प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन की वजह से आज दुनियाभर में भारत का मान बढ़ रहा है। यह पीएम मोदी की कूटनीति है कि जिस तुर्किये (तुर्की ने आधिकारिक तौर पर अपना नाम बदलकर जून 2022 में तुर्किये कर लिया) ने कश्मीर मुद्दे पर भारत का कभी साथ नहीं दिया, वह जब विनाशकारी भूकंप से संकट में आ गया तो भारत ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ के तहत तत्काल राहत और बचाव दल को रवाना किया। अब तुर्किये में इस बात की काफी सराहना की जा रही है कि भारत ने समय पर मदद पहुंचाई। वहां से लौटे बचाव व राहत दल के सदस्यों ने पीएम मोदी को अपने जो अनुभव सुनाए वह हर भारतवासी को गौरव से भर देने वाला है। बचाव दल में शामिल जवानों और अधिकारियों ने बताया कि जब वे लौट रहे थे तो तुर्की के लोग रो रहे थे। उन्होंने भारतीय कर्मियों को ईश्वर के समान माना। किसी ने माथा चूमा तो किसी ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां भारत के योगदान को याद रखेंगी।
I will always remember this interaction with those who took part in ‘Operation Dost.’ pic.twitter.com/RYGDuEn6wW
— Narendra Modi (@narendramodi) February 21, 2023
…इसी वजह से पीएम मोदी के मुरीद हैं दुनिया के नेता
पीएम मोदी ने वसुधैव कुटुंबकम् की भावना को सार्थक करते हुए भूकंप से तबाह हुए तुर्किये और सीरिया में तत्काल बचाव दल के साथ ही राहत सामग्री पहुंचाई। पूरी दुनिया को अपना परिवार मानने वाले भारत ने जल्द से जल्द मदद भेजी, जिसकी हर तरफ प्रशंसा हो रही है। भारतीय वायुसेना के जंबो विमान NDRF की टीम, सेना और दूसरे जवानों को लेकर समय से पहुंच गई। उनके साथ गए डॉग स्क्वॉड ने भी मलबे के नीचे दबी जिंदगियों को ढूंढने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। तत्काल और सकारात्मक फैसले लेने की वजह से आज विश्व के नेता पीएम मोदी के मुरीद बन रहे हैं और इससे उनकी लोकप्रियता भी तेजी से बढ़ रही है।
विश्व पटल पर बढ़ी भारत की भूमिका कूटनीतिक जीत
विश्व पटल पर पिछले कुछ वर्षों में भारत की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हुई है और इसे एक कूटनीतिक जीत के रूप में भी देखा जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व का प्रभाव निरंतर बढ़ रहा है और विश्व के लगभग सभी देश प्रधानमंत्री व भारत की ओर आशा की दृष्टि से देख रहे हैं। हाल के समय में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता, G-20 समूह की अध्यक्षता, शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता का अवसर भारत को मिला है, यह भी पीएम मोदी की दूरदर्शिता का परिचायक है।
भारत और तुर्किए के लिए द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का बेहतर समय
ऐसे वक्त में जब तुर्किए जब भीषण भूंकप की त्रासदी से उबरने में जुटा है यह दोनों देशों के लिए द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने का बेहतर समय है। हालांकि, कश्मीर को लेकर तुर्किये का स्टैंड और राष्ट्रपति एर्दोगेन द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में इस मामले को उठाना दोनों देशों के संबंध के लिए सबसे बड़ी अड़चन बनी हुई है। लेकिन आपरेश दोस्त से भारत-तुर्किेये संबंधों पर जमी बर्फ की चादर पिघल सकती है। इससे तुर्किए को भी लाभ हो सकता है। इससे इस बात से समझा जा सकता है कि दिल्ली से तुर्की एयरलाइंस की एक उड़ान है, वहीं इसकी तुलना संयुक्त अरब अमीरात के अमीरात एयरलाइंस से करें, तो इसकी प्रति सप्ताह भारत से लगभग 200 उड़ानें हैं। इसी से समझा जा सकता है कि द्विपक्षीय संबंध बेहतर होने से किस तरह दोनों देशों को लाभ होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तुर्की में 'ऑपरेशन दोस्त' में शामिल हुए एनडीआरएफ और अन्य संगठनों के भारतीय बचाव दलों के साथ बातचीत की। एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। pic.twitter.com/JCpKGMamJC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 20, 2023
पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ में शामिल जवानों से बात की
भूकंप से तबाह हुए तुर्किये और सीरिया में व्यापक क्षति हुई है। वहां गया भारतीय बचाव दल अब लौट आया है। भारत लौटने के बाद NDRF की टीम, सेना और दूसरे जवानों ने पीएम मोदी को अपने अनुभवों से अवगत कराया। यहां आकर उन्होंने जो बताया वह हर भारतीय को जानना और सुनना चाहिए। यह हर किसी को गर्व से भर देने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन दोस्त’ (Operation Dost) में शामिल जवानों से बातें की और उन्हें बेहतर काम करने के लिए शाबाशी भी दी।
आइए जानते हैं ‘ऑपरेशन दोस्त’ में शामिल जवानों ने पीएम मोदी से क्या अनुभव साझा किया-
Turkey Earthquake: तुर्की में दस दिनों तक "ऑपेरशन दोस्त" को अंजाम देकर भारत लौटी NDRF की टीम का तुर्की के अदाना एयरपोर्ट पर वहां के कर्मचारियों ने ताली बजाकर शुक्रिया अदा किया। इसके बाद भारतीय बचाव दल का गाजियाबाद में भी स्वागत किया गया।बचाव दल में 5 महिलाएं भी शामिल रहीं।
-ANI pic.twitter.com/bppnsq5M0j— Teena Thakur (@shimlathakur) February 17, 2023
हम लौट रहे थे और वे रो रहे थे
पीएम मोदी के साथ संवाद के दौरान एक अधिकारी ने बताया कि हमने दो छोटी बच्चियों को भूकंप के 80 घंटे और 104 घंटे के बाद मलबे से जिंदा बाहर निकाला। उन्होंने कहा कि जब हम एयरपोर्ट पर अपने जहाज की तरफ बढ़ रहे थे तो लोगों ने तालियां तो बहुत सुनीं लेकिन सबको पता नहीं होगा कि वहां काफी लोग रो रहे थे। वे ‘हिंदीस्तानी’ बोल रहे थे।
#WATCH: भूकंप से तबाह तुर्की को भारत से भेजी गई मदद से मिली बड़ी राहत, सुनिए बचाव दल ने पीएम मोदी को क्या बताया@NDRFHQ @PMOIndia @narendramodi #OperationDost #NDRF #rescueteam #TurkeyQuake #TurkeyEarthquake #NarendraModi #India #moneycontrol pic.twitter.com/9mP4ZrSIxm
— Moneycontrol Hindi (@MoneycontrolH) February 22, 2023
आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी… आपके देश ने हमारे लिए क्या किया
सेना के एक अधिकारी ने बताया कि जब मैं राउंड पर था तो एक पेशेंट का रिलेटिव देखकर समझ गया कि मैं कमांडिंग अफसर हूं। उसने मेरे दोनों हाथों को पकड़कर आंखों से लगाया और चूमा। मैं भी झुक गया तो उसने कहा कि आप समझ सकते हैं कि इसका मतलब क्या है। मैंने कहा कि आप मुझे इज्जत दे रहे हैं। वह बोले, नहीं। आप मेरे पिता समान हैं। उसके बाद उसने कहा कि सर, मैं इस देश की यंग जनरेशन हूं और मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि आने वाली पीढ़ियां याद रखेंगी कि आपके देश ने हमारे देश के लिए क्या किया।
सबसे पहले अल्लाह, दूसरे नंबर पर आप हो
पीएम मोदी को बचाव दल में शामिल एनडीआरएफ की एक महिला जवान ने बताया कि तुर्की की एक महिला ने कहा कि उसके लिए सबसे पहले अल्लाह हैं और आज की तारीख में दूसरे नंबर पर आप हो।
जूली और रोमियो ने भौंककर दिया किसी के जीवित होने का संदेश
बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने पूछा कि डॉग स्क्वॉड आपके साथ गया था। वहां पर ठंड ज्यादा थी। उनकी हेल्थ कैसी थी? इस पर एक जवान ने बताया कि हमारे सभी डॉग की तबीयत बहुत अच्छी रही है। एक अन्य एनडीआरएफ जवान ने बताया कि हमने सबसे पहले डॉग ‘जूली’ को मलबे की तरफ छोड़ा था। उसने भौंककर इंसान के जीवित होने का संदेश दिया। इसके बाद ‘रोमियो’ को कन्फर्मेशन के लिए छोड़ा गया। रोमियो ने भी भौंककर लाइव विक्टिम होने का कन्फर्मेशन दिया और आगे प्रयास तेज कर दिए गए।
72 घंटे बाद मलबे से निकाला, स्ट्रेचर पर आई, पैरों पर चलकर गई
सेना की एक महिला अधिकारी ने बताया कि 72 घंटे से ज्यादा वह मलबे में दबी हुई थी। वह आई स्ट्रेचर पर थी लेकिन वापस अपने पैरों पर चलकर गई। जाते समय उसकी आंखों में आंसू थे हमें धन्यवाद करते हुए। हमें ईश्वर के समान बोला और कहा कि जितना धन्यवाद मैं उनका करती हूं उतना ही आपका कर रही हूं।
एयरफोर्स का ग्लोबमास्टर भरोसे का प्रतीक बना
भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी ने कहा कि एयरफोर्स का ग्लोबमास्टर जहां भी उतरता है। एक उत्साह पैदा हो जाता है कि भारत उनकी मदद करने के लिए आया है। जो छवि आज की तारीख में भारत की दूसरे देशों में है, कहीं भी कुछ भी होगा तो भारत जितना हो सकेगा जरूर मदद करेगा। किसी और से ज्यादा ही करेगा।
तुर्की की सेना ने हमसे सीखा फिर हमारे तरीके से काम किया
पीएम ने पूछा कि ऑपरेशन करने के लिए अलग-अलग टीमें थीं, उनकी कुछ जरूरत पड़ गई तो क्या वे भी एक दूसरे की मदद करते थे? इस पर एक अधिकारी ने बताया कि एक साइट पर तुर्की की टीम के साथ लगातार काम करने का मौका मिला। लगभग 72 घंटे तक हम उस साइट पर काम करते रहे। हम लोग जब काम कर रहे थे तो अपनी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए कम से कम मलबा हटाकर अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन लोकल आर्मी यूनिट उनकी थी, वे ज्यादातर हैवी मशीनरी का इस्तेमाल करते हुए लोड को हटाना चाह रहे थे। बाद में उन्होंने समझा और हमें काम करने को दे दिया। आगे उन्होंने हमारे तरीके से काम किया।
दुनियाभर में भारत के प्रति एक सद्भावनाः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने बचाव दल के साथ संवाद के दौरान कहा कि ऑपरेशन दोस्त मानवता के प्रति भारत के समर्पण और संकट में फंसे देशों की मदद के लिए तत्काल खड़े होने के हमारे कमिटमेंट को दिखाता है। उन्होंने कहा कि तिरंगा लेकर हम जहां भी पहुंचते हैं लोगों को आश्वासन मिल जाता है कि भारत की टीमें आ चुकी हैं। आज दुनियाभर में भारत के प्रति एक सद्भावना है।
Like the Government of India, the big-hearted Indian people have also joined hands to help those in need in the earthquake region. We truly appreciate all of you for your valuable help. 🧡🤍💚#TurkiyeQuakes#VasudhaivaKutumbakam
🇹🇷❤️🇮🇳@anadoluagency @MFATurkiye @MEAIndia pic.twitter.com/ailLgXeWu7— Fırat Sunel फिरात सुनेल فرات صونال (@firatsunel) February 20, 2023
तुर्की के राजदूत ने बचाव दल भेजने के लिए भारत को सराहा
भारत में तुर्की के राजदूत फिरत सुनेल ने भारत के योगदान के लिए शुक्रिया अदा किया है और मदद को सराहनीय बताया है। सुनेल ने एक ट्वीट कर लिखा कि, “भारत सरकार की तरह, बड़े दिल वाले भारतीय लोगों ने भी भूकंप क्षेत्र में जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हाथ मिलाया है। हम आपकी बहुमूल्य मदद के लिए वास्तव में आपकी सराहना करते हैं।” साथ ही उन्होंने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें दिखाया कि भारत से कितने टन सामग्री आई है।
‘शुक्रिया भारत’ तालियों की गूंज, चेहरे पर मुस्कान, आंखों में प्यार…तुर्की से भारतीय सेना और एनडीआरएफ की यूं हुई विदाई #IndianArmy #TurkeySyriaEarthquake #AajNEWJDekhaKya pic.twitter.com/CBF0LmUUJj
— NEWJ (@NEWJplus) February 20, 2023
तुर्की में भारत के राजदूत ने कहा, हमारी मदद की हो रही काफी सराहना
तुर्की में भारत के राजदूत डॉ वीरेंद्र कौल ने कहा कि संकट की इस घड़ी में भारत तुर्की की हरसंभव मदद कर रहा है। डॉ कौल ने कहा कि तुर्की में भूकंप आने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने संवेदना और दुख प्रकट किया था। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की थी कि भारत हरसंभव मदद करेगा। इसके तहत अब तक मदद के लिए पांच सी-17 एयरक्राफ्ट तुर्की आ चुके हैं। एनडीआरएफ की सर्च और रेस्क्यू टीम के अलावा इंडियन आर्मी की भी टीमें आईं। यहां जो भी मदद की जा रही है उसकी काफी सराहना हो रही है। भारत ने इस क्राइसिस के मौके पर जो रिस्पॉन्स दिया है उसकी काफी तारीफ हुई है। उन्होंने बताया कि तुर्की सरकार की ओर से जो भी मदद चाही जा रही है उस पर हमारी अथारिटी पूरी तरह रिस्पॉन्स दे रही है।
"6 फरवरी को तुर्की में आए भीषण भूकंप के बाद @NDRFHQ की 3 टीमें वहां भेजी गई थीं"
"यह पूरा अभियान गृह, विदेश एवं रक्षा मंत्रालयों और @ndmaindia के साझे प्रयास से ही संभव हो सका है"
– एन एस बुंदेला(IPS), आईजी एनडीआरएफ @PIBHomeAffairs @MEAIndia @DefenceMinIndia @IAF_MCC pic.twitter.com/i6TRfZ3LYr
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) February 21, 2023
एनडीआरएफ की सर्च एंड रेस्क्यू टीम में थे 101 मेंबर
तुर्की में भारत के राजदूत डॉ वीरेंद्र कौल ने बताया कि एनडीआरएफ की सर्च एंड रेस्क्यू टीम में 101 मेंबर थे। इंडियन आर्मी की मेडिकल टीम में 99 एक्सपर्ट आए जो कि फील्ड हस्पिटल के लिए थे। पहली बार एनडीआरएफ की महिला कर्मी भी आई जिन्होंने बाकी कर्मियों की तरह ही योगदान दिया। इन सब चीजों को यहां काफी एप्रिसिएट किया जा रहा।
विश्व कल्याण के लिए समर्पित भारत 🇮🇳
भूकंप प्रभावित तुर्की के लोगों की सहायता हेतु भारत ने एनडीआरएफ के बचाव दल सहित चिकित्सा दल और राहत सामग्री भेजी; जो कि मानव कल्याण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। pic.twitter.com/Uguf33iAo6
— MyGovIndia (@mygovindia) February 7, 2023
किसी भारतीय को नुकसान पहुंचने की सूचना नहीं
डॉ कौल ने बताया कि, भूकंप प्रभावित इलाके में भारतीयों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं है. जो दूतावास में हमने कॉल रिसीव किए हैं इसके हिसाब से करीब 125-130 लोगों की जानकारी हमारे पास है। हमारे पास किसी कैजुअल्टी की कोई सूचना नहीं है।