Home समाचार शोध को बढ़ावा देने के लिए पीएम रिसर्च फैलोशिप

शोध को बढ़ावा देने के लिए पीएम रिसर्च फैलोशिप

SHARE

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार रिसर्च को बढ़ावा देने में जोर-शोर से जुटी हुई है। मोदी सरकार की नीतियों का नतीजा है कि विदेशों में काम करने वाले लगभग 1000 वैज्ञानिक भारतीय संस्थानों से जुड़ने वाले हैं। केंद्र सरकार अब आईआईटी में रिसर्च को बढ़ावा देने और ब्रेनड्रेन रोकने के लिए प्रधानमंत्री शोधवृत्ति (पीएम रिसर्च फैलोशिप) शुरू करने जा रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस बारे में एक प्रस्ताव तैयार किया है जिसे आईआईटी काउंसिल से मंजूरी मिल चुकी है। जल्द ही इसे मंत्रिमंडल से मंजूरी मिल जाने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि मंजूरी मिल जाने पर इसे अगले साल जनवरी से शुरू कर दिया जाएगा।

हर महीने मिलेंगे 75,000 रुपए
आईआईटी में चयनित छात्रों को हर महीने 75,000 रुपए मिलेंगे। यह राशि उन छात्रों को दी जाएगी जो अपने बीटेक के बाद सीधे पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिला चाहते हैं। आईआईटी से बीटेक कर रहे छात्र अपना पाठ्यक्रम पूरा होने के तुरंत बाद पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। बताया जा रहा है कि पहले बैच में 1000 छात्र लिए जाएंगे। रिसर्च पूरी होने पर उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर की जॉब दी जाएगी। बीच में पाठ्यक्रम छोड़ने वाले रिसर्च फैलो को पूरी राशि लौटानी पड़ेगी।

आइए देखते हैं पिछले तीन सालों में शुरू की गई ऐसी ही कुछ योजनाओं को-

‘टेक्नोलॉजी विजन 2035’
मैसूर में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अधिवेशन में 03 जनवरी 2016 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को ‘टेक्नोलॉजी विजन 2035’ दिया। ये 2035 तक देश को जिस तरह की तकनीक और वैज्ञानिक दक्षता की आवश्यकता होगी उसे प्राप्त करने की एक विस्तृत रूपरेखा है। इस विजन में 12 क्षेत्रों पर विशेष रूप से काम किये जाने पर जोर दिया गया है, इनमें से प्रमुख हैं- शिक्षा, चिकित्सा और स्वास्थ्य, खाद्य और कृषि, जल, ऊर्जा, पर्यावरण और यातायात। इसी विजन को ध्यान में रखते हुए कई सारी योजनाओं और नीतियों को सरकार लागू कर रही है।

National Initiative for Development and Harnessing Innovations (NIDHI)
ये देश में स्टार्टअप के तहत नवाचार के तंत्र को मजबूत करने के लिए खोज से लेकर उत्पाद को बाजार में लाने तक की पूरी प्रक्रिया में मदद करता है। इसके लिए 90 करोड़ रुपये की लागत से आईआईटी गांधीनगर में एक अनुसंधान पार्क की स्थापना की गई है।

Visiting Advanced Joint Research
देश में अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मानित फैक्लटी को सहायक या विजटिंग फैक्लटी के रूप में भारतीय संस्थानों में छात्रों को गाइड करने की योजना है। ये साल में एक से तीन महीने के लिए हो सकता है। यह योजना इसी वर्ष जनवरी में शुरू की गई है। 2017-18 के लिए ऐसे 1000 फैक्लटी को देश के संस्थानों से जोड़ने की तैयारी हो चुकी है। इस योजना को विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) ने शुरु किया है।

Pravasi doctoral fellowship scheme
SERB ने देश के युवा शोध छात्रों को रिसर्च में प्रशिक्षण के लिए विदेशी संस्थान में भेजने के लिए यह योजना तैयार की है। इसके लिए छात्रों को एक साल की फेलोशिप देने की योजना है।

KIRAN (Knowledge Involvement in Research Advancement through Nurturing)
देश में महिला वैज्ञानिकों को सही माहौल देने और उन्हें शोध में आगे बढ़ाने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई। महिला वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों को आधारभूत या अप्‍लाइड साइंस में शोध करने के अवसर देने के लिए 227 परियोजनाओं का चुनाव किया गया है। इस योजना के तहत महिला वैज्ञानिकों को 29 परियोजनाओं में सहायता दी जा रही है।

जेके अरोमा आरोग्य ग्राम
CSIR ने जेके अरोमा आरोग्य ग्राम परियोजना शुरू की है। इसके तहत किसानों को जड़ी-बूटियों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के 14 गांवों में ये परियोजना चल रही है।

राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन
25 मार्च, 2015 को राष्ट्रीय सुपर कम्प्यूटिंग मिशन की शुरुआत हुई । इस कार्यक्रम के तहत भारत को विश्व स्तरीय कम्प्यूटिंग शक्ति बनाने का लक्ष्य है। इस मिशन को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग कार्यान्वित कर रहे हैं। 7 वर्षो के दौरान इसकी अनुमानित लागत 4,500 करोड़ रुपये है। 2017 में देश में 6 सुपर कंप्यूटर लगाने की योजना है।

SATYAM
योग एवं ध्यान के क्षेत्र में रिसर्च शुरू करने के लिए 2015-16 में एक नया कार्यक्रम science and technology of yoga and meditation (SATYAM) शुरू किया गया। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के निपटारे के लिए योग और ध्यान को बेहतरीन उपचार के रूप में स्वीकार किया गया है। SATYAM इसी दिशा में काम कर रहा है। इसके अलावा इस परियोजना के तहत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर योग और ध्यान के प्रभाव पर भी रिसर्च हो रहा है।

उच्च शिक्षा का भी हो रहा है बड़ा विस्तार

राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (RUSA): ये मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत राज्यों के उच्चतर शिक्षण संस्थाओं की गुणवत्ता के स्तर को बढ़ाने की कोशिश हो रही है। RUSA के मानदंडों को पूरा करने पर राज्य की शिक्षण संस्थाओं को विशेष वित्तीय सुविधा और योजनाऐं दी जाती हैं। 

National Institutional Ranking Framework (NIRF): देश की उच्च शिक्षण संस्थाओं में गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए 2016 से इस रैंकिग सिस्टम को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया है। इस रैकिंग सिस्टम में देश के सभी कॉलेजों और विश्विघालयों की गुणवत्ता के निर्धारित मानदंडों के आधार पर रैंकिग की जाती है। ‘भारत रैंकिंग 2017’ में कुल 2,995 संस्थानों ने भाग लिया । इसके अंतर्गत 232 विश्वविद्यालय, 1024 प्रौद्योगिकी संस्थान, 546 प्रबंधन संस्थान, 318 फार्मेसी संस्थान तथा 637 सामान्य स्नातक महाविद्यालय शामिल हैं।

Global Initiative for Academic Network ( GIAN ): इस योजना के तहत देश के उच्च शिक्षण संस्थाओं को विश्व के किसी भी देश के विशेषज्ञ को शिक्षण के लिए बुलाने का अवसर मिलता है।

उन्नत भारत अभियान: मानव संसाधन विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय ने मिलकर इस योजना की शुरुआत की है। इस योजना का शुभारंभ 12 जनवरी 2017 को हुआ। इसके अंतर्गत उच्चतर शिक्षण संस्थाएं चुने हुए नगर निकायों और गांवों के समूहों को विकास कार्यो की योजना बनाने और लागू करने में सहयोग देंगी। प्रथम चरण के लिए आईआईटी दिल्ली संयोजक संस्था के रूप में काम कर रहा है।

स्मार्ट इंडिया हैकथान 2017: 1-2 अप्रैल 2017 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्व के सबसे बड़े 36 घंटों वाले हैकथान का आयोजन किया। इसके उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री ने युवाओं से बातचीत की। इसमें 42,000 युवा प्रतियोगियों ने भाग लिया और विभिन्न मंत्रालयों की ऐसी 598 समस्याओं का डिजिटल समाधान दिया जिससे काम की गति के साथ-साथ गुणवत्ता में भी सुधार हो। इन सभी समाधानों के विकास का खर्च संबंधित मंत्रालयों को उठाना है।

हायर ऐजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी (HEFA): 12 सितंबर 2016 को केंद्रीय कैबिनट ने HEFA के स्थापना को मंजूरी दी। यह एजेंसी उच्च शिक्षण संस्थाओं में अन्तराष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशालाओं एवं अन्य साधनों को उपलब्ध कराने के लिए धन की व्यवस्था करेगी। केनरा बैंक को सरकार ने इसका प्रमोटर बनाया है। इसमें सरकार की 1000 करोड़ रुपये कि हिस्सेदारी है। सभी उच्च शिक्षण संस्थान इससे लोन लेने के लिए योग्य होंगे। सरकार लोन के ब्याज का भार उठाएगी, जबकि शिक्षण संस्थाओं को केवल मूलधन चुकता करना होगा।

यही नहीं केंद्र सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता के विस्तार के लिए 7 नए आईआईएम, 6 नए आईआईटी, एक नया केंद्रीय विश्वविद्यालय, एक नया आईआईटीटी, एक नया एनआईटी , 104 से भी अधिक केन्द्रीय विद्यालय और 62 नए नवोदय विद्यालय खोले हैं।

Leave a Reply