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रूस-यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता कर सकता है भारत, पुतिन ने पीएम मोदी को बोला थैंक्यू, रूसी विदेश मंत्री ने की भारत की तारीफ

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रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वैश्विक कूटनीति में काफी उथल-पुथल देखने को मिल रहा है। अमेरिका और पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों से रूस पर भारी दबाव है। ऐसे में भारत की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो गई है। रूस-यूक्रेन संकट का हल भारत की पहल से निकलने की उम्मीद जतायी जा रही है। इसका संकेत रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भारत दौरे और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलकात से मिले है। मीडिया से बात करते हुए रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत एक महत्वपूर्ण देश है। वो रूस-यूक्रेन विवाद में मध्यस्थता कर सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भारतीय प्रधानमंत्री मोदी को थैंक्यू कहा है।

पीएम मोदी को मिला पुतिन का खास संदेश

शुक्रवार को सर्गेई लावरोव ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। उन्होंने ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात की तस्वीरें शेयर कीं। लावरोव ने इस दौरान अपने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का खास संदेश भी प्रधानमंत्री मोदी तक पहुंचाया। पीएमओ की ओर से जारी बयान के मुताबिक,40 मिनट तक चले मुलाकात में लावरोव ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन में चल रही शांति वार्ता सहित वहां के हालात के बारे में जानकारी दी। वहीं, प्रधानमंत्री मोदी ने हिंसा खत्म करने की अपील को दोहराया और कहा कि भारत शांति प्रयासों में किसी भी तरह से योगदान करने के लिए तैयार है।

भारत कूटनीति के जरिये विवाद सुलझाने का पक्षधर

प्रधानमंत्री मोदी से मिलने से पहले सर्गेई लावरोव ने भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर के साथ भी बैठक की। दोनों देशों के नेताओं ने यह भी माना कि ये बैठक कठिन अंतरराष्ट्रीय वातावरण में हो रही है। एस. जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा से मतभेदों या विवादों को बातचीत तथा कूटनीति के जरिये सुलझाने का पक्षधर रहा है। द्विपक्षीय मुद्दों और परस्पर चिंताओं पर व्यापक रूप से विचार-विमर्श किया जाएगा।

भारत के दबावरहित तटस्थ रूख की तारीफ

युद्ध के दौरान भारत के तटस्थ रूख की तारीफ करते हुए लावरोव ने कहा कि भारत बिना किसी दबाव में आए सूझबूझ के साथ आगे बढ़ रहा है। मेरा मानना ​​है कि भारतीय विदेश नीति की खासियत बिना किसी दबाव में आए अपने राष्ट्रीय हितों पर ध्यान केंद्रित करना है। रूसी संघ में इसी तरह की नीति है, यह हमें बड़ा देश बनाती है और यही हमें अच्छा और वफादार दोस्त और भागीदार बनाती है।

भारत की तार्किक मध्यस्थता मंजूर- लावरोव

रूस और यूक्रेन के बीच भारत मध्यस्थ बन सकता है, इस सवाल पर लावरोव ने कहा कि भारत एक महत्वपूर्ण देश है। अगर भारत ऐसी भूमिका निभा सकता है जिसमें वो तार्किक रहते हुए अंतरराष्ट्रीय मसलों को सुलझाने के सुझाव दे सके तो हमें भारत की यह भूमिका मंजूर होगी। लावरोव का यह बयान काफी अहम है, क्योंकि दो दिन पहले ही यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने भी जंग रोकने के लिए भारत को रूस के साथ अपने प्रभाव का उपयोग करने की बात कही थी। कुलेबा ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री मोदी उस भूमिका को निभाने के इच्छुक हैं, तो हम उनके प्रयासों का स्वागत करेंगे।

कोई दबाव पार्टनरशिप को प्रभावित नहीं कर पाएगा-लावरोव

क्या भारत पर अमेरिकी दबाव भारत-रूस संबंधों को प्रभावित करेगा? इस सवाल पर रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि मुझे इस बात में कोई शक नहीं है कोई दबाव हमारी पार्टनरशिप को प्रभावित नहीं कर पाएगा। वे (अमेरिका) दूसरे देशों को अपनी पॉलिटिक्स फॉलो करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। अतीत में कई मुश्किल मौकों पर भी दोनों देशों के बीच संबंध चिरस्थायी बने रहे हैं। उन्होंने कहा है कि भारत और रूस की रणनीतिक साझेदारी मास्को की प्राथमिकता रही है। रूस निश्चित रूप से विश्व व्यवस्था संतुलन रखने में रुचि रखता है।

 

 

 

 

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