प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में रोज रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। मोदी राज में कोरोना संकट काल में भी रिकॉर्ड रोजगार सृजित हुए हैं। कोरोना महामारी का असर रोजगार के मोर्चे पर पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है। रोजगार के मोर्चे पर अच्छी खबर यह है कि कोरोना काल में भी मई की तुलना में जून में भारत में हायरिंग एक्टिविटी में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। Naukri JobSpeak की नई रिपोर्ट के मुताबिक देश भर में हायरिंग एक्टिविटी बढ़ना रिकवरी का संकेत है। कोरोना महामारी के बाद भी हायरिंग एक्टिविटी में सुधार अच्छा संकेत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने वर्ष 2022 तक ‘सबको पक्का मकान’ मुहैया कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसी का नतीजा है कि कोरोना काल में 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त राशन देने के साथ ही शहरी निकाय स्तर पर होने वाले आवासीय निर्माण परियोजनाओं को भी जारी रखने पर पूरा जोर दिया गया। इसके चलते करीब ढाई करोड़ रोजगार सृजित किए गए। शहरी विकास मंत्रालय के मुताबिक इससे जहां शहरी श्रमिकों का पलायन रोकने में मदद मिलेगी, वहीं आवासीय परियोजनाओं में भारी निवेश से अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और नई नौकरियां पैदा होंगी।
शहरी विकास मंत्रालय की इस उप योजना के तहत प्रस्तावित मकानों के निर्माण में 11.74 करोड़ मानव दिवस का रोजगार सृजित होने का अनुमान है। इससे कुल चार लाख से अधिक लोगों को सीधा रोजगार प्राप्त हो सकेगा। परियोजना में घरों के निर्माण कार्य में लगने वाले श्रमिकों को कुशल बनाने की दिशा में कारगर पहल की गई है। सिटी लेवल टेक्निकल टीम के लगभग 2,200 विशेषज्ञों की मदद से 4,427 शहरी निकाय क्षेत्रों में काम कर रहे कुशल मजदूरों को भी नई तकनीक से लैस किया जा रहा है।