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हिंदुओं का गौरवशाली इतिहास बिगाड़ने में जुटा इंडी ब्लॉक, तुष्टिकरण के लिए राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहना राजस्थान विधानसभा में गूंजा

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इंडी गठबंधन में सहयोगी समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम तुष्टिकरण की सारी हदें पार कर दी हैं। पहले तो सपाई सिर्फ मुस्लिम हितैषी बनते थे। औरंगजेब जैसे क्रूर शासकों के हिमायती बनते थे। लेकिन मुस्लिम प्रेम में समाजवादी पार्टी के नेता इतने गिर जाएंगे यह किसी ने सोचा भी ना होगा। इंडी गठबंधन और सपा हिंदुओं का गौरवशाली इतिहास बिगाड़ने में जुटी हुई है। अब राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन ने मुगलों से लोहा लेने वाले मेवाड़ के वीर योद्धा महाराणा संग्राम सिंह सांगा के खिलाफ बेहद अपमानजनक टिप्पणी कर दी है। उन्होंने राणा सांगा के वंशजों और उन्हें मानने वाले हिंदुओं को गद्दार तक कह डाला है। सपा सांसद की इस अभद्र, अशोभनीय, असभ्य और अनर्गल टिप्पणी को लेकर राजस्थान समेत देशभर की सियासत में उबाल आ गया है। भाजपा ने पलटवार करते हुए इसके लिए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से माफी मांगने के लिए कहा है। राजस्थान के सीएम भजनलाल ने कहा कि मेवाड़ के महान योद्धा राणा सांगा के बारे में समाजवादी पार्टी के सांसद का निम्नस्तरीय बयान, न केवल राजस्थान की 8 करोड़ जनता को, बल्कि सम्पूर्ण देशवासियों को आहत करने वाला है। समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के राणा सांगा को गद्दार कहने का मुद्दा राजस्थान विधानसभा में गूंजा। कांग्रेस ने आपत्ति की तो भाजपा ने कहा कि इससे साफ तय हो गया कि आप लोग भी रामजीलाल सुमन के साथ हो।

सपा सांसद सुमन ने राणा सांगा पर यह विवादित बयान दिया
समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में जो बयान दिया उससे पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। सपा सांसद सुमन ने मुस्लिम तुष्टिकरण के चलते राणा सांगा को लेकर बयान में कहा था कि ‘बीजेपी के लोगों का ये तकियाकलाम बन गया है कि इनमें बाबर का DNA है। मैं जानना चाहूंगा कि बाबर को आखिर लाया कौन? सुमन ने अनर्गल दावा किया कि इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा लाया था। मुसलमान अगर बाबर की औलाद हैं तो तुम लोग उस गद्दार राणा सांगा की औलाद हो, ये हिन्दुस्तान में तय हो जाना चाहिए कि बाबर की आलोचना करते हो, लेकिन राणा सांगा की आलोचना नहीं करते। बता दें कि देश में पहले से औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है। इसके बाद राणा सांगा पर विवादित बयान के बाद यह बहस और तेज हो गई है।

राजस्थान विधानसभा में गूंजा राणा को गद्दार कहने का मुद्दा
समाजवादी पार्टी के सांसद रामजीलाल सुमन के राणा सांगा को गद्दार कहने का मुद्दा राजस्थान विधानसभा में उठा। बीजेपी विधायक श्रीचंद कृपलानी ने पॉइंट ऑफ इंफॉर्मेशन के जरिए राणा सांगा को गद्दार कहने का मामला उठाते हुए पूरे मामले में कार्रवाई की मांग की। इस पर कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने कहा- सदन में इस पर चर्चा नहीं हो सकती। हरिमोहन शर्मा के इतना कहते ही बीजेपी विधायकों ने कड़ी आपत्ति की। इस पर बीजेपी विधायकों ने कहा- राणा सांगा के अपमान पर चर्चा क्यों नहीं हो सकती? कई बीजेपी विधायक जोर-जोर से बोलने लगे, इससे सदन में हंगामे की स्थिति बन गई। बीजेपी विधायकों ने कहा कि आप राणा सांगा पर टिप्पणी का समर्थन कर रहे हो क्या? श्रीचंद कृपलानी ने कहा- आपके खड़ा होने से यह तय हो गया कि आप रामजीलाल सुमन के साथ हो? कांग्रेस ने खुद अपनी पोल खोल ली। आप मुगलों का साथ दे रहे हो। सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा- कांग्रेस विधायक दल रामजीलाल सुमन के साथ खड़ा है, राणा सांगा का अपमान करने वाले के साथ खड़ा है, शर्म आनी चाहिए।

