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ट्रंप पर हमले की तरह भारत के लिए भी लिखा गया था स्क्रिप्ट! अराजकता फैलाने की रची गई थी साजिश

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भारत में अभी लोकसभा चुनाव संपन्न हुए हैं और करीब साढ़े चार महीने बाद 5 नवंबर 2024 को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाला है। दुनिया के सबसे ताकतवर देश का अगला राष्ट्राध्यक्ष कौन होगा, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। रेस में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन दोनों ही रहना चाहते हैं। ट्रंप राष्ट्रवादी हैं लेकिन डीप स्टेट को राष्ट्रवादी पसंद नहीं है। डीप स्टेट से जुड़े अमेरिकी अरबपति जार्ज सोरोस ने राष्ट्रवादी सरकारों को उखाड़ फेंकने के लिए 100 अरब डॉलर फंड का एलान किया था। डीप स्टेट अपना एजेंडा चलाने के लिए दुनियाभर से राष्ट्रवादी सरकारों को उखाड़ फेंकना चाहती है और उसने भारत में लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सरकार में आने से रोकने के लिए भरपूर कोशिश की लेकिन उसकी दाल नहीं गली। अमेरिका में अभी जिस तरह ट्रंप को रोकने, डराने और धमकाने के लिए उसके ऊपर हमले हुए, कुछ इसी तरह की साजिश भारत में भी रची गई थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोगों को भड़काने और देश में अराजकता फैलाने की भरपूर कोशिश की। डीप स्टेट का जो स्क्रिप्ट अमेरिका में दिख रहा है वही भारत में दिखा। ट्रंप के आलोचकों ने तर्क दिया है कि ट्रम्प की वजह से लोकतंत्र खतरे में है। वहीं भारत के विपक्ष ने कहा कि मोदी की वजह से संविधान खतरे में है। हालांकि भारतीय लोकतंत्र ग्लोबल लेफ्ट लिबरल के हमले से बच गया और मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए वापस आ गए।

हमले के बाद भी ट्रंप ने मजबूती से लड़ने का दिया संदेश
पेन्सिलवेनिया में रविवार को एक चुनावी रैली के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर 20 साल के थॉमस मैथ्यू क्रुक्स ने हमला किया था। उसका इरादा ट्रंप की हत्या करने का था। लेकिन संयोग गोली ट्रंप के कान को छूती हुई निकल गई। ट्रंप पर गोली चलाने के कुछ ही सेकंड बाद सीक्रेट सर्विस ने हमलावर के सिर पर गोली मारकर उसका नामोनिशान खत्म कर दिया। अधिकारी अब उसके फोन की भी जांच कर रहे हैं। फायरिंग के ठीक बाद जब ट्रंप को घेरकर सीक्रेट सर्विस के एजेंट ले जा रहे थे तब खून से लथपथ चेहरे के साथ ट्रंप ने अपना कसा हुआ मुक्का ऊपर उठाकर जनता के बीच लहराया और चुनाव में और मजबूती से लड़ने का अपने समर्थकों को संदेश दिया।

ट्रंप पर हमले के बाद जो बाइडेन ने कहा- इस चुनाव में दांव बहुत ऊंचे…
जो बाइडेन ने कहा कि हमलावर के इरादे या किसी संगठन या व्यक्ति से संबंध के बारे में कोई धारणा नहीं बनाएं। आप जानते हैं, इस देश में राजनीतिक रिकॉर्ड बहुत गर्म हो गया है। अब ठंडा होने का समय है और ऐसा करना हम सभी की जिम्मेदारी है। बाइडेन ने कहा कि हमने असहमतियों को गहराई से महसूस किया है। इस चुनाव में दांव बहुत ऊंचे हैं। बाइडेन ने कहा कि मैंने कई बार कहा है कि इस चुनाव में हम जो चुनेंगे, वह आने वाले दशकों में अमेरिका और दुनिया के भविष्य को आकार देगा।

हमलावर ने दिया था बाइडन की पार्टी को चंदा
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी चुनाव आयोग के रिकॉर्ड से यह जानकारी सामने आई है कि थॉमस क्रूक्स के रूप में एक दानकर्ता ने जनवरी 2021 में प्रोग्रेसिव टर्नआउट प्रोजेक्ट नामक एक राजनीतिक कार्रवाई समिति को 15 डॉलर का दान किया था। यह समूह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की पार्टी डेमोक्रेटिक से जुड़ा है।

