमारी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
भारत में सबसे ज्यादा और चीन में सबसे कम कंपनियां करेंगी हायरिंग
ग्रुप के रोजगार परिदृश्य सर्वेक्षण के अनुसार, भारत के बाद कोस्टारिका 36 प्रतिशत शुद्ध रोजगार परिदृश्य के साथ दुनियाभर में दूसरे और अमरीका 34 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है। अगली तिमाही में सिंगापुर और चीन के साथ ब्रिटेन, आयरलैंड, नीदरलैंड, ब्रीजल सहित कई अन्य देशों की कंपनियां भी हायरिंग करने की तैयारी में है। वैश्विक स्तर पर 25 प्रतिशत कंपनियां अगली तिमाही में अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ा सकती हैं। वैश्विक आंकड़ों के मुताबिक भारत में सबसे ज्यादा 37 प्रतिशत और चीन में सबसे कम 27 प्रतिशत कंपनियां हायरिंग करेंगी। भारत में सबसे ज्यादा 47 प्रतिशत फाइनेंस में और सबसे कम 28 प्रतिशत टेलीकॉम सेक्टर में नई भर्तियां होंगी।