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अब ‘देखो अपना देश’, मोदी सरकार देगी घूमने का पूरा खर्च

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मोदी सरकार ने देश भर में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिहाज से कई महत्वपूर्ण काम किए हैं, इसी को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार एक नई योजना लेकर आई है। पर्यटन मंत्रालय ने ‘देखो अपना देश’ नाम से एक कार्यक्रम की शुरूआत की है, जिसके तहत सरकार आपके 15 पर्यटन स्थलों पर घूमने का खर्च उठाएगी। 

क्या है ‘देखो अपना देश’ कार्यक्रम?

टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से केंद्र की मोदी सरकार ने भारतीय यात्रियों के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत की है जिसके तहत साल 2022 तक अपने गृह प्रदेश को छोड़कर बाकी 15 पर्यटन स्थल की यात्रा करनी होगी इसका खर्च सरकार उठाएगी।

पर्यटन मंत्रालय के ‘देखो अपना देश’ कार्यक्रम की डिटेल वेबसाइट पर दी गई है। इस प्रोग्राम के तहत यात्री को साल 2022 तक कम से कम 15 पर्यटन स्थलों की यात्रा करनी होगी।

2022 तक लागू रहेगी योजना

केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि पर्यटन मंत्रालय एक साल में देश के 15 स्थलों पर जाने वाले पर्यटकों का यात्रा खर्च और फोटो हमारी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। ओडिशा के कोर्णाक में राष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलन के दौरान प्रह्लाद सिंह पटेल ने ये जानकारी दी।

यह योजना 2022 तक लागू है यानी आप अपनी यात्रा कभी भी शुरू करें, लेकिन एक साल के भीतर खत्म करनी है। 15 पर्यटन स्थलों पर धूमने के बाद वेबसाइट https://pledge.mygov.in/my-country/ पर अपनी फोटो अपलोड करनी होगी। साथ ही इस बात का ध्यान रखना होगा कि सभी पर्यटन स्थल आपके गृह प्रदेश से बाहर के हों।

प्रोत्साहन के रूप में होंगे खर्चे

प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि इन खर्चों को मॉनेटरी लाभ के लिए नहीं, बल्कि प्रोत्साहन राशि के रूप में लिया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि कोणार्क में सूर्य मंदिर को प्रतिष्ठित स्थलों की लिस्ट में शामिल किया जाएगा।इसके साथ ही पर्यटन की एडिशनल डायरेक्टर रूपिंदर बराड़ ने बताया कि मंत्रालय पर्यटन गाइड के रूप में काम के इच्छुक कैंडिडेट्स के लिए एक सार्टिफिकेट प्रोग्राम आयोजित करती रही है, लेकिन इस प्रोग्राम में ओडिशा की भागीदारी बहुत कम है जिसे बढ़ाने की जरूरत है। राज्य सरकार को छात्रों को सार्टिफिकेट कोर्स में हिस्सा लेने के प्रोत्साहित करना चाहिए।

आइए नजर डालते हैं पर्यटन के क्षेत्र में मोदी सरकार को मिली उपलब्धियों पर-

चारधाम यात्रा पर पहुंचे रिकॉर्ड 34 लाख श्रद्धालु

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी समय-समय पर बाबा केदारनाथ के दर्शन करने आते रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी 18 मई, 2019 को केदारनाथ पहुंचे और उन्होंने रूद्र गुफा में ध्यान साधना की। उनके ध्यान-साधना के बाद यह गुफा विशेष आकर्षण का केन्द्र बन गई है। वर्ष 2019 में रिकार्ड संख्या में 10 लाख श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के अनुसार, नवंबर 2019 तक 34 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम तथा प्रसिद्ध सिख तीर्थस्थल हेमकुंड साहिब के दर्शन करने पहुंचे। श्रद्धालुओं की यह संख्या पिछले वर्ष के मुकाबले 22.6 प्रतिशत ज्यादा है।

महाबलीपुरम में उमड़ी पर्यटकों की भीड़

प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग ने 11-12 अक्टूबर, 2019 को तमिलनाडु के महाबलीपुरम में अपनी ऐतिहासिक अनौपचारिक वार्ता में हेरिटेज वॉक, सांस्कृतिक विविधता, संगीतमय शाम के बीच प्राचीन संबंधों को नई ऊर्जा देने की कोशिश की। इसके बाद वहां पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है। दुनिया भर के लोग यहां आकर महाबलीपुरम के सौंदर्य को निहार रहे हैं। पर्यटकों के आने से यहां के लोगों की कमाई में भी वृद्धि हुई है। स्थानीय लोग इससे काफी खुश है।

स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी से ज्यादा हुई स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के प्रतिदिन पर्यटकों की संख्या

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी को रोजाना देखने आने वाले पर्यटकों की संख्या अमेरिका के 133 साल पुराने स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी के पर्यटकों से ज्यादा हो गई है। प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन 31 अक्टूबर, 2018 को किया था। आज स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की दुनिया और देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिनती हो रही है। गुजरात स्थित इस स्मारक को देखने औसतन 15,000 से अधिक पर्यटक रोज पहुंच रहे हैं। जबकिअमेरिका के न्यूयार्क में स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को देखने रोजाना 10,000 पर्यटक पहुंचते हैं। 

‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ ने कमाई में ताजमहल को पीछे छोड़ा 

आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) के मुताबिक, दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी’ ने एक साल में 63 करोड़ रुपये की कमाई की, जबकि ताज महल ने इस दौरान 56 करोड़ रुपये कमाए। इस तरह ताज महल के मुक़ाबले सरदार पटेल की प्रतिमा ने एक साल में 7 करोड़ रुपये ज़्यादा कमाए।