ट्रंप ने मुस्लिमों के अमेरिका आने पर लगाया था प्रतिबंध
साल 2017 में सत्ता में आते ही डोनाल्ड ट्रंप ने कई मुस्लिम देशों के नागरिकों की अमेरिका आने पर पाबंदी लगा दी थी। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कसम खाई है कि अगर वह व्हाइट हाउस के दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं, तो कुछ मुस्लिम-बहुल देशों के लोगों पर विवादास्पद यात्रा प्रतिबंध को फिर से लागू करेंगे। शनिवार को रिपब्लिकन यहूदी गठबंधन के वार्षिक शिखर सम्मेलन में बोलते हुए ट्रंप ने कहा, “आपको यात्रा प्रतिबंध याद है?”

अमेरिका में लोकतंत्र खतरे में, भारत में संविधान खतरे में
अमेरिका में ट्रंप के खिलाफ नैरेटिव चल रहा है -“अगर ट्रंप चुनाव जीतते हैं, तो वह लोकतंत्र को ख़त्म कर देंगे। हमारा संविधान ख़त्म हो जाएगा।” यही नैरेटिव भारत में भी देखने को मिली थी। राहुल गांधी ने भारत में चुनाव जीतने के लिए इसी नैरेटिव का इस्तेमाल किया था कि संविधान खतरे में है, मोदी जीत गए तो संविधान बदल देंगे। यह जार्ज सोरोस का इकोसिस्टम है जो विभिन्न लोकतांत्रिक देशों में इसी तरह काम करता है और राष्ट्रवादी नेताओं को टारगेट करता है।

खतरे में है संविधान, BJP कर रही गुप्त छेड़छाड़: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने 2017 में बतौर पार्टी अध्यक्ष कांग्रेस के 133वें स्थापना दिवस के अवसर पर पार्टी के सदस्यों को संबोधित करते हुए बीजेपी नेताओं पर देश के संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी यह छेड़छाड़ गुप्त तरीके से कर रही है।

राहुल गांधी ने यूरोप, अमेरिका को भारत में दखल देने की मांग की
राहुल गांधी 2023 में अपनी यूरोप यात्रा के दौरान बेल्जियम पहुंचे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत के लोकतांत्रित संस्थाओं पर पर चौतरफा हमला हो रहा है और देश के लोकतांत्रिक ढांचे को दबाने की कोशिश पर यूरोपीय संघ के हलकों में भी चिंता है। उन्होंने यूरोप, अमेरिका को भारत में दखल देने की मांग कर डाली।

राहुल गांधी ने कहा था- हिन्दुस्तान के युवा पीएम मोदी को डंडा मारेंगे
राहुल गांधी ने ट्रंप हुए हमले की निंदा की है। लेकिन ट्रंप पर हमले की निंदा करने वाले राहुल गांधी लोगों को पीएम मोदी पर हमले के लिए उकसाते हैं। बनारस में जब पीएम मोदी के काफिले पर जूता फेंका गया गया तो उन्होंने उसे जायज़ ठहराते हुए कहा कि अब देश में कोई भी नरेंद्र मोदी से नहीं डरता। 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया था। उन्होंने कहा था, ”ये जो नरेंद्र मोदी भाषण दे रहा है, छह महीने बाद ये घर से बाहर नहीं निकल पाएगा। हिन्दुस्तान के युवा इसको ऐसा डंडा मारेंगे, इसको समझा देंगे कि हिन्दुस्तान के युवा को रोजगार दिए बिना ये देश आगे नहीं बढ़ सकता।”

पंजाब में पीएम मोदी की सुरक्षा में गंभीर चूक
पंजाब में जब कांग्रेस की सरकार थी और किसान आंदोलन कर रहे थे, उस वक्त पीएम नरेंद्र मोदी 5 जनवरी, 2022 को फिरोजपुर के हुसैनीवाला जा रहे थे और सुरक्षा में गंभीर चूक का मामला सामने आया था। पीएम मोदी 5 जनवरी की सुबह बठिंडा में उतरे जहां से उन्हें हेलीकॉप्टर द्वारा हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक जाना था. हालांकि खराब मौसम के कारण प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग लेना पड़ा। हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किमी. दूर जब उनका काफिला एक फ्लाईओवर पर पहुंचा तो पता चला कि सड़क कुछ प्रदर्शनकारियों ने ब्लॉक कर रखी है। फिरोजपुर में प्रदर्शनकारियों की नाकेबंदी के कारण मोदी का काफिला 15-20 मिनट से अधिक समय तक फ्लाईओवर पर फंसा रहा। इसके बाद वह रैली समेत किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से लौट आए। जनवरी 2022 में कांग्रेस नेता चरणजीत सिंह चन्नी पंजाब के मुख्यमंत्री थे और इस घटना को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में एक बड़ी चूक के रूप में देखा गया था।