बरेली में जोरदार प्रदर्शन, सपा सांसद सुमन का पुतला फूंका
बरेली के आंवला में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया। समाज वीर महाराणा सांगा पर सपा राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन की अपमानजनक टिप्पणी से नाराज है।क्षत्रिय महासभा के नेतृत्व में तहसील गेट पर एकत्र हुए लोगों ने सांसद का पुतला दहन किया। प्रदर्शनकारियों ने एसडीएम नहने राम को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि राज्यसभा में सपा सांसद ने न सिर्फ क्षत्रिय समाज बल्कि पूरे हिंदू समाज के गौरव महाराणा सांगा के प्रति अमर्यादित टिप्पणी की है। समाज इससे आक्रोशित है। महासभा ने चेतावनी दी कि अगर सांसद के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो क्षत्रिय महासभा और हिंदू संगठन आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

अपने सांसद के बयान के लिए अखिलेश यादव देश से माफी मांगें
सपा सांसद के बयान पर राजस्थान के सीएम भजनलाल ने सोशल मीडिया पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एक्स पर लिखा कि ‘शूरवीरों की धरती राजस्थान के लाडले सपूतों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए सदा अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। मेवाड़ के महान योद्धा राणा सांगा के बारे में समाजवादी पार्टी के सांसद का निम्नस्तरीय बयान, न केवल राजस्थान की 8 करोड़ जनता को, बल्कि सम्पूर्ण देशवासियों को आहत करता है।’ उन्होंने आगे लिखा कि ‘जिस महान योद्धा ने मुगलों से युद्ध में अपने शरीर पर 80 घाव झेले, उनको गद्दार कहना विपक्षी नेताओं की घटिया मानसिकता को दर्शाता है। वोटो के तुष्टिकरण के लिए ये लोग इतिहास पुरुषों का अपमान करने से भी नहीं चूकते हैं। इसके लिए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को को तुरंत देश से माफी मांगनी चाहिए और अपने सांसद पर अविलम्ब कार्रवाई करनी चाहिए।’

सुमन का बयान देश के शौर्य और बलिदान का अपमान है: दीया कुमारी
सपा सांसद के राणा सांगा पर दिए विवादित बयान की डिप्टी सीएम दीया कुमारी ने भी कटु आलोचना की है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि ‘वीर शिरोमणि महाराणा सांगा जी, जिनके शौर्य की गाथा राजस्थान की मिट्टी के कण-कण से सुनाई देती है। जिनकी वीरता की कहानी सुनकर यहां बच्चे बड़े हुए हैं, 80 घाव खाकर भी देश के लिए लड़ने वाले देशभक्त योद्धा के लिए कहा गया ‘गद्दार’ शब्द, ना सिर्फ महाराणा सांगा जी और राजस्थान, बल्कि देश के शौर्य और बलिदान का भी अपमान है। सपा सांसद रामजी लाल सुमन का यह बयान शर्मनाक और निंदनीय है। उन्हें देश की वीरता को कलंकित करने वाले इन कटु शब्दों के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।’

