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नवजोत सिद्धू की पिच पर कैप्टन के दनादन शॉट, तीन ‘विकेट’ उखाड़े, एडवोकेट गौरसी के बाद पूर्व विधायक हरजिंदर सिंह ठेकेदार भी कैप्टन के पाले में आए

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पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आजकल सिद्धू की पिच पर ही राजनीतिक बैटिंग करने में लगे हुए हैं। गत दिनों जहां प्रवक्ता रहे प्रीतपाल बलियावाल को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस जॉइन करवाई थी। वहीं पूर्व विधायक हरजिंदर सिंह ठेकेदार ने अब पंजाब लोक कांग्रेस जॉइन कर ली है। ठेकेदार का कहना है कि अब कांग्रेस पहले की तरह रही ही नहीं है। इससे पहले कैप्टन ने पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PPCC) के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के अमृतसर हल्का ईस्ट के कांग्रेसी सीनियर लीडर एडवोकेट संदीप गौरसी को अपने साथ जोड़ा था।

 

अमृतसर में कैप्टन अमरिंदर का एक और शॉट
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से नाराज चल रहे कांग्रेसियों को इकट्‌ठा करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अमृतसर में एक और शॉट खेल दिया है। प्रदेश कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू के जिले के पूर्व विधायक हरजिंदर सिंह ठेकेदार ने अब पंजाब लोक कांग्रेस जॉइन कर ली है। ठेकेदार का कहना है कि कांग्रेस ने उस व्यक्ति को बेगानी पार्टी से आए व्यक्ति के लिए कुर्सी से हटा दिया, जिसने हमेशा कांग्रेस, पंजाब और किसानों की सोची थी। हरजिंदर सिंह ने बताया कि वह साउथ हलके से मैदान में उतरेंगे। जल्द ही वह साउथ हलके में बैठकें व रैलियां भी शुरू कर देंगे।दो बार अमृतसर साउथ से विधायक रह चुके हैं ठेकेदार
गौरतलब है कि हरजिंदर सिंह ठेकेदार 2002 से 2007 में साउथ से ही विधायक चुने गए थे। लेकिन 2007 में विधायक इंद्रबीर सिंह बुलारिया के पिता रमिंदर सिंह बुलारिया से हार गए। 2017 में इंद्रबीर सिंह बुलारिया ने नवजोत सिंह सिद्धू के साथ ही कांग्रेस जॉइन की थी। इस कारण इस सीट से हरजिंदर सिंह ठेकेदार की टिकट कट गई थी। लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह और सिद्धू के बीच जब मनमुटाव शुरू हुआ था तो कैप्टन तभी से ही हरजिंदर सिंह ठेकेदार को साउथ हलके में अपनी सरगर्मी तेज करने के लिए कहते थे। 2019 में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री रहते हुए ठेकेदार को पंजाब राज्य बैकवर्ड क्लास लैंड डेवलपमेंट एंड फाइनेंस कोर्पोरेशन का चेयरमैन नियुक्त किया था। इंडियन नेशनल कांग्रेस में भी उन्हें जनरल सेक्रेटरी का पद दिया गया था।

कांग्रेस लीगल सेल के वाइस चेयरमैन गौरसी कैप्टन के पाले में आए
ठेकेदार से पहले PPCC लीगल सेल के वाइस चेयरमैन रह चुके एडवोकेट संदीप गौरसी ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कांग्रेस मेंबरशिप से इस्तीफा दे दिया था। अब उनकी कैप्टन अमरिंदर सिंह तकरीबन दो घंटे की मुलाकात पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी जॉइन कर ली है। उन्होंने कहना था कि कांग्रेस की माझा ब्रिगेड हमेशा ही कैप्टन के न मिलने की शिकायतें करती थी। लेकिन ऐसा नहीं था, माझा ब्रिगेड ने ऐसा कह कर हमेशा ही लोगों और कांग्रेस वर्करों को गुमराह किया था। मीटिंग के दौरान कैप्टन अमरिंदर सिंह ने संदीप गौरसी को सिरोपा भेंट करके सम्मानित भी किया।सिद्धू कर रहे थे कांग्रेसी वर्करों को नजरअंदाज, इसलिए खफा थे
संदीप गौरसी ने कांग्रेसी रहते हुए अनिल जोशी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। जोशी तब निकाय मंत्री थे। गौरसी ने इस दौरान एक स्कैंडल उभारा था, जिसे उन्होंने अनिल जोशी के साथ जोड़ा था। तब उनके खिलाफ कई एफआईआर भी दर्ज हुई थी। लेकिन गौरसी पीछे न हटे और लंबे समय तक अनिल जोशी के सामने डटे रहे। पिछने सप्ताह ही संदीप गौरसी ने नवजोत सिंह सिद्धू को अपना इस्तीफा भेजा था, जिसमें उन्होंने नवजोत सिंह सिद्धू से नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने सिद्धू पर आरोप लगाए थे कि उनकी नजरअंदाजी के कारण वर्कर नाराज हो रहे हैं, जिसके चलते वह कांग्रेस की मैंबरशिप से इस्तीफा दे रहे हैं।

