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वैक्सीन डिप्लोमेसी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने की राहुल गांधी की खिंचाई

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोरोना वैक्सीन डिप्लोमेसी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की खिंचाई की है। राहुल गांधी ने वैक्सीन पर एक ट्वीट किया था। इसका जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि मैं यहां अमेरिकी यात्रा पर चर्चा करने आया हूं। हम गंभीर विषयों पर चर्चा कर रहे हैं। मैं यहां राजनीतिक विवाद का आदान-प्रदान करने के लिए नहीं हूं। जब मैं देश छोड़ता हूं तो ऐसा नहीं करता और मैं उम्मीद करता हूं कि दूसरे लोग इसे समझेंगे।

राहुल गांधी ने 28 मई को एक प्रेस मीट में ‘वैक्सीन डिप्लोमेसी’ को लेकर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था, “विदेश मंत्री कह रहे हैं कि भारत ने दूसरे देशों को वैक्सीन मुहैया कराकर नाम कमाया है, वैक्सीन डिप्लोमेसी कर रहे हैं, हिंदुस्तान का नाम रोशन कर रहे हैं, लेकिन आज स्थिति क्या है। देश में सिर्फ तीन फीसदी लोगों को ही टीका लगाया गया है, मतलब 97 फीसदी लोगों के संक्रमित होने की संभावना है।”

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मोदी सरकार के प्रबंधन को लचर करार देते हुए कहा कि सभी नागरिकों का टीकाकरण ही कोरोना से बचाव का रास्ता है। भारत दुनिया में वैक्सीन की राजधानी है। मगर अभी तक हमारे केवल तीन फीसद नागरिकों को ही टीका लग पाया है। टीकाकरण की यही रफ्तार रही तो 2024 तक ही सबको टीका लग पाएगा।

राहुल गांधी ने दावा किया कि टीकाकरण ने गति नहीं पक़़डी तो कोरोना की तीसरी लहर का आना गारंटी है, जो दूसरी लहर से भी अधिक त्रासद होगी। उन्होंने कहा कि यदि 50 से 60 फीसद लोगों का टीकाकरण हो जाता है तो तीसरी लहर को रोका जा सकता है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात के बाद बताया कि इस दौरे का मकसद यहां आकर अमेरिका द्वारा भारत में दूसरी वेव के दौरान दिखाई गई एकजुटता की प्रशंसा करना और वैक्सीन उत्पादन में अमेरिका के साथ काम करना है। उन्होंने आगे बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि यूएस कुछ वैक्सीन भेजना चाहेगा। हमने भी वैक्सीन आयात करने और US FDA द्वारा क्लियर की गईं वैक्सीन को स्वीकार करने की इच्छा जाहिर की है। 

 

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