प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 21 दिसंबर को असम के नामरूप में कांग्रेस पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला। 11,000 करोड़ रुपये की लागत वाले नए अमोनिया-यूरिया फर्टिलाइजर प्लांट का भूमि पूजन करने पहुंचे पीएम मोदी ने सीधे तौर पर कांग्रेस को असम की पहचान का दुश्मन करार दिया। प्रधानमंत्री ने कड़े शब्दों में कहा कि कांग्रेस को असम के लोगों और उनकी संस्कृति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने केवल अपनी सत्ता और वोट बैंक के लिए असम के संसाधनों को दांव पर लगाया है।

जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा देशविरोधी सोच को आगे बढ़ाया है। ये लोग असम के जंगलों और जमीन पर उन बांग्लादेशी घुसपैठियों को बसाना चाहते हैं जिनसे इनका वोट बैंक मजबूत होता है। इन्हें आपकी बर्बादी की परवाह नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि अवैध घुसपैठियों को कांग्रेस ने ही बसाया और आज कांग्रेस ही उन्हें बचा रही है। इसीलिए ये लोग वोटर लिस्ट के शुद्धिकरण का भी विरोध कर रहे हैं। असम को तुष्टीकरण और वोट बैंक के इस कांग्रेसी जहर से बचाकर रखना होगा।
पीएम मोदी ने असमिया गौरव का जिक्र करते हुए पुरानी यादें ताजा कीं। उन्होंने कहा कि जब बीजेपी सरकार ने भूपेन हजारिका को भारत रत्न दिया, तो कांग्रेस ने उन्हें ‘नाचने-गाने वाला’ कहकर अपमानित किया। उन्होंने जनता से पूछा, “क्या यह भूपेन दा का अपमान नहीं है? क्या यह असम की कला और संस्कृति का अपमान नहीं है? कांग्रेस का काम ही दिन-रात अपमान करना है।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने दशकों तक चाय बागान के श्रमिकों को उनके जमीन के अधिकारों से वंचित रखा।

प्रधानमंत्री मोदी ने नामरूप के नए फर्टिलाइजर प्लांट को आत्मनिर्भर भारत की बड़ी मिसाल बताया। उन्होंने कहा कि यह प्लांट न केवल असम, बल्कि बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक खाद की सप्लाई सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि इससे हजारों स्थानीय युवाओं को मरम्मत, सप्लाई और कंस्ट्रक्शन में नौकरियां मिलेंगी। रसद खर्च घटने और खाद की सप्लाई तेज होने से किसानों को राहत मिलेगी।

किसानों के हित की बात करते हुए पीएम ने एक बड़ा आंकड़ा पेश किया। उन्होंने बताया कि जो यूरिया सरकार विदेशों से करीब 3,000 रुपये प्रति बोरी खरीदती है, उसे भारतीय किसानों को सिर्फ 300 रुपये में दिया जाता है। उन्होंने कहा, “यह 2,700 रुपये का भारी बोझ सरकार खुद उठाती है ताकि अन्नदाताओं पर कोई आंच न आए।”

प्रधानमंत्री ने किसानों से रासायनिक खाद का इस्तेमाल कम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि जैसे बीमारी में जरूरत से ज्यादा दवा नुकसान करती है, वैसे ही जरूरत से ज्यादा यूरिया हमारी धरती मां को मार रहा है। हमें अपनी मिट्टी को बचाना होगा। उन्होंने असम के किसानों को ‘नेचुरल फार्मिंग’ में देश का नेतृत्व करने का आह्वान किया।

पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 11 सालों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा कि अब गांवों में गरीब परिवारों के पास भी बाइक, कार, मोबाइल और फ्रिज जैसी सुविधाएं पहुंच रही हैं। अंत में उन्होंने भरोसा दिलाया कि असम की पहचान और सम्मान की रक्षा के लिए बीजेपी ‘फौलाद’ बनकर आपके साथ खड़ी है।