पंजाब में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे
पंजाब विधानसभा चुनाव के मैदान में पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ताल ठोक दी है। बड़ा सियासी पासा फेंकते हुए अमरिंदर सिंह ने दावा किया है कि इस बार पंजाब की जनता उनके साथ है और चुनवों के बाद उनके हाथों में होगी पंजाब की कमान। अमरिंदर सिंह ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि 2022 में पंजाब में उनकी सरकार बनने वाली है, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि वे पंजाब में अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे और सीट शेयरिंग के लिए बीजेपी से भी बात करेंगे। अमरिंदर सिंह ने महज एक दिन पहले हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्‌टर से मुलाकात की है। 

सीएम खट्टर से अमरिंदर की मुलाकात

कैप्टेन अमरिंदर सिंह का कहना है कि कांग्रेस के कई बड़े नेता उनके समपर्क में है और सही वक्त पर उनमें साथ आने को तैयार हैं। अमरिंदर सिंह के इस दावे से पंजाब में कांग्रेस की टेंशन बढ़नी तय है। यही वजह है कि कांग्रेस सरकार अमरिंदर सिंह की तकत को कम करने की हर संभव कोशिश कर रही है। हाल ही में कैप्टन के करीबी माने जाने वाले पटियाला नगर निगम के मेयर संजीव शर्मा बिट्‌टू को सस्पेंड किया गया, साथ ही उनकी पत्नी और पटियाला से लोकसभा मेंबर महारानी परनीत कौर को भी शोकॉज नोटिस जारी किया जा चुका है।

पहली बार होगा पंजाब में चतुष्कोणीय मुकाबला
कैप्टेन अमरिंदर सिंह विधानसभा चुनावों के दौरान बीजेपी के लिए प्रचार का ऐलान भी कर चुके हैं। साफ है कि पंजाब में इस बार चुनावी गणित कैप्टन अमरिंदर सिंह की वजह से पूरी तरह उल्टे-पुल्टे हो चुका है। किसी के लिए ये अंदाज लगाना मुश्किल हो चुका है कि पंजाब में चुनावी ऊंट किस करवट बैठेगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह फैक्टर की वजह से पंजाब में पहली बार चतुष्कोणीय मुकाबले की जमीन तैयार हो चुकी है। 

अमरिंदर की एंट्री से कांग्रेस-आप में खलबली

2014 में केजरीवाल की पार्टी ने पहली बार पंजाब के चुनाव मैदान में कदम रखा था। साल 2017 तक आप पंजाब में दूसरे नंबर की पार्टी बन गई। लेकिन, इसबार कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस के जीत के दावे से और चुनावी मैदान में विरोधियों को टक्कर देने के लिए बीजेपी के साथ रणनीति तैयार करने के ऐलान से कांग्रेस और आप जैसे दलों में खलबली मची हुई है। पंजाब में विधानसभा चुनावों में जो समीकरण बन रहे हैं उनमें टक्कर मुख्य रूप से इनके बीच तय है। 

  • सत्ताधारी कांग्रेस
  • आम आदमी पार्टी
  • शिरोमणि अकाली दल-बसपा गठबंधन
  • पंजाब लोक कांग्रेस-बीजेपी

पंजाब विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस को बड़ा नुकसान

साल 2019 के चुनाव में बालाकोट स्ट्राइक के बाद राष्ट्रवाद की लहर पर सवार बीजेपी पूरे देश में छा गई तब भी कैप्टन अमरिंदर ने राज्य में कांग्रेस को थामे रखा था, ये अमरिंदर सिंह की मेहनत का नतीजा था कि उन चुनावों में कांग्रेस को पहले से ज्यादा सीटें मिली थीं। लेकिन कांग्रेस से बदले में उन्हें धोखा मिला।  पंजाब कांग्रेस के भीतर कलह आम बात है, हर रोज नवजोत सिद्धू और सीएम चन्नी के बीच तनातनी खबरें सुर्खियां बटोरती रहती हैं। इधर अमरिंदर सिंह भी कांग्रेस में हुए अपमान का बदला लेने की कसम खा चुके हैं। ऐसे में इतना तय का है कि पंजाब विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस को बड़ा नुकसान होने वाला है।

 

क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ पंजाब के वोटरों की सहानुभूति भी और उनके मन में उनके द्वारा किए गए विकास के कामों की छाप भी है। चंद दिनों पहले ही कैप्टन मरिंदर सिंह ने पीएम मोदी के कृषि कानूनों की वापसी के फैसले दिल खोलकर तारीफ की थी और इसे सिख समुदाय, पंजाब और देशहित में ऐतिहासिक फैसला बताया था। 

एक अंग्रेजी अखबार में लिखे लेख में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पीएम मोदी की दिल खोलकर तारीफ की थी, अमरिंदर सिंह ने कहा था कि कृषि कानूनों पर प्रधानमंत्री के फैसले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे जनमत का सम्मान करते हैं। 

अमरिंदर ने पीएम मोदी की थी दिल खोलकर तारीफ

अपने लेख में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लिखा कि-इस वर्ष, श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की इस घोषणा के साथ और भी खास हो गया कि तीन कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया जाएगा और करतारपुर साहिब कॉरिडोर को फिर से खोल दिया जाएगा। कोई भी राष्ट्रवादी, कोई भी व्यक्ति जो हमारे किसान और कृषि क्षेत्र के कल्याण के बारे में सोचता है, इस घोषणा का स्वागत करेगा। आंदोलन करने वाले किसानों के साहस को सलाम  करते हुए, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उम्मीद जाहीर की है कि पीएम मोदी के ऐलान से कृषि कानूनों को लेकर बीते कई महीनों से जारी उथल-पुथल का अंत हो जाएगा।

बिना किसी शर्त के पीएम मोदी ने कृषि कानून वापस लिए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ करते हुए अमरिंदर सिंह ने लिखा कि देश के किसानों के आंदोलन पर पीएम मोदी के फैसले में कोई सशर्त या चरणबद्ध वापसी जैसी बात नहीं है और उन्होंने दृढ़ निर्णय लिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मोदी सरकार के साहस की तारीफ करते हुए लेख में लिखा है कि किसी और तरीके से या फिर संसद में कृषि कानूनों की वापसी का ऐलान ज्यादा आसान था। लेकिन पीएम मोदी ने इसकी घोषणा स्वयं की है, इसमें किसी की जीत या हार वाली भावना नहीं थी, इसलिए पीएम मोदी के फैसले को “चढ़ाई” या “कमजोरी” के रूप में देखना सही नहीं होगा। अमरिंदर सिंह ने कहा है-लोकतंत्र में लोगों की इच्छा सुनने से बड़ा कुछ नहीं होता और ऐसा करने वाले नेता से बड़ा कोई लोकतांत्रिक नहीं होता।

पीएम मोदी के फैसले से देश के दुश्मनों की साजिश नाकाम 
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने इस आंदोलन की आड़ में देश के दुश्मनों की साजिश और देश पर मंडराते खतरे की ओर इशारा करते हुए कहा कि आंदोलन को लेकर जमीन पर कड़वाहट तीखी होती जा रही थी, हमारे राष्ट्र के प्रति लोगों की वफादारी पर सवाल उठाए जा रहे थे, यह उन विदेशी ताकतों के लिए एक रैली स्थल बन गया था, जो भारत की एकता को नष्ट करना चाहते हैं। पाकिस्तान जैसे राष्ट्र, जिन्होंने हमें युद्ध के मैदान में कभी नहीं हराया और न ही हम उनसे कभी हारेंगे, हमारे गर्व और देशभक्त किसानों का इस्तेमाल कर प्रॉक्सी वॉर के लिए रणनीति तैयार कर रहे थे।

लेकिन पीएम मोदी के कृषि कानूनों को खत्म करने के एलान से देश के खिलाफ हो रही साजिशों पर विराम लग गया है। देश के विकास में किसानो के अहम योगदान को याद करते हुए अमरिंदर सिंह ने कहा है कि यह राजनीति का समय नहीं है, कम से कम किसानों से संबंधित मुद्दों पर राजनीति नहीं होना चाहिए। हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है, यह हमारे किसान हैं जो हमारे देश का पेट भरते हैं।

राजनीति के लिए न हो सिख धर्म का इस्तेमाल

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिख समुदाय से आग्रह करते हुए कहा था कि सिख धर्म का इस्तेमाल राजनीति के लिए न हो। 1980 के दशक की याद दिलाते हुए उन्होंने कहा है कि अगर कोई इस पर राजनीति करेगा तो जनता उन्हें सबक सिखाएगी। अपने लेख में पीएम मोदी की तारीफ करते हुए अमरिंदर सिंह ने आगे लिखा है। कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा एक शुभ दिन पर हुई, प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव जी और गुरु गोबिंद सिंह जी का हवाला दिया। उन्होंने अपने संबोधन में ‘क्षमा भाव’ शब्द का प्रयोग किया। इस घोषणा से कुछ ही दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने भक्तों के लिए करतारपुर कॉरिडोर खोलने का ऐलान किया था। पिछले एक साल में उन्होंने दिल्ली के दो गुरुद्वारों में नमन किया है, श्री गुरु ग्रंथ साहिब के अफगानिस्तान से लौटने पर और हमारे देश में एक विशेष सम्मान मिलने पर किस सिख को खुशी नहीं हुई।

अमरिंदर सिंह ने कहा है कि सिख समुदाय कट्टर देशभक्त हैं, उन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए मुगलों और अंग्रेजों से जंग किया, भारत में सिखों ने राष्ट्रपति, प्रधान मंत्री, कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, सेना प्रमुख, शीर्ष बिजनेस टाइकून, अभिनेता, कलाकार के तौर पर सफलता के झंडे गाड़े और कई क्षेत्रों में बड़ा नाम कमाया है, प्रधानमंत्री ने भी अपने संबोधन में सिख युवाओं को स्नेह और सुलह का संदेश दिया है, अमरिंदर सिंह ने लिखा है-

मैंने हमेशा कहा है कि एक सीमावर्ती राज्य होने के नाते, पंजाब को लेकर अधिक संवेदनशीलता अपनाने की जरूरत है और मुझे खुशी है कि ऐसा किया जा रहा है। साथ ही, मुझे आशा है कि हम पाकिस्तान और अफगानिस्तान में जिहादी मानसिकता के कारण सिखों (और अन्य अल्पसंख्यकों) की दयनीय स्थिति पर भी ध्यान दिया जाएगा। 

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री का पुरानी पार्टी पर निशाना

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ने कृषि कानूनों को वापस लेने के पीएम मोदी के फैसले को लेकर कांग्रेस पार्टी के रवैये पर भी निशाना साधते हुए कहा है कि ‘मेरी पिछली पार्टी द्वारा बहुत सारी बकवास की जा रही है। मैं ऐसे लोगों को आईना दिखाना चाहता हूं। सीएए का विरोध 2019 के अंत में शुरू हुआ। उन्होंने कोविड लॉकडाउन के दौरान प्रवासियों की वापसी का राजनीतिकरण करने की कोशिश की थी।

  • दिल्ली के बाद के चुनावों में कांग्रेस को गोल्डन जीरो मिला
  • कांग्रेस केरल में नहीं जीत पाई
  • पुडुचेरी में कांग्रेस को सरकार गंवानेी पड़ी
  • बंगाल और असम में पार्टी का सफाया हो गया।

लेकिन कांग्रेस ने इन मुद्दों पर सुधार करने के बदले पंजाब में कांग्रेस को अस्थिर कर दिया। लेकिन इसके उलट

  • दिल्ली में बीजेपी अपने दम पर टिकी रही
  • बिहार में अकेली सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी
  • बिहार और पुडुचेरी में बीजेपी ने सरकारें बनाईं
  • बंगाल में कृषि कानूनों को लेकर राजनीति के बाद प्रदर्शन सुधरा

देश के हित में है पीएम मोदी का फैसला-अमरिंदर

साफ है कि सरकार के हर फैसले को राजनीति से जोड़ने का कोई फायदा नहीं है- जो लोग मुझे जानते हैं वे एक बात की पुष्टि कर सकते हैं- मैं सीधे बल्ले से खेलता हूं। यही मैंने सेना में सीखा है और मैं अपनी आखिरी सांस तक इसका पालन करूंगा। 1984 में विनाशकारी ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद मैं कांग्रेस छोड़ने वाला पहला व्यक्ति था। मैं सबसे पहले कृषि बिलों के मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान करने वालों में से था, यहां तक कि कानूनों को वापस लेने के लिए हर कोशिश में जुटा था। अमरिंदर सिंह ने लिखा कि पीएम मोदी ने जो किया है वह सिख समुदाय के हित में है, यह पंजाब के हित में है और सबसे बड़ी बात ये है कि ये देश के हित में है।

 

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