अमेरिका में नस्ल तो भारत में जाति को बनाया हथियार
अमेरिका में नस्ल की तरह भारतीय समाज में जाति को दरार पैदा करने के लिए हथियार बनाया गया। लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि राहुल गांधी ने कहा कि जाति जनगणना से पूरे देश को पता लग जाएगा कि हिंदुस्तान का धन कहां है, किसके हाथ में है. पिछड़ों के हाथ में कितना, दलितों के हाथ में कितना, गरीब सामान्य वर्ग व महिलाओं के हाथ में कितना धन है।

भारत को बदनाम करने अमेरिका ने खालिस्तानी आतंकी पन्नू को उतारा
पीएम मोदी के रूस दौरे से बौखलाए अमेरिका ने अपने पिट्ठू खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू को ट्रंप पर हुए हमले के जरिये भारत जहर उगलने के लिए कहा जिससे भारत को बदनाम किया जा सके। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोशिश के बाद खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने बेसिरपैर का आरोप लगाते हुए भारत के खिलाफ जहर उगला है। पन्नू ने आरोप लगाया कि ट्रंप पर फायरिंग करने वाले शूटर ने वही मानसिकता अपनाई, जो भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपने विरोधियों के खिलाफ अपनाती हैं। एक वीडियो संदेश में पन्नू ने कहा, हम खालिस्तान समर्थक सिख ट्रंप के ऊपर हमले के प्रयास की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं। भारत द्वारा घोषित आतंकवादी पन्नू ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में राजनीतिक हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है, जबकि वह खुद भारत के खिलाफ हिंसा भड़काता रहा है।

अमेरिकी लेफ्ट लिबरल मीडिया का एजेंडा
भारतीय लेफ्ट लिबरल मीडिया की तरह ही अमेरिकी लेफ्ट लिबरल मीडिया भी अपना अलग ही एजेंडा चलाता है। खबर कुछ और होती है और दिखाते कुछ और हैं। लेफ्ट लिबरल मीडिया को ट्रंप से ज्यादा चिंता हमलावर की है। अब देखिए हमला ट्रंप पर हुआ है लेकिन अमेरिका के प्रमुख अखबारों ने क्या हेडलाइन लगाया है। वामपंथी मीडिया उस शूटर को लेकर ज्यादा चिंतित है जिसने डोनाल्ड ट्रंप को मारने की कोशिश की थी। द संडे डेनवर पोस्ट की हेडलाइन है- ‘हमले में बंदूकधारी मारा गया’। हेडलाइन में ट्रंप का कहीं जिक्र ही नहीं है। सीएनएन ने लिखा-‘रैली में गिरने के बाद सीक्रेट सर्विस उन्हें स्टेज से नीचे ले जाने के लिए दौड़े।’इसमें ट्रंप पर हमला किया गया और गोली लगी इसका जिक्र नहीं है। द न्यूयार्क टाइम्स ने लिखा-‘रैली में भगदड़ के बाद ट्रंप को स्टेज से नीचे ले जाया गया।’इसमें भी ट्रंप पर हमला और गोली लगने का जिक्र नहीं है। वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा- ‘जनसभा में शोरशराबे के बीच ट्रंप को सुरक्षा में ले जाया गया।’इस खबर में भी हमला और गोली लगने की बात नहीं है। इस तरह लेफ्ट लिबरल मीडिया अपराधियों और आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति पैदा करते हैं और उदारवादियों को मूर्ख बनाते हैं।

