राजस्थान में अभी तक तो दलित बेटियों के साथ दुष्कर्म, दलितों के खिलाफ आपराधिक कृत्य के मामले ही सामने आ रहे थे। लेकिन अब दलित के खिलाफ एक ऐसा शर्मनाक कृत्य सामने आया है, जिससे मानवता भी शर्मसार हो जाएगी। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि यह अमानवीय कृत्य करने वाला कोई और नहीं बल्कि कांग्रेस का ही विधायक है। इस कांग्रेसी विधायक ने न सिर्फ जमीन के विवाद में एक दलित का अपहरण करवाकर उसकी जीभ से अपने जूते चटवाए, बल्कि उसकी शह पर डिप्टी एसपी ने दलित के मुंह पर पेशाब तक कर दिया। जिस पुलिस को दलित की रक्षक बनना था, वो कांग्रेस विधायक की दरबारी बनकर भक्षक की भूमिका निभाने लगी। इतना ही नहीं इस दुष्कृत्य के बाद पुलिस ने दलित की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की और इसके लिए उसे कोर्ट की शरण लेनी पड़ी।कांग्रेस विधायक गोपाल मीणा पर जीभ से जूते चटवाने का आरोप
कांग्रेस की गहलोत सरकार का यह मामला कहीं सुदूर गांव-धाणी का नहीं है, बल्कि जयपुर जिले का ही है। यहां के जमवारामगढ़ इलाके में एक दलित ने आरोप लगाया कि उसका अपहरण करके उसे पीटा गया। यहां तक कि नेता के इशारे पर डिप्टी एसपी शिवकुमार भारद्वाज ने उसके मुंह पर पेशाब तक कर दिया। इसके बाद कांग्रेस विधायक गोपाल मीणा ने उनसे जूते चटवाए। कोर्ट के आदेश के बाद विधायक और डिप्टी एसपी समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विधायक गोपाल मीणा का कहना है कि उसका मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। ये जमीन से जुड़ा विवाद है। आरोप तो कोई भी लगा सकता है। मामले की जांच में दूध का दूध पानी का पानी सामने आ जाएगा।पुलिस वालों ने ही किया किडनैप, विधायक के घर मारपीट कर पेशाब किया
दलित पीड़ित जिसकी उम्र करीब पचास साल है, ने पुलिस को बताया कि गांव टोडालडी आंधी में वह जमीन की सार-संभाल करता है। 30 जून दोपहर करीब 1 बजे वह पत्नी और साथी के साथ खेत पर काम कर रहा था। अचानक पुलिस वाले आए और जबरदस्ती गाड़ी में पटककर किडनैप कर एमएलए गोपाल मीणा के घर ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया। थोड़ी देर बाद कमरे में आए पुलिसकर्मियों ने उसे नीचे पटक दिया और गालियां देते हुए उसके साथ खूब मारपीट की।जमवारामगढ़ के राजा कांग्रेस विधायक मीणा को नजराना क्यों नहीं दिया
पीड़ित के मुताबिक वह मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन जालिम बने पुलिस वालों ने उसकी एक न सुनी। उसके काफी देर गिड़गिड़ाने के बाद डिप्टी एसपी शिव कुमार भारद्वाज ने उसके मुंह पर पेशाब कर दिया। इसके साथ ही उसने धमकी भरे लहजे में कहा कि जमवारामगढ़ के राजा गोपाल मीणा को बिना नजराना दिए टोडालडी में तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई खेत में आने की। भारद्वाज ने मारपीट कर उसे धमकाया कि एमएलए की अवहेलना करने का परिणाम तूने देख लिया है। उसे फिर हॉल में ले गए।
कांग्रेस की पूर्व विधायक और पूर्व डीजी की जमीन से जुड़ा है मामला
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक विधायक गोपाल मीणा का कहना है कि मामला पूर्व डीजी नवदीप सिंह और उनकी पत्नी परम नवदीप की जमीन से जुड़ा है। ये लोग मुझ पर दबाव बनवाकर जमीन पर कब्जा दिलवाना चाहते थे। मैं पीड़ित को नहीं जानता। विधायक पर आरोप होने के चलते मामले की जांच के लिए सीबी सीआईडी को सौंपा गया है। सीबी सीआईडी अब दलित के अपहरण, मारपीट, मुंह पर पेशाब करने और जूते चटवाने के आरोपों की जांच कर रही है।पुलिस ने गुहार नहीं सुनी तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तब हुआ केस दर्ज