कुछ तुच्छ लोग ही इस तरह की बयानबाजी करते हैं: शेखावत
राणा सांगा को लेकर दिए गए विवादित बयान पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि कुछ तुच्छ बुद्धि और छोटे हृदय के लोग इस तरह की चर्चा करते हैं। इन चर्चाओं के लिए कोई गुंजाइश भी नहीं है। उन्होंने कहा कि “भारत के इतिहास की समीक्षा करने वाले एक हजार वर्ष बाद या जब भी समीक्षा करेंगे तो कभी बाबर और राणा सांगा की तुलना नहीं कर पाएंगे। महाराणा सांगा ने स्वतंत्रता की जो अलख जगाई थी, उसने न सिर्फ मुगलों से लोहा लिया, बल्कि भारत की संस्कृति को सनातन बनाए रखने में बहुत बड़ा योगदान दिया था। कुछ तुच्छ बुद्धि और छोटे दिल के लोग ऐसी चर्चाएं करते हैं। इसी तरह बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने भी बयान को राणा सांगा का बड़ा अपमान बताया। उन्होंने कहा कि राजस्थान की धरा साहस, शौर्य, त्याग और बलिदान की भूमि रही है। राणा सांगा पर ऐसी टिप्पणी राजस्थान के इतिहास का अपमान है।

सुमन का बयान तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा : राज्यवर्धन
राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री और भाजपा नेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सुमन के बयान को “तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा” बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि राष्ट्र के सम्मान पर हमला है। उन्होंने कहा कि “कुछ लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी आत्मा देश के दुश्मनों को बेच दी है। ये लोग भारत को नीचा दिखाने और महापुरुषों का अपमान करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। ये लोग दीमक हैं, जो देश की जड़ों को खोखला करने में लगे हैं लेकिन अब भारत जाग चुका है और ऐसे लोगों को हम और बर्दाश्त नहीं करेंगे।” वहीं मेवाड़ राजघराने से आने वाले बीजेपी विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ ने भी सपा सांसद के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है- संसद में ऐसे लोग भी पहुंचते है। ऐसों से महाराणा सांगा को कोई प्रमाण पत्र की जरूरत ही नहीं है, मगर सदन की गरिमा और हमारे इतिहास में से एक महान व्यक्तित्व के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।

कांग्रेस की सपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग
बीजेपी ही नहीं इंडिया गठबंधन में सपा के साथ खड़ी कांग्रेस के नेताओं ने भी सपा सांसद सुमन के बयान की कटु आलोचना की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “अस्सी घाव लगे थे तन पे, फिर भी व्यथा नहीं थी मन में। मातृभूमि की रक्षा में अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पण करने वाले, अदम्य साहस, वीरता, त्याग और स्वाभिमान के प्रतीक वीर शिरोमणि महाराणा सांगा पर सांसद रामलाल सुमन द्वारा संसद में अमर्यादित टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है व माफी योग्य नहीं है।” खाचरियावास ने इस बयान के लिए सपा सांसद के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग भी की है।

ताकि फिर महापुरुषों के सम्मान को ठेस पहुंचाने का दुस्साहस ना हो
इस बीच शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने एक बयान में कहा है कि मैं सरकार से मांग करता हूं कि राष्ट्र नायकों की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले गैर-जिम्मेदाराना वक्तव्य देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि प्रातः स्मरणीय, वीर शिरोमणि महाराणा सांगा केवल एक महान योद्धा नहीं, बल्कि साहस, स्वाभिमान और अदम्य पराक्रम के प्रतीक थे। उनकी वीरता ऐसी थी कि अनेकों घाव सहने के बावजूद उनका हौसला कभी नहीं टूटा। एक भुजा, एक आँख और एक टांग खोने के बाद भी वे युद्धभूमि में पूरी दृढ़ता से डटे रहे। उनके शरीर पर युद्ध के दौरान 80 से अधिक घावों के निशान थे, इसीलिए उन्हें “सैनिकों का भग्नावशेष” कहा जाता था। विधायक भाटी ने लिखा कि महाराणा सांगा का चरित्र केवल वीरता तक सीमित नहीं था वे न्यायप्रिय और उदार शासक भी थे। इसका उदाहरण तब देखने को मिला जब उन्होंने सुल्तान मोहम्मद शाह माण्डु को युद्ध में पराजित कर बंदी बनाया, लेकिन अपनी विशाल हृदयता का परिचय देते हुए उसका राज्य उसे लौटा दिया। यह उनकी नीति, नैतिकता और नेतृत्व क्षमता को दर्शाता था। उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि गैर-जिम्मेदाराना वक्तव्य देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई भी हमारे महापुरुषों के सम्मान को ठेस पहुंचाने का दुस्साहस न कर सके।विपक्ष ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए औरंगजेब को ‘हीरो’ बनाया
मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए विपक्ष ने राणा सांगा से कुछ दिन पहले ही क्रूर शासक औरंगजेब को भी ‘हीरो’ बना दिया। जिस औरंगजेब के लिए उसके पिता शाहजहां ने कहा था कि खुदा ऐसा बेटा किसी को ना दे…उसी की शान में समाजवादी पार्टी और विपक्ष के नेता कसीदे पढ़ रहे हैं। औरंगजेब को हीरो बनाने वाले समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी अपने बयान से मुकरने के बाद भी माफी ना मांगने की जिद पर अड़े हैं। इतना बवाल मचने के बाद भी वे औरंगजेब को सही ठहराने पर उतारू हैं और उसका समर्थन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव करने में लगे हैं। इस विरोध के बीच सूप तो सूप, चलनी भी बोलने लगी है। शायर मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज राणा ने कहा कि औरंगजेब को जिस हिसाब से पोर्ट्रे किया जा रहा है, वो वैसे नहीं थे। मैंने अपने वालिद से सुना और पुरानी किताबों में काफी पढ़ा है। औरंगजेब बुरे नहीं थे। उनके विपरीत चीजें दिखाई जा रही हैं। औरंगजेब को लेकर विपक्ष की इस घटिया वकालत का भाजपा नेताओं ने करारा जवाब दिया है। योगी आदित्यनाथ ने अबू आजमी का इलाज तक करने की बात कही है।

राहुल की औरंगजेब से तुलना पर भड़क गए सपा विधायक
महाराष्ट्र के सपा विधायक अबू आजमी विधानसभा से बाहर निकल रहे थे तो चलते-चलते एक रिपोर्टर ने सवाल किया कि असम के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी की तुलना औरंगजेब से की है। अबू आजमी ने जवाब दिया, ‘मैं औरंगजेब को क्रूर शासक नहीं मानता। जो लोग दावा कर रहे हैं कि छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच हिंदू-मुसलमान की लड़ाई थी, वे झूठ बोल रहे हैं।’ आजमी ने यह भी कहा कि ‘हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए हैं। छत्रपति संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच धार्मिक नहीं, बल्कि सत्ता और संपत्ति के लिए लड़ाई थी। अगर कोई कहता है कि यह लड़ाई हिंदू और मुसलमान को लेकर थी, तो मैं इस पर विश्वास नहीं करता।’ आजमी के बयान पर बवाल मचा और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई तो अगले ही दिन अबू को कहना पड़ा, ‘मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। फिर भी मेरी बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं। मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या किसी भी महापुरुष के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है।’

औरंगजेब की तारीफ कर कौन सी गलती की, जो माफी मांगू
सपा नेता के इस बयान से उठा विवाद महाराष्ट्र से लेकर उत्तर प्रदेश की विधानसभा तक गूंजा। अबू आजमी को धमकियां मिलने लगीं, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने उन पर देशद्रोह का केस चलाने की मांग की। उत्तर प्रदेश से सीएम योगी आदित्यनाथ ने पलटवार करते हुए कहा कि अबू आजमी जैसे लोगों का इलाज यूपी में होगा। अबू आजमी ने अपना बयान तो वापस ले लिया, लेकिन औरंगजेब को हीरो बनाने पर माफी मांगने के बारे में जब उससे मीडिया ने पूछा तो उसके साफ जवाब दिया, ‘मैंने कौन सी गलती की है, मैं माफी क्यों मांगू।’ मैं आज भी इतिहास की इस बात पर कायम हूं कि औरंगजेब सेक्युलर था। उनके प्रशासन में 34% हिंदू थे। उम्मीद नहीं थी कि इसको इतना तूल दे दिया जाएगा। लोग मुझे गाली दे रहे हैं, मुझे विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया। मुझे फोन करके धमकियां दी जा रही हैं। इसलिए मैंने कहा कि मैं अपनी बात वापस लेता हूं। लेकिन मैंने माफी नहीं मांगी है।