कांग्रेस ने ली है पीएम मोदी की हत्या की सुपारी !
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिल रही राजनीतिक सफलता से कांग्रेसी हताश और परेशान हैं। उन्हें लग रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जनता के दिलों में इस कदर बस गए हैं कि उन्हें सियासी मैदान में हराना मुश्किल ही नहीं, अब नामुमकिन है। ऐसे में कांग्रेसियों की सत्ता में वापसी के मार्ग में सबसे बड़ी बाधा प्रधानमंत्री मोदी है। उनको लगता है कि जब तक प्रधानमंत्री मोदी है, उनकी केंद्र की सत्ता में वापसी नहीं हो सकती। यही वजह है कि वे प्रधानमंत्री मोदी के जान के प्यासे हो गए हैं। वे प्रधानमंत्री मोदी को अपने रास्ते से हटाने के लिए उनकी हत्या के लिए लगातार लोगों को उकसाने और भड़काने वाला बयान देते हैं।

आइए देखते हैं कब-कब कांग्रेसी नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की धमकी दी और साजिश में हिस्सा लिया…

मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया
संविधान यदि बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो
11/12/2022

मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री राजा पटेरिया प्रधानमंत्री मोदी की हत्या कराना चाहते हैं। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उन्हें कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘मोदी इलेक्शन खत्म कर देगा। मोदी धर्म, जाति, भाषा के आधार पर बांट देगा। दलितों को, आदिवासियों को, अल्पसंख्यकों का जीवन खतरे में है। संविधान यदि बचाना है तो मोदी की हत्या करने के लिए तत्पर रहो।’ राजा पटेरिया रविवार 11 दिसंबर को मध्य प्रदेश के पन्ना में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की हत्या के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उकसाने का काम किया। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पटेरिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय
मोदी हिटलर की मौत मरेगा, याद रखो मोदी
20/06/2022

कांग्रेस पार्टी ने 20 जून 2022 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर सत्याग्रह किया। इस दौरान झारखंड से आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रहे सुबोधकांत सहाय ने मंच से प्रधानमंत्री मोदी की तुलना हिटलर से करते हुए मर्यादा लांघ दी। उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री हिटलर के रास्ते पर चलेंगे तो वह हिटलर की मौत मरेंगे। सहाय ने कहा, “‘मुझे तो लगता है हिटलर का सारा इतिहास इसने पार कर लिया। हुड्डा साहब बड़े गांव की भाषा में समझा रहे थे। हिटल ने भी ऐसी संस्था बनाई थी जिसका नाम था खाकी, सेना के बीच उसने बनाया था। मोदी हिटलर की राह चलेगा तो हिटलर की मौत मरेगा। याद रखो मोदी।” सुबोधकांत सहाय ने अपने संबोधन की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी को मदारी बताया था।

कांग्रेस की नागपुर इकाई के पूर्व अध्यक्ष शेख हुसैन
जैसे कुत्ते की मौत होती है, वैसे ही नरेन्द्र मोदी की मौत होगी
13/06/2022

महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित विरोध-प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस की नागपुर इकाई के पूर्व अध्यक्ष शेख हुसैन ने प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की धमकी दी। हुसैन ने कहा, “जैसे कुत्ते की मौत होती है, वैसे ही नरेन्द्र मोदी की मौत होगी। हो सकता है इस बयान के खिलाफ नोटिस मिल जाए। लेकिन मुझे उसकी कोई परवाह नहीं है।” जब हुसैन देश के प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक बयान दे रहे थे उस वक्त कांग्रेस के कुछ नेता ताली बजा रहे थे। बीजेपी ने कहा कि इस बयान से कांग्रेस की मानसिकता का पता चलता है। कांग्रेस के दो मंत्रियों के सामने प्रधानमंत्री मोदी को गाली दी गई। कांग्रेस घटिया और निचले स्तर पर उतर आई है। बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि कांग्रेस के लोग हिंसक हो गए हैं और अब तो ये पीएम तक को मारने की धमकी दे रहे हैं। आखिर कैसे ये महात्मा गांधी के नाम पर प्रदर्शन की बात कर रहे हैं।

पिंडरा विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय
7 मार्च को चुनाव के दिन मोदी को जमीन में गाड़ देंगे
04/02/2022    

यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता और वाराणसी की पिंडरा विधानसभा के प्रत्याशी अजय राय ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सीएम योगी के लिए अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि बोरी में नमक भर के तैयार रखिये आप सभी, योगी और मोदी को 7 मार्च को उसी बोरी में डाल कर जमीन के अंदर गाड़ देंगे। नमक का सही उपयोग यही है। उनकी इस धमकी का वीडियो जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अजय राय की इलाके में दबंग नेता की छवि है। वे कई बार वाराणसी से विधायक रह चुके हैं। वे वर्ष 2014 में कांग्रेस के टिकट पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से एमपी के चुनाव में भी खड़े हुए थे लेकिन बुरी तरह हार झेलनी पड़ी थी।

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष और विधायक नाना पटोले
मोदी को मार सकता हूं और उसे गाली भी दे सकता हूं
04/02/2022

महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष और विधायक नाना पटोले ने 16 जनवरी को भंडारा जिले में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “मैं इतने सालों से राजनीति में हूं लेकिन एक स्कूल नहीं खुलवाया। एक ठेकेदारी अपने नाम नहीं की। जो आता है, उसकी मदद करता हूं। इसलिए मैं मोदी को मार सकता हूं, उन्हें गाली दे सकता हूं। इसीलिए मोदी मेरे विरोध में प्रचार करने आए। आपके सामने एक प्रामाणिक नेतृत्व खड़ा है।” मराठी में दिए गए इस बयान का वीडियो वायरल होने के बाद सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ। विवाद बढ़ने पर पटोले ने सफाई में एक और विवादित बयान देते हुए कहा कि भंडारा जिले के ग्रामीणों से बातचीत के दौरान उन्होंने जिस मोदी का उल्लेख किया वह प्रधानमंत्री ना होकर एक स्थानीय गुंडा है, जिसे गिरफ्तार किया गया है। जबकि इस नाम का कोई व्यक्ति वहां गिरफ्तार नहीं किया गया था।

कर्नाटक में कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक बेलूर गोपालकृष्णा
यदि तुम्हारे पास साहस है तो तुम अपने मोदी को गोली मार दो
4/02/2019

कर्नाटक में एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक बेलूर गोपालकृष्ण ने प्रधानमंत्री मोदी को शूट करने की बात 4 फरवरी, 2019 को अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में कही थी। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था, जिसमें वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को शूट करने की बात कहते नजर आ रहे हैं। वीडियो में गोपालकृष्ण ने कहा था, ‘मित्रों ये लोग जो आज गोडसे के समर्थन में बोल रहे हैं वे देश में रहने के भी काबिल नहीं हैं। वे इस देश के लोकतंत्र की हत्या करने की तरफ बढ़ेंगे। यदि तुम्हारे पास साहस है तो तुम अपने मोदी को गोली मार दो किसी और को नहीं तो मुझे खुशी होगी।” उनके इस बयान के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। कर्नाटक बीजेपी ने उनका एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया और गृह मंत्रालय से जांच कर कार्रवाई करने की मांग की थी।

सहारनपुर में कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान मसूद
मुसलमान मोदी को कड़ा सबक सिखाएंगे और उनकी बोटी-बोटी काट देंगे
28/03/2014

जब नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार थे, तब उन्हें बोटी-बोटी काट देने की धमकी खुलेआम दी गयी थी। लोकसभा चुनाव के दौरान सहारनपुर में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे इमरान मसूद ने 28 मार्च, 2014 को ये बयान देकर यूपी ही नहीं पूरे देश में नफरत की सियासत को हवा देने की कोशिश की। मसूद का एक ऐसा वीडियो सामने आया था जिसमें वह एक सभा में प्रधानमंत्री मोदी को जान से मारने की धमकी देते दिखाई दिए थे। वह कह रहे थे- ‘मोदी यूपी को गुजरात न समझें। गुजरात में सिर्फ 4 प्रतिशत मुसलमान हैं, जबकि यूपी में मुसलमानों की संख्‍या 42 प्रतिशत है। यदि मोदी ने यूपी को गुजरात बनाने की कोशिश की, तो यहां के मुसलमान मोदी को कड़ा सबक सिखाएंगे और उनकी बोटी-बोटी काट देंगे। मैं एक छोटे बच्‍चे को भी उसकी ताकत का एहसास करा दूंगा, ताकि वह किसी से भी न डरे। हम अपने साथियों के लिए किसी को भी मार देंगे या मर जाएंगे।’ प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने तो इस बयान का कोई जवाब नहीं दिया था, लेकिन जनता ने इसका करारा जवाब दिया था।

इन बयानों से स्पष्ट है कि कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी की हत्या कराना चाहती है। आइए देखते हैं कांग्रेस किस तरह प्रधानमंत्री मोदी की हत्या के लिए साजिश रचती रही है… 

जब पीएम मोदी ने कहा- चन्नी को थैंक्स कहना कि मैं भटिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट पाया

प्रधानमंत्री मोदी पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के दौरे पर थे तो उनकी सुरक्षा में उस समय भारी चूक हुई जब वह खराब मौसम के कारण सड़क मार्ग के रास्ते हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक की तरफ जा रहे थे। शहीद स्मारक के लगभग 30 किलोमीटर पहले एक फ्लाईओवर पर प्रदर्शनकारियों ने उनका रास्ता रोक लिया औऱ 15-20 मिनट के लंबे इंतजार के बाद प्रधानमंत्री का काफिला वापस भटिंडा एयरपोर्ट की तरफ लौट पाया। भटिंडा हावई अड्डे के अधिकारियों ने एएनआई को बताया कि भटिंडा हवाई अड्डे पर लौटने पर प्रधानमंत्री मोदी ने वहां के अधिकारियों से कहा कि अपने सीएम चन्नी को धन्यवाद कहना कि मैं भटिंडा हवाई अड्डे तक जिंदा लौट पाया।” केंद्रीय गृहमंत्रालय ने उस समय कांग्रेस शासित राज्य में इस घटना को प्रधानमंत्री की सुरक्षा में गंभीर चूक करार दिया। गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की पंजाब यात्रा के दौरान गंभीर सुरक्षा खामी के बाद उनके काफिले ने लौटने के फैसला किया।

पीएम मोदी की हत्या के लिए कांग्रेस ने वामपंथियों को की थी फंडिंग

28 अगस्त, 2018 को पांच वामपंथी कार्यकर्ताओं- सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, वारवरा राव, अरुण फरेरा और वर्नोन गोंजाल्वेज की गिरफ्तारी के बाद मिले एक पत्र से जो खुलासे हुए, वे बेहद चौंकाने वाले थे। पहला, यह कि 01 जनवरी, 2018 को महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में पूरी प्लांनिग के साथ हिंसा ‘प्रायोजित’ की गई थी। दूसरा, इस हिंसा के लिए कांग्रेस ने फंडिंग की थी। तीसरा, इनके तार कश्मीर के अलगाववादियों-पत्थरबाजों से भी जुड़े थे। चौथा, प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की सुनियोजित साजिश रची गई थी। गौरतलब है कि सुधा भारद्वाज ने एक चिट्ठी कॉमरेड प्रकाश और दूसरी कॉमरेड सुरेन्द्र को लिखी थी।

आपको बता दें कि 06 जून, 2018 को पुणे से रोना विल्सन, सुधीर ढवले, सुरेंद्र गडलिंग, शोमा सेन और महेश राउत की गिरफ्तारी हुई थी। उस समय रोना विल्सन का लिखा एक पत्र सामने आया था, जिसमें ये बातें सामने आईं थीं कि नक्सल समर्थक तथाकथित बुद्धिजीवी तबका भाजपा के विस्तार से नाखुश हैं और उन्हें रास्ते से हटाना चाहते थे। हालांकि इस प्लानिंग में कांग्रेस पार्टी शामिल थी इस पर यकीन करना थोड़ा मुश्किल हो रहा था। लेकिन सुधा भारद्वाज के एक पत्र से पुख्ता सबूत भी सामने आ गए कि कांग्रेस इस ग्रुप को फंडिंग कर रही थी। चिट्ठी से ऐसे संकेत मिले थे कि प्रधानमंत्री मोदी की हत्या हो जाने पर देश जातिवादी दंगों में उलझ जाती। माना जा रहा है कि इसका सीधा फायदा कांग्रेस को मिलता और वह फिर से सत्ता पर काबिज हो जाती। इस बात का खुलासा पूर्व कांग्रेसी शहजाद पूनावाला ने भी अपने एक ट्वीट में किया था कि कांग्रेस और नक्सलियों के संबंध हैं। 