पीड़ित ने बताया है कि उसने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराने की कोशिश की थी, लेकिन कांग्रेस नेताओं के दबाव के चलते पुलिस ने उसका केस ही दर्ज नहीं किया। पुलिस के बड़े अधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी मामला केस दर्ज नहीं किया गया। जिसके बाद उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब कोर्ट के माध्यम से जमवा रामगढ़ थाने में केस दर्ज करवाया गया है। पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि वह डर की वजह से अब तक चुप रहा। केस दर्ज हो जाने के बाद उसने मीडिया के सामने अपनी व्यथा रखी और कांग्रेस विधायक और डिप्टी एसपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
खुली पुलिस की पोल, पीड़ितों के केस दर्ज करने में ऐसे करती है टालमटोल
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने कांग्रेस विधायक और डिप्टी एसपी समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह मामला जून है। एक ओर राज्य सरकार दावा करती है कि उसने हर शिकायत को दर्ज करने के आदेश दिए हुए हैं, इसलिए राज्य में अपराध ज्यादा नजर आते हैं। दूसरी ओर इस केस में साफ हो गया कि पुलिस किस तरह मजबूर लोगों का केस ही दर्ज नहीं करती है। यह मामला चूंकि कांग्रेस विधायक और पुलिस से संबंधित था, इसलिए पुलिस टालमटोल करती रही। हैरानी की बात यह भी है कि कांग्रेस विधायक मीणा ने जमीनी विवाद को जिससे संबंधित बताया है, वो भी कांग्रेस की सांगरिया क्षेत्र से पूर्व विधायक हैं। उनके पति एक पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं।
प्रदेश में दलितों पर अमानवीयता अब सहन नहीं होती, इसलिए दे दिया इस्तीफा
राजस्थान की कांग्रेसी गहलोत सरकार में दलितों पर अत्याचार का मुद्दा गर्मा गया है। जालोर जिले में स्कूल टीचर की निर्ममता से की पिटाई से हुई नौ साल के दलित मासूम छात्र की ‘हत्या’ का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सत्ताधारी पार्टी के बारां के अटरू से विधायक पानाचंद मेघवाल ने दलितों पर हो रहे लगातार अत्याचार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस पर चुप्पी से आहत होकर सीएम को अपना इस्तीफा ही भेज दिया है। अपनी सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने अपने पत्र में साफ लिखा है कि आजादी के 75 साल बाद भी राजस्थान में दलित और वंचित वर्ग पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। अपने ही विधायक के आरोपों के बाद कांग्रेस में खलबली है। दूसरी ओर बीजेपी प्रदेश महामंत्री व रामगंजमंडी से विधायक मदन दिलावर ने वीडियो बयान जारी कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।
इस मासूम की प्रतिभा अब कभी नजर नहीं आएगी, वीडियो पिटाई से कुछ दिन पहले का ही है जब इंद्र कुमार मेघवाल ने स्कूल में प्रस्तुति दी थी । pic.twitter.com/VugNuF49s2
— Neeraj Mehra Journalist (@NeerajM95532018) August 14, 2022
नौ साल के दलित छात्र की बेहद निर्ममता के पिटाई, बीजेपी ने कहा-यह मौत नहीं हत्या है
राजस्थान सरकार द्वारा लापरवाह रवैया अख्तियार करने के कारण सरकारी स्कूलों में आए दिन बच्चों के साथ मारपीट की घटनाएं सामने आती रही हैं। कई बार मासूम बच्चों की छोटी सी बात पर इतनी पिटाई की जाती है कि उनकी हड्डी तक टूट जाती है। इस बार तो जