भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के मुस्लिम समाज में जातिवाद,नस्लवाद, ऊंच-नीच किसी ना किसी रूप में प्रचलित है। प्रथम पिछड़ा वर्ग आयोग, मंडल आयोग, रंगनाथ मिश्रा आयोग और सच्चर समिति तक ने मुस्लिम समाज के जातिगत विभेद को स्पष्ट रूप से स्वीकार किया है। फिर मुस्लिम समाज में जातिवाद का जहर देखने को मिला है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दूसरे कार्यकाल में राज्य मंत्रिमंडल में बुनकर समाज के दानिश आज़ाद अंसारी को राज्य मंत्री बनाया है। दानिश को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय के साथ-साथ मुस्लिम वक्फ एवं हज विभाग भी सौंपा गया है। लेकिन सवर्ण मुस्लिमों के एक समूह को ये पसंद नहीं आ रहा है।
एक ओबीसी मुस्लिम दानिश आजाद अंसारी को मंत्री बनाये जाने से नाराज सवर्ण मुस्लिमों ने सोशल मीडिया पर जमकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने दानिश को निशाने पर लेते हुए उनके खिलाफ जमकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। अशराफ़ समाज के नौजवानों और बुजुर्गों द्वारा एक देशज पसमांदा को भागीदारी मिलने पर लगातार हमला किया जा रहा है।
पसमांदा कार्यकर्ता फैयाज अहमद फैजी ने कुछ स्क्रीनशॉट्स शेयर किए, जिसमें कहा कि इससे पता चलता है कि मुस्लिमों में नस्लवाद/जातिवाद कितनी गहरी है और उनमें सामाजिक न्याय की कितनी आवश्यकता है। उनके द्वारा शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में इरफ़ान जिब्रान नाम के एक व्यक्ति ने लिखा है, “ये जुलाहे आजकल खुश क्यों नजर आ रहे हैं? कोई लौटरी लगी है क्या?” वहीं मोहम्मद शाहिद हुसैन ने लिखा, “तुमलोगों से न आज तक कुछ उखड़ा है और न आगे उखड़ेगा। बीएस विधवा विलाप करते रहो।”
क्या आपने कभी ऐसा देखा है कि किसी हिन्दू पिछड़े दलित को राजनैतिक भागेदारी मिलने पर सवर्ण समाज की तरफ से इस प्रकार गाली गलौज किया जाता है? जिस तरह से अशराफ़ समाज के नौजवानों और बुजुर्गो द्वारा एक देशज पसमांदा को भागेदारी मिलने पर लगातार किया जा रहा है।
इससे पता चलता है कि 1/2 pic.twitter.com/iK4g8TJB5f— Faiyaz Ahmad Fyzie (@FayazAhmadFyzie) March 29, 2022
इसी तरह कई अन्य मुस्लिमों ने भी दानिश आज़ाद अंसारी और उनके समाज को खुल कर गाली दी। एआईएमआईएम समर्थक रिजु खान ने लिखा, “पूरे हिंदुस्तान की अंसारियों की बहन की $#”। इसी तरह उसने कई बार गंदी-गंदी गालियों का प्रयोग किया और मां-बहन की लगातार गाली दी। उन्होंने जुलाहा को ‘#$डी की औलाद’ भी कह डाला। इससे अंसारी समाज में खासा गुस्सा है।
मंत्री बनाये जाने के बाद दानिश आजाद अंसारी ने कहा कि वे ऐसे परिवार से आते हैं, जिनका मुख्य पेशा बुनकर का रहा है। उनके पिता भी एक बुनकर ही रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी को मुस्लिमों का सच्चा हितैषी करार देते हुए कहा कि एक आम बुनकर लड़के को प्रधानमंत्री मोदी और सीएम योगी ने इतना बड़ा पद देकर विपक्षियों के मुंह पर करारा तमाचा मारा है।
गौरतलब है कि दानिश आज़ाद अंसारी लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं और एबीवीपी से छात्र राजनीति करने के बाद वो बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री भी हैं। दानिश अंसारी पसमांदा समाज से आते हैं, जिसमें मुस्लिम धर्मावलंबी आदिवासी (बन-गुजर, तड़वी, भील, सेपिया, बकरवाल), दलित (मेहतर, भक्को, नट, धोबी, हलालखोर, गोरकन) और पिछड़ी जातियां (धुनिया, डफाली, तेली, बुनकर, कोरी) आते हैं।