दरअसल चिट्ठी से पता चला कि कैसे नक्सली किसी बड़ी साज़िश को अंजाम देने के लिए हथियारों का इंतज़ाम कर रहे थे। कैसे हिंसा फैलाने के लिए कांग्रेस का एक नेता फंडिंग के लिए तैयार था। महेश राउत की गिरफ्तारी का कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने विरोध भी किया था। उनका नक्सल कनेक्शन तब भी सामने आया था जब 2013 में उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम पृथ्वीराज चौहान चिट्ठी लिख कर कहा था कि महेश राउत के खिलाफ कोई कार्रवाई न की जाए और उसे आजादी से काम करने दिया जाए। बहरहाल कांग्रेस नक्सलियों की मददगार है इसका एक सबूत 29 अगस्त को तब भी सामने आया था, जब पार्टी के सीनियर नेता और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी पकड़े गए आरोपियों को बचाने कोर्ट पहुंच गए थे। जबकि गिरफ्तार 5 लोगों में से सभी पर यूपीए सरकार के दौरान भी कार्रवाई की गई थी और इनमें से दो को तो जेल भी भेजा गया था।

दरअसल कांग्रेस अपने राजनीति लाभ के लिए आतंकवाद को भी धर्म के चश्मे से देखती रही है। इस क्रम में वह कभी आतंकियों की फांसी का विरोध करती है तो कभी पत्थरबाजों का समर्थन करती है।अलगाववादियों और सिमी जैसे संगठनों से रिश्ते में गुरेज नहीं करती है। अब तो कांग्रेस को ISIS जैसा खूंखार आतंकवादी संगठन भी भाने लगा है। 

जर्मनी के हैम्बर्ग में 22 अगस्त को राहुल गांधी ने यह बयान दिया था कि बेरोजगारी के कारण ISIS जैसे संगठन का जन्म होता है। यानि वे एक तरह से ISIS जैसे संगठन के अस्तित्व को भी जायज ठहरा रहे थे। सवाल उठता है नफरत की बुनियाद और नस्लों के नरसंहार की नीति पर खड़ी होने वाले ISIS को लेकर राहुल गांधी इतने सॉफ्ट क्यों हैं? सवाल यह भी कि क्या कांग्रेस का ISIS जैसे संगठनों से कोई रिश्ता है?

दरअसल वोट बैंक के लिए कांग्रेस ने हमेशा ही ऐसी ही अराजकता को हमेशा बढ़ावा दिया है। आजादी के बाद से ULFA, UNLF, सिमी और JKLF जैसे आतंकवादी और अलगाववादी संगठनों के आगे बढ़ने में कांग्रेस की बड़ी भूमिका रही है। 

लश्कर-ए-तैयबा का कांग्रेस कनेक्शन
लश्कर के प्रवक्ता ने कांग्रेस पार्टी के उस बयान का समर्थन किया था, जिसमें पार्टी ने सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। लश्कर के प्रवक्ता अब्दुल्ला गजनवी ने प्रेस रीलीज कर कहा था, ”भारतीय सेना कश्मीर में मासूम लोगों को मार रही है और गुलाम नबी आजाद ने भी इस बात को स्वीकार किया है। कांग्रेस पार्टी ने इसका विरोध किया है, हम कांग्रेस पार्टी का समर्थन करते हैं कि भारतीय सेना अपने ऑपरेशन कश्मीर में बंद करे।”

जाकिर नाइक से कांग्रेस को है ‘मोहब्बत’
इस्लामी कट्टरपंथी धर्म प्रचारक जाकिर नाइक से कांग्रेसी नेताओं के ताल्लुकात रहे हैं। जाकिर नाइक ने कई देशविरोधी कार्य किए, कई देशविरोधी भाषण दिए, लेकिन कांग्रेसी सरकारें उस पर कार्रवाई से कतराती रही। एक बार दिग्विजय सिंह ने जाकिर नाइक को ‘मैसेंजर ऑफ पीस’ बताया था। वाकया साल 2012 का है, जब एक इवेंट के दौरान उन्होंने नाइक के साथ मंच साझा किया था। जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउडेंशन ने 2011 में राजीव गांधी चैरिटेबुल ट्रस्ट को 50 लाख रुपये चंदे के रूप में दिया था।

आतंकी इशरत जहां पर कांग्रेस ने की राजनीति
15 जून 2004 को अहमदाबाद में एक मुठभेड़ में आतंकी इशरत जहां और उसके तीन साथी जावेद शेख, अमजद अली और जीशान जौहर मारे गए थे। गुजरात पुलिस के मुताबिक उनके निशाने पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी थे, लेकिन केंद्र की सत्ताधारी कांग्रेस सरकार को इसमें भी सियासत दिखी। सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जाने लगी। लेकिन गृह मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी आरवीएस मणि ने कांग्रेस की साजिशों की परतें खोल दीं। उन्होंने साफ कहा कि इशरत और उसके साथियों को आतंकी ना बताने का उन पर दबाव डाला गया था।

इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और कुछ दिनों के लिए इशरत जहां एनकाउंटर पर बनी एसआइटी की टीम मुखिया सत्यपाल सिंह ने भी कहा था कि उन्हें इशरत जहां के एनकाउंटर झूठा साबित करने के लिए ही एसआइटी की कमान सौंपी गई थी। इतना ही नहीं उन्हें इस एनकाउंटर के तार नरेन्द्र मोदी तक पहुंचने को कहा गया था।

खालिस्तान समर्थकों का हौसला कांग्रेस ने बढ़ाया
आतंकवादी भिंडरावाले ने कांग्रेसी सिख नेताओं, खास तौर से ज्ञानी जैल सिंह की शह पर स्वर्णमन्दिर परिसर में स्थित अकाल तख्त पर कब्जा कर लिया था और वहां सैकड़ों हथियारबन्द आतंकियों ने अपना अड्डा बना लिया था। यह 1982-83 का समय था, जब पंजाब में कांग्रेस के दरबारा सिंह की ही सरकार थी। बात जब देश के टुकड़े करने तक बढ़ गई तो ऑपरेशन ब्लू स्टार करना पड़ा, जिसमें 492 आतंकवादी ढेर किए गए थे, जबकि देश के 83 सैनिक भी शहीद कर दिए गए थे।

पत्थरबाजों का समर्थन करती है कांग्रेस
जब सेना के मेजर गोगोई ने पत्थरबाज को जीप पर बांधकर सेना के दर्जनों जवानों की जान बचाई तो कांग्रेस ने इस पर भी राजनीति की। जिस आतंकी बुरहान वानी को भारतीय सेना ने एनकाउंटर कर ढेर कर दिया उसे कांग्रेस पार्टी जिंदा रखने की बात कहती है। कश्मीर में पार्टी के नेता सैफुद्दीन सोज ने कहा कि उनका बस चलता तो वह आतंकी बुरहान वानी को जिंदा रखते।

अफजल-याकूब का समर्थन करती है कांग्रेस
संसद पर हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु की फांसी पर भी कांग्रेस ने पॉलटिक्स की थी। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देना गलत था और उसे गलत तरीके से दिया गया। कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने अफजल गुरु को अफजल गुरुजी कहकर पुकारा था। इतना ही नहीं यही कांग्रेस है जिनके नेताओं ने याकूब मेनन की फांसी पर भी आपत्ति जताई थी। काग्रेस नेताओं के समर्थन पर ही प्रशांत भूषण ने रात में भी सुप्रीम कोर्ट खुलवा दिया था।

कश्मीर के अलगावादियों से कांग्रेस के हैं रिश्ते
कश्मीर में लगातार बिगड़ते माहौल के पीछे काफी हद तक अलगाववादी नेताओं का ही हाथ है। अलगाववादी नेताओं को लगातार उनके पाकिस्तानी आकाओं से मदद मिलती है और वह यहां कश्मीरी लड़कों को भड़काते हैं। NIA की की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2005 से लेकर 2011 के बीच अलगाववादियों को ISI की ओर से लगातार मदद मिल रही थी। 2011 में NIA की दायर चार्जशीट के अनुसार हिज्बुल के फंड मैनेजर इस्लाबाद निवासी मोहम्मद मकबूल पंडित लगातार अलगाववादियों को पैसा पहुंचा रहा था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस पर कोई कठोर निर्णय नहीं लिया था।

आतंकवादियों के लिए सोनिया गांधी के निकले आंसू
सितंबर 19, 2008 को दिल्ली के जामिया नगर इलाके में मुठभेड़ हुई। इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकवादी मारे गए। दो अन्य भाग गए, जबकि जीशान को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए। हालांकि कांग्रेस ने इसे फर्जी बताने की पूरी कोशिश की। 2012 में यूपी चुनाव के दौरान सलमान खुर्शीद ने मुसलमानों से कहा, “आपके दर्द से वाकिफ हूं। जब बाटला हाउस कांड की तस्वीर सोनिया गांधी को दिखाई थी। तस्वीरें देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए थे।”

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