सत्यनिष्ठा से धारण की गई सादगी ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व को ओजस्वी बनाता है। वो जो भी कार्य करते हैं, चाहे वो राजनीतिक जीवन में हो या फिर सामाजिक जीवन में या फिर उनके निजी जीवन में, उसमें पवित्रता के साथ-साथ समर्पण का भाव होता है। इसी से उन्हें समाज, राष्ट्र और विश्व कल्याण के लिए काम करने की शक्ति मिलती है, प्रेरणा मिलती है। हर बार की तरह इस बार भी वो पवित्र नवरात्रि का व्रत कर रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है, वो उतनी ही ऊर्जा, उत्साह और लगन के साथ राष्ट्रहित में समर्पित होकर बिना थके, बिना रुके जिम्मेदारियों को पूरा करने में रमे हुए हैं।
उपवास में भी नहीं बदलती है दिनचर्या
हर बार की तरह इस बार भी नवरात्रि के दिनों में प्रधानमंत्री के रूप में श्री मोदी की दिनचर्या बेहद व्यस्त है। वो पूजा-भक्ति और उपवास के साथ-साथ ढेर सारे सरकारी कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं, जिसमें डिप्लोमेसी, टेक्नॉलजी, इन्फ्रास्ट्रक्चर और लॉ एंड जस्टिस से जुड़े कार्यक्रम शामिल हैं।
व्रत में भी बिना थके करते हैं काम
इस बार के नवरात्र में पीएम की व्यस्तता को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह व्रत में भी किस तरह से देश सेवा के लिए जी-जान से समर्पित हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के 150 साल पूरे होने का कार्यक्रम हो या एशिया की सबसे लंबी चेनानी-नाशरी टनल के उद्घाटन का मौका प्रधानमंत्री ने हर जिम्मेदारी को अपने उसी अंदाज में निभाया है, जैसा वो किसी आम दिन में करते हैं।
व्रत में भी रहती है उतनी ही स्फूर्ति
इतना ही नहीं स्मार्ट इंडिया हैकथॉन या देश के तेज-तर्रार युवा टेक्नोक्रेट्स के साथ सीधे संवाद का कार्यक्रम हो या मलेशिया के पीएम नजीब रजाक के स्वागत से लेकर उनकी साथ कूटनीतिक स्तर की बातचीत, प्रधानमंत्री मोदी ने खाली पेट रहकर के सभी भूमिकाओं को बखूबी जी कर के दिखाया है। पीएम मोदी की इसी ऊर्जा और स्फूर्ति के विदेशी मेहमान भी कायल हो जाते हैं।
4 दशक से कर रहे हैं नवरात्रि का उपवास
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पिछले 4 दशकों से भी अधिक समय से नवराति का उपवास कर रहे हैं। वो दोनों नवरात्रि (शारदीय और चैत्र) में सभी 9 दिन व्रत में रहते हैं। अपने व्रत के बारे में वो कहते हैं, “इन उपवास का मकसद कुछ हासिल करना नहीं बल्कि आत्मशुद्धि करना है। यह चीज कई वर्षों से मुझे बल, सामर्थ्य और प्रेरणा का श्रोत प्रदान करती है।”
व्रत में गुनगुना पानी और नींबू पानी ही आहार
मोदी जी का खान-पान हमेशा से बेहद सात्विक रहा है। लेकिन उपवास के दिनों में उनकी तपस्या और बढ़ जाती है। नवरात्रि के दिनों में वो गुनगुने पानी, नींबू पानी, जूस या दूध जैसी तरल चीजों पर ही रहते हैं। इन दिनों में वो मां दुर्गा की आराधना करते हैं, जहां से उन्हें देश के लिए दिन-रात काम करने की शक्ति मिलती है।
जब व्हाइट हाउस में सिर्फ गर्म पानी पिया
सितंबर, 2014 की बात है, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर गए थे। उन दिनों शारदीय नवरात्र चल रहा था और मोदी जी हमेशा की तरह 9 दिनों के उपवास पर थे। प्रधानमंत्री के सम्मान में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में डिनर आयोजित किया। मोदी जी ने ओबामा का आतिथ्य स्वीकार किया, लेकिन ये भी बता दिया कि वो उपवास पर हैं इसीलिए कुछ खाएंगे नहीं। डिनर में कई तरह के व्यंजन परोसे गए और शिष्टाचार के नाते पीएम के सामने भी प्लेट रखा गया। लेकिन मोदी जी ने कुछ नहीं खाया और सिर्फ गर्म पानी पीया। जब उन्होंने ओबामा समेत सभी लोगों से बेझिझक भोजन शुरू करने का आग्रह किया, तब जाकर सबने खाना शुरू किया। बराक ओबामा काफी हैरान थे, उन्होंने पीएम से इसका सीक्रेट पूछा तो उन्होंने पीएम से इसका राज पूछा तो उन्होंने इसके श्रेय योग और ध्यान को दिया था। यही नहीं अमेरिका में अपने व्यस्त कार्यक्रमों के बीच उपवास में रहते हुए उन्होंने जिस तरह से मैडिसन स्कॉयर में उत्साह और ऊर्जा से लबरेज भारतीय समुदाय से संवाद किया उसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया।
-अंजन कुमार