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मोदी सरकार में विमान निर्माण के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा भारत, पिछले सात वर्षों में हवाई अड्डों की संख्या हुई दोगुनी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश का एविएशन सेक्टर तेजी से प्रगति कर रहा है। मोदी सरकार ने नए विमान और एयरपोर्ट के निर्माण, पुराने हवाई अड्डों के आधुनिकीकरण और देश के छोटे शहरों को नए हवाई मार्गों से जोड़ने के लिए कई उल्लेखनीय कार्य किया है। गुरुवार (09 दिसंबर, 2021) को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा में बताया कि भारत विमान और बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा है। बोइंग और टाटा की संयुक्त उपक्रम टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड (टीबीएएल) अपाचे हेलीकॉप्टर की बॉडी हैदराबाद स्थित संयंत्र में बना रहा है। टीबीएएल संयंत्र से निकले एएच-64 अपाचे हेलीकॉप्टर के बॉडीज बोइंग के सभी ग्राहकों को डिलिवर किए जा रहे हैं, जिनमें अमेरिकी सेना समेत दुनियाभर के 15 अन्य देश शामिल है।

एयरबस डिफेंस एंड स्पेस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) ने ‘सी-295’ परिवहन विमानों के निर्माण के लिए अनुबंध किया है। यह भारत में उड्डयन और वैमानिकी परियोजनाओं की शुरुआत करने की दिशा में एक ‘‘बड़ा कदम’’ है। ये विमान भारतीय वायुसेना के एव्रो-748 विमानों का स्थान लेंगे। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विमान निर्माण के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। एचएएल ने पहला सिविल विंग वायुयान हिंदुस्तान-228 बनाया, जो डोर्नियर-228 का भारतीय संस्करण है। केंद्र सरकार के वित्त पोषण से देश में ही छह नागरिक विमानों की मैन्युफैक्चरिंग की जा रही है। क्षेत्रीय परिवहन को बढ़ावा देने के लिए देश में 19-सीटर हल्के परिवहन विमान का भी उत्पादन हो रहा है। एचएएल द्वारा एएलएच-ध्रुव (उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर) का भी उत्पादन किया जा रहा है।

‘उड़ान’ योजना की ऊंची उड़ान

देश के छोटे शहरों को हवाई मार्गों से जोड़ने में ‘उड़ान’ योजना काफी सफल रही है। इस योजना के तहत अब तक 387 मार्गों और 63 हवाई अड्डों का संचालन किया जा चुका है, जिनमें से 100 मार्ग अकेले उत्तर-पूर्व के हैं। 2014 में पूर्वोत्तर में केवल 6 हवाई अड्डे चालू थे, अब उनकी संख्या बढ़कर 15 हो गई है। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने एविएशन सेक्टर में किसानों के हित में एक नई पहल की है। कृषि-उत्पादों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने और उसे जल्द बाजार तक पहुंचाने के लिए कृषि उड़ान योजना 2.0 शुरू की है। इस योजना के पहले चरण के लिए कुल 53 हवाई अड्डों का चयन किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि देश के छोटे शहरों में हवाई सेवाएं उपलब्ध हों, जिसका लाभ आम आदमी और किसानों को मिल सके।

एयरपोर्ट की संख्या 220 तक बढ़ाने की योजना

पिछले सात वर्षों में हवाई अड्डों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। 2014 में हवाई अड्डों की संख्या 74 थी, जो बढ़कर 2021 में 138 हो गई है, जिसे अगले चार से पांच वर्षों में 220 तक बढ़ाने की योजना है। इसके तहत प्रधानमंत्री मोदी ने 25 नवंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की आधारशिला रखी। यह एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक होगा। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 20 अक्टूबर, 2021 को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 589 एकड़ में फैले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा का उद्घाटन किया था।

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