यूपी से पहले इलाज को महाराष्ट्र सरकार ने ही कर दिया
महाराष्ट्र की राजनीति और संभाजी राजे को लेकर जैसी पवित्र भावना है, उसे हर कोई जानता है। इसके बावजूद औरंगजेब की तारीफ करना आ बैल मुझे मार वाली कहावत को ही चरितार्थ करना है। मीडिया ने जब अबू आजमी से यह पूछा कि योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अबू आजमी UP आएं, तो हम उनका इलाज कर देंगे। इस पर क्या कहेंगे? अबू आजमी ने कहा कि कौन सी ऐसी बात कह दी कि वो हमारा इलाज कर देंगे। यहां पर भी उन्हीं की सरकार है। इलाज तो इन्होंने मेरा यहीं पर कर ही दिया है। विधानसभा सत्र से सस्पेंड कर दिया। मेरे खिलाफ FIR दर्ज कर दी। सदन में डिप्टी चीफ मिनिस्टर कहते हैं कि मैं आतंकवादी हूं।

योगी बोले- शाहजहां ने कहा था औरंगजेब जैसा बेटा पैदा न हो
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा ये लोग (सपा) औरंगजेब को अपना आदर्श मान रहे हैं। उसे अपना हीरो बता रहे हैं। उसका पिता शाहजहां अपनी जीवनी में लिखता है- खुदा करे कि ऐसा कमबख्त किसी को पैदा न हो। उसने शाहजहां को आगरा के किले में कैद कर रखा था। एक-एक बूंद पानी के लिए तरसाया। जिसका आचरण औरंगजेब जैसा है, वही उस पर गौरव की अनुभूति करेगा। ये लोग भारत की आस्था पर प्रहार करने वाले क्रूर शासक औरंगजेब को अपना आदर्श मानते हैं। कोई मुसलमान भी अपने बेटे का नाम औरंगजेब नहीं रखता। भारत की आस्था को रौंदने वाले का महिमामंडन करने वाले सदस्य को सपा को बाहर निकाल देना चाहिए। उसे (अबू आजमी) यहां बुलाइए। उत्तर प्रदेश ऐसे लोगों का उपचार करने में देर नहीं करता।

अखिलेश ने आजमी का बचाव किया, निलंबन से सच पर लगाम नहीं
सपा विधायक के मन में औरंगजेब की महिमामंडन करने का साहस इसलिए पैदा हुआ, क्योंकि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव का समर्थन उसको मिला है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा….जब आपन कुर्सी हिले तभए मन का आपा खोए…ऊ का औरन के इलाज करे जो खुदए बीमार होए। वहीं महाराष्ट्र विधानसभा से अबू आजमी के निलंबन पर अखिलेश ने लिखा- निलंबन का आधार यदि विचारधारा से प्रभावित होने लगेगा तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और परतंत्रता में क्या अंतर रह जाएगा। हमारे विधायक हों या सांसद उनकी बेखौफ दानिशमंदी बेमिसाल है। कुछ लोग अगर सोचते हैं कि ‘निलंबन’ से सच की ज़ुबान पर कोई लगाम लगा सकता है तो फिर ये उनकी नकारात्मक सोच का बचपना है।

तरबेज बोले, औरंगजेब इतना बुरा नहीं, शान में पढ़े कसीदे
औरंगजेब का मामला ज्यों-ज्यों तूल पकड़ता जा रहा है, कई बयान आने लगे हैं। एक ओर देश के अलग-अलग हिस्सों में अबू आजमी द्वारा दिए गए बयान के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। पुतले जलाए जा रहे हैं। वहीं, औरंगजेब के चंद हितैषी इस पर समर्थन भी कर रहे हैं। अब इस मामले में शायर मुनव्वर राणा के बेटे तबरेज राणा का बयान आया है। उन्होंने टीवी 9 भारतवर्ष से बात करते हुए कहा कि आधा सच पूरे झूठ से ज्यादा खतरनाक होता है। उनका कहना है कि औरंगजेब को जैसे दिखाया जा रहा है, वो इतना बुरा नहीं था। औरंगजेब पूरी तरह से गलत या बुरा था, वो इस बात का विरोध करते हैं। इसके बाद उन्होंने औरंगजेब की तारीफ में कसीदे पढ़े।

औरंगजेब पर मनगढ़ंत कहानी बनाकर अबू आजमी को विलेन बनाया
तबरेज राणा ने कहा कि औरंगजेब को जिस हिसाब से पोर्ट्रे किया जा रहा है, वो वैसे नहीं थे। मैंने अपने वालिद से सुना और पुरानी किताबों में काफी पढ़ा है, औरंगजेब बुरे नहीं थे। इसके विपरीत चीजें दिखाई जा रही हैं। तबरेज ने अनर्गल दावा किया औरंगजेब ने सिर्फ एक मंदिर तोड़ा है, वो भी इसलिए क्योंकि वहां गलत काम हो रहा था। औरंगजेब को इस मामले में जानकारी दी गई, इसलिए उसने वो मंदिर तुड़वाया। अपनी बात का समर्थन करते हुए तबरेज ने कहा कि उसके समय में मस्जिद भी तुड़वाई गई, पर इसका जिक्र किसी किताब में नहीं है। औरंगजेब हिंदुस्तानी थे, यहीं पैदा हुए और यहीं मरे हैं। मनगढ़ंत कहानी फैलाई जा रही है। मेरे पास किताबें हैं, ऐसी किताबें जिसमें सब सच लिखा है। जब अबू आजमी की सजा को लेकर उनसे सवाल किया गया तो वो बोले कि अबू आजमी साहब को विलेन बना दिया गया है। सजा का तो अदालत फैसला लेगी, लेकिन उन्हें विलेन बना दिया गया है। हम दबी कुचली कौम हैं, सिर्फ हमारे बयान सुनाई दे रहे हैं, दूसरे इतना कुछ कह देते हैं, किसी को दिक्कत नहीं होती।

औरंगजेब पर बयान के बाद क्या-क्या हुआ

  • अबू आजमी पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड – औरंगजेब की तारीफ करने पर अबू आजमी को पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया गया। महाराष्ट्र का बजट सत्र 3 मार्च को शुरू हुआ और 26 मार्च को खत्म होगा। संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटील ने सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि आजमी की टिप्पणी से सदन की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। इसलिए उनकी सदस्यता को बजट सत्र के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा गया है। विधानसभा अध्यक्ष ने प्रस्ताव को सदन में पारित कर दिया।
  • मुंबई में केस दर्ज, तीन दिन थाने में पेश होना होगा – अबू आजमी के खिलाफ मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया। FIR में कहा गया है कि आजमी ने कहा भारत में सरकार चला रही पार्टी देश में मुसलमानों को खत्म करना चाहती है। इसलिए वे हिंदू और मुस्लिम धर्म के लोगों के बीच तनाव पैदा कर रहे हैं।’ FIR कराने वाले शिवसेना कार्यकर्ता किरण नकटी ने आरोप लगाया है कि आज़मी ने हिंदू समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाई और BJP को भी बदनाम किया है। इस केस में अबू आजमी को अग्रिम जमानत मिल गई है।

  • औरंगजेब की कब्र ढहाने की मांग, फडणवीस बोले- हम सब यही चाहते हैं छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सातारा से BJP सांसद उदयनराजे भोंसले ने मांग की थी कि औरंगजेब की कब्र को ढहा दिया जाए। उन्होंने कहा कि एक JCB मशीन भेजकर कब्र को गिरा दो, वो एक चोर और लुटेरा था। औरंगजेब की कब्र पर जाकर श्रद्धांजलि देने वाले लोग उसका भविष्य हो सकते हैं। उन्हें उस कब्र को अपने घर ले जाना चाहिए, लेकिन औरंगजेब का महिमामंडन अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
  • औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजीनगर जिले के खुल्दाबाद में है। 89 साल की उम्र में 3 मार्च, 1707 को औरंगजेब की मौत हो गई थी। औरंगजेब को दौलताबाद के पास खुल्दाबाद में सूफी संत शेख जैन-उद-दीन की कब्र के बगल में दफनाया गया था।

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