भारत को पहली बार मिली विश्व पर्यटन दिवस की मेजबानी

हर साल 27 सितंबर को पूरी दुनिया में विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है और हर साल अलग-अलग देश इसकी मेजबानी करते हैं। संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) ने विश्व पर्यटन दिवस 2019 मनाने के लिए भारत को मेजबान देश चुना। 27 सितंबर, 2019 को नई दिल्ली में विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में यूएनडबल्यूटीओ के महासचिव ज़ुराब पोलोलिकाशविली के अलावा 82 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि  उपस्थित थे।

“हर वर्ष 5 विदेशी परिवारों को पर्यटन पर भारत जरूर भेजें”

22 सितंबर, 2019 को ह्यूस्टन में आयोजित हाउडी मोदी कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका में रह रहे भारतीयों से पर्यटन को बढ़ावा देने का आग्रह किया। पीएम मोदी ने कहा कि हर भारतीय नागरिक हर साल कम से कम पांच गैर भारतीय परिवारों को भारत जरूर भेजे, ताकि वहां पर्यटन इंडस्ट्री को बढ़ावा मिल सके।

विश्व यात्रा पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक में 6 स्थान की छलांग

वैश्विक यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्धा सूचकांक-2019 में भारत की रैंकिंग छह अंक सुधरकर 34 हो गयी। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की 4 सितंबर, 2019 को जारी नवीनतम रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आयी। वर्ष 2017 में यह रैकिंग 40वें स्थान पर थी जो अब 34 हो गयी है। रिपोर्ट में कहा गया कि दक्षिण एशिया में यात्रा एवं पर्यटन की जीडीपी का अधिकांश हिस्सा रखने वाला भारत इस उपमहाद्वीप में सबसे प्रतिस्पर्धी यात्रा-पर्यटन अर्थव्यवस्था बना हुआ है।

ऐतिहासिक स्थलों को रात 9 बजे तक खुले रखने की घोषणा

जुलाई 2019 में मोदी सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 10 ऐतिहासिक स्थलों को देखने का समय बढ़ा दिया । यह स्थल प्रातः काल से रात 9 बजे तक खुले रहेंगे। इसके पहले ये दर्शनी स्थल आम जनता के लिए सुबह 9 बजे से शाम साढ़े 5 बजे तक खुले रहते थे। प्रथम चरण में जिन 10 ऐतिहासिक स्थलों को चुना गया है, उनकी सूची इस प्रकार है –

स्मारकों का नाम जिला राज्य
राजरानी मंदिर परिसर भुवनेश्वर ओडिशा
दूल्हादेव मंदिर, खजुराहो छतरपुर मध्य प्रदेश
शेख चिल्ली मकबरा, थानेसर कुरुक्षेत्र हरियाणा
सफदरजंग मकबरा दिल्ली दिल्ली
हुमायूँ का मकबरा दिल्ली दिल्ली
कर्नाटक के पट्टडक्कल में स्मारकों का समूह भागलकोट कर्नाटक
गोल गुम्बज विजयपुर कर्नाटक
मंदिरों का समूह, मारकंडा, चामुर्सी गढ़चिरोली महाराष्ट्र
मान महल, वेधशाला वाराणसी उत्तर प्रदेश
रानी-की-वाव पाटन गुजरात

जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में फिर चमकेगा पर्यटन

जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने 2019 में मेगा प्‍लान तैयार किया। इसके तहत पर्यटन मंत्रालय की एक टीम को घाटी में भेजा गया। इस टीम ने उन जगहों की पहचान की, जो टॉप के टूरिज्‍म डेस्टिनेशन बन सकते हैं। साथ ही मोदी सरकार राज्य के टूरिस्ट गाइड को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देगी। टूरिस्टों को राज्य में कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। 

अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर में आए 1.36 करोड़ पर्यटक

जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश में बांटने के बाद से लगातार पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश हो रही है। अक्टूबर 2019 तक 1.36 करोड़ से अधिक पर्यटक जम्मू क्षेत्र पहुंचे। इनमें से 67,91,712 पर्यटकों ने माता वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन किए।

जम्मू-कश्मीर के 50 से अधिक ऐतिहासिक स्मारकों का नवीनीकरण

केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने 16 दिसंबर, 2019 को कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा 50 से अधिक ऐतिहासिक स्मारकों को पुनर्निर्मित और संरक्षित किया जायेगा। इनमें 15 स्मारक जम्मू क्षेत्र में शामिल है।

लद्दाख में पर्यटन को बढ़ावा 

2019 में पर्यटन विभाग ने दुनिया भर से पर्यटकों को लद्दाख बुलाने पर जोर दिया। पर्यटकों को राज्य के प्राकृतिक सौंदर्य भरे स्थानों का दौरा करवाया जा रहा है। पर्यटन विभाग के साथ ही सेना ने भी अपने कुछ फॉरवर्ड पोस्ट तक पर्यटकों को जाने की अनुमति देने की योजना बनाई। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की ‌ऊंची चोटियों पर पर्यटकों को ट्रेकिंग की अनुमति देकर एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा दिया गया। 

137 पर्वत चोटियों पर ट्रैकिंग की छूट

अगस्त 2019 में मोदी सरकार ने ट्रैकिंग के लिए पर्वतारोहण वीजा प्राप्त करने के इच्छुक विदेशियों के लिए 137 पर्वत शिखरों को खोल दिया। ये शिखर जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और सिक्किम में स्थित हैं।

विदेशियों के लिए सबसे ज्यादा 51 शिखर उत्तराखंड में खोले गए। इस सूची में जम्मू-कश्मीर के 15 पर्वत शिखरों को भी शामिल किया गया है। यह देश में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है।

 

 

 

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