बेंगलुरू में हजारों कट्टरपंथी मुसलमानों की भीड़ एक दलित विधायक श्रीनिवास मूर्ति के घर पर हमला और आगजनी की। इतना ही नहीं इन कट्टरपंथियों ने शहर के कई इलाकों में जमकर हिंसा और आगजनी की। पूरे देश में इस घटना की चर्चा है। इस बीच जेएनयू के प्रोफेसर आनंद रंगनाथन का एक ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। प्रोफेसर रंगनाथन ने यह ट्वीट अक्टूबर, 2019 में किया था, जिसमें उन्होंने मुसलमानों के बारे में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के विचारों को साझा किया था और लिखा था कि यदि उन्होंने आज के वक्त में यह बात कही होती तो कट्टरपंथी मुसलमान उनका भी सिर काट देते।
Make NO mistake. If Dr Ambedkar was alive today, for what he said here, he would have been beheaded. ISIS style. pic.twitter.com/PTEQyFdpaq
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) October 19, 2019
उन्होंने डॉ. अम्बेडकर के जिस वक्तब्य का जिक्र किया था, उसमें उन्होंने कहा था कि इस्लाम एक करीबी कार्पोरेशन है और मुसलमानों एवं गैर-मुस्लिमों के बीच जो अंतर है, वह एक बहुत ही वास्तविक, बहुत सकारात्मक और बहुत अलग-थलग करने वाला भेद है। इस्लाम का भाईचारा मनुष्य का सार्वभौमिक भाईचारा नहीं है। यह केवल मुसलमानों के लिए मुसलमानों का भाईचारा है। एक बिरादरी है, लेकिन इसका लाभ उसके भीतर तक ही सीमित है। जो लोग उससे बाहर हैं, उनके लिए अवमानना और दुश्मनी के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा था कि जहां भी इस्लाम का शासन है, वहां उसका अपना देश है। दूसरे शब्दों में, इस्लाम कभी भी एक सच्चे मुसलमान को अपनी मातृभूमि के रूप में भारत को अपनाने और एक हिंदू को अपने परिजनों और रिश्तेदारों के रूप में अपनाने की अनुमति नहीं दे सकता है।