Home समाचार तबलीगी जमात के विदेशी मौलवियों ने देशभर में फैलाया कोरोना वायरस, दहशत...

तबलीगी जमात के विदेशी मौलवियों ने देशभर में फैलाया कोरोना वायरस, दहशत में लोग, एक्शन में गृह मंत्रालय

SHARE

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में लगे लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन से आई एक खबर ने पूरे देश में हड़कंप मचा दिया। 14-15 मार्च को यहां तबलीगी जमात का कार्यक्रम आयोजित हुआ था, जिसमें विदेशी मुस्लिम धर्मप्रचारकों के साथ ही 400 के करीब लोग शामिल हुए थे।संकट तब पैदा हो गया जब इस मरकज में शामिल हुए 10 लोगों की मौत कोरोना से हो गई। वहीं मरकज में मौजूद लोगों में से 24 में संक्रमण की पुष्टि हुई है। सबसे बुरी खबर यह है कि इस जमात में शामिल हुए लोग देश के कई राज्यों में गए। वहीं विदेशी मौलवियों के वीजा में गड़बड़ी का मामला सामने आया है।

निजामुद्दीन इलाके में जमात मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कश्मीर, अंडमान, सऊदी, थाईलैंड, इंडोनेशिया, उजबेकिस्तान और मलयेशिया से लोग जुटे थे। इन लोगों में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आने के बाद 300 से ज्यादा लोगों को कोरोना का संदिग्ध पाया गया, तो वहीं 700 लोगों का दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों में जांच जारी है। 34 को एम्स झज्जर भेजा गया। लोकनायक अस्पताल में 153 को भर्ती किया गया है। राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में 65 लोगों को भर्ती कराया गया है। वहीं उत्तरी रेलवे के आइसोलेशन केंद्र में भी 97 लोगों को रखा गया है।

स्वास्थ्य विभाग को यह जानकारी मिलने के बाद निजामुद्दीन की उस मस्जिद को बंद कर दिया गया है और सेनेटाइज करवाया जा रहा है। साथ ही पुलिस ड्रोन के माध्यम से भी ऐसे लोगों की तलाश करने और नज़र रखने का काम भी कर रही है। इसके लिए इलाके में ड्रोन उड़ाए जा रहे हैं। दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सत्येंद्र जैन ने कहा , यह बहुत बड़ा अपराध है। दिल्ली सरकार ने इस संगठन पर “भारी लापरवाही” करने का आरोप लगाया है। दिल्ली सरकार इस मस्जिद के मौलाना पर Fir करने की तैयारी में है। हलांकि मौलवी का कहना है कि उन्होंने लॉकडाउन की अनदेखी नहीं की है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मरकज में शामिल हुए कई विदेशियों को वीजा देने के मामले में गाइडलाइन का पालन नहीं किया गया। विदेशियों में से 220 के वीजा में गड़बड़ी पाई गई है। वीजा नियमों में धार्मिक प्रचार प्रसार, धार्मिक भाषण देना आदि में भाग लेने की पाबंदी होती है। ऐसे में सरकार इन सभी विदेशी धर्मप्रचारकों पर आजीवन प्रतिबंध लगा सकती है। 

सरकारी सूत्र ने ये भी बताया कि ये मौलाना समूहों में तेलंगाना, बिहार, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, ओडिशा पहुंचे थे। वहां की मस्जिदों और कई मीटिंग में इन लोगों ने हिस्सा भी लिया था। ऐसे में कोरोना संक्रमण के फैलने की आशंका और ज्यादा हो गई है। एक अधिकारी ने बताया, ‘तेलंगाना में सामने आने वाले कोविड-19 के लगभग 50 फीसदी केस के तार निजामुद्दीन के मरकज़ से जुड़े हैं। यानी संक्रमित हुए लोगों में ज्यादातर मरकज़ में शामिल हुए थे या फिर इसमें शामिल होने वाले लोगों के संपर्क में आए थे।’
तेलंगाना में कोरोना से 6 की मौत
इसी बीच हैदराबाद से तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस बात की पुष्टि की है कि इस जलसे में शामिल होकर वापस लौटे लोगों में से 6 लोगों की मौत हो चुकी है और बाकी लोगों की तलाश की जा रही है।

आंध्रप्रदेश में 11 लोग कोरोना से संक्रमित
दिल्ली में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए 11 लोग आंध्रप्रदेश में संक्रमित पाए गए हैं। जबकि एक शख्स इस जमात में शामिल शख्स के करीबी होने की वजह से संक्रमित हो गया है।
अंडमान में 10 लोग कोरोना पॉजिटिव
अंडमान में कोरोना वायरस के 10 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। संक्रमित पाए गए लोगों में से 9 दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित तबलीगी जमात के सेंटर (मरकज) से लौटे थे। बताया जा रहा है कि 10वीं संक्रमित महिला है, जो इनमें से किसी एक मरीज की पत्नी है। ये सभी 9 लोग 24 मार्च को अलग-अलग फ्लाइट से अंडमान पहुंचे थे। पूछताछ में इन सबने पुलिस को बताया कि ये निजामुद्दीन स्थित मरकज आए थे। 
तमिलनाडु में एक की मौत, दो संक्रमित
उधर तमिलनाडु के अंबुर, इरोड और सलेम से 38 इस्लामिक प्रचारकों को हिरासत में लिया गया है। जिनमें 23 इंडोनेशिया, 8 म्यांमार और 7 थाईलैंड से हैं। जिनमें से दो को कोरोना वायरस की जांच में पॉजिटिव पाया गया है। इरोड जिले के एक अस्पताल में दो मस्लिम प्रचारकों को कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद प्रशासन ने पेरुदुरई में नौ सड़कों को सील कर दिया, जिनका इस्तेमाल मुस्लिम धर्मप्रचारकों ने किया था। सात प्रचारक 12 मार्च को थाईलैंड से इरोड जिले पहुंचे थे। 15 मार्च तक वे पेरुदुरई के तीन मस्जिदों में रुके थे और उनमें से एक की बाद में कोयंबटूर सरकारी अस्पताल में मौत हो गई थी। 

अहमदनगर के मस्जिद से मिले 10 विदेशी मुस्लिम

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के नेवासा नगर स्थित एक मस्जिद से 10 विदेशी मुसलमानों को पुलिस ने हिरासत में लिया। इस खबर की जानकारी मराठी समाचार पोर्टल देशदूत में प्रकाशित हुई। देशदूत के मुताबिक इन दसों लोगों को पुलिस ने पकड़ लिया है और मस्जिद के ट्रस्टियों पर महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन कानून के तहत मामला दर्ज किया है।

लखनऊ में छिपे थे 24 विदेशी मौलवी , 3 संक्रमित

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक मस्जिद में कई विदेशी नागरिकों के छिपे होने की जानकारी मिलने के बाद जिलाधिकारी, पुलिस कमिश्नर और एसीपी ने छापेमारी की। जानकारी के मुताबिक, इस मस्जिद में बीते 13 मार्च से कई विदेशी नागरिकों के रुके होने की जानकारी मिली थी। मस्जिद में मौजूद सभी देसी-विदेशी नागरिकों को आइसोलेशन में भेज दिया गया है और मस्जिद में ताला लगा दिया गया है। सीएमओ कार्यालय के मुताबिक, राजधानी लखनऊ की अमीनाबाद, काकोरी और आईआईएम रोड स्थित मस्जिदों से 24 विदेशी मिले। इनमें 14 बांग्लादेश और 10 लोग कजाकिस्तान से आए थे। इनमें से तीन 3 लोगों में कोरोना के लक्षण मिलने पर जांच नमूना लेकर केजीएमयू भेजा गया है।

मेरठ के मस्जिदों में छिपे थे 19 विदेशी मौलवी

इसके साथ ही मेरठ जिले की दो मस्जिदों में 19 विदेशी नागरिकों के मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। ये विदेशी जमात के संग 17 और 21 मार्च को मेरठ पहुंचे थे। ये विदेशी मौलवी इंडोनेशिया, केन्या, सूडान और जिबूती समेत अन्य देशों से हैं। दैनिक जागरण के अनुसार मवाना स्थित बिलाल मस्जिद में रविवार देर रात 10 और सरधना में आजाद नगर स्थित मस्जिद में नौ विदेशी मौलवी रह रहे थे। लॉकडाउन के दौरान इन्हें शरण देने वालों ने भी पुलिस को जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा। हिन्दुस्तान के अनुसार किसी को पता न चले, इसलिए मस्जिद के बाहर ताला लगा रखा था।

झारखंड में छिपे थे 11 मौलवी

झारखंड में रांची पुलिस ने तमाड़ स्थित राड़गांव मस्जिद में छिपे 11 मौलवियों को हिरासत में लिया, जिसमें 3 मौलवी चीन से हैं, जबकि 4-4 किर्गिस्तान और कजाकिस्तान से हैं। जांच के दौरान प्राप्त पहचान पत्रों से इनकी शिनाख्त चीन के मा मेंनाई, ये देहाइ, मा मेरली, किर्गिस्तान के नूर करीम, नारलीन, नूरगाजिन, अब्दुल्ला और कजाकिस्तान के मिस्नलो, साकिर, इलियास आदि के रूप में हुई है। डीएसपी अजय कुमार ने बताया कि सभी के कागजात की जांच की जा रही है। तमाड़ चिकित्सा प्रभारी आशुतोष त्रिपाठी ने बताया कि सभी 11 विदेशियों की प्रारंभिक जांच कर ली गई है। किसी के कोरोना संक्रमित रोग के लक्षण नही मिले हैं। फिर भी सभी मौलवियों को क्वारनटाइन के लिए मुसाबनी स्थिति कांस्टेबल ट्रेनिंग स्कूल भेज दिया गया।

पटना में 12 विदेशी मुस्लिम धर्मप्रचारक हिरासत में 

इससे पहले बिहार के पटना में 12 विदेशियों को एक मस्जिद से हिरासत में लिया गया था। जानकारी के मुताबिक, ये मामला राजधानी के भीड़भाड़ वाले इलाके कुर्जी का है। यहां गेट नं 74 के पास स्थित एक मस्जिद में कुछ विदेशी लोगों को छिपाकर रखा गया था। छिपे हुए विदेशी लोगों की संख्या 12 बताई जा रही है। जब आसपास के मोहल्ले वालों को इसका पता चला तो लोगों ने विरोध किया और हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस आई जिसके बाद पुलिस ने 12 विदेशियों को अपनी कस्टडी में ले लिया।

सरकार के निर्देशों को दिखाया गया ठेंगा 

दिल्ली के निजामुद्दीन में कोरोना पर सरकार के निर्देशों के नजरअंदाज कर धार्मिक सभा करने वाले जमात के नेता अब इस पूरे मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। हालांकि अब उस पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी हो रही है। जमात के प्रवक्ता अशरफ मंगलवार को मीडिया के सामने आए और दावा किया कि 12 मार्च से ही लोगों को वापस भेजने का काम शुरू कर दिया गया था। लेकिन निजामुद्दीन स्थित जमात के मुख्यालय में मिले सैकड़ों लोग और तारीखें बयां कर रही हैं कि किस तरह समय-समय पर आ रहे सरकार के निर्देशों को ठेंगा दिखाया गया, बल्कि मजमे को जारी रखा गया।

तेजी से फैल रहा कोरोना

आपको बता दें कि भारत में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है। खबर लिखे जाने तक 1251 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से 46 लोगों की मौत भी हो चुकी है। अभी तक 102 लोग सही होकर घर जा चुके हैं। दुनिया भर में अब तक 7.80 लाख से भी अधिक लोग कोरोना वायरस संक्रमित हो चुके हैं और करीब 38 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।

 

Leave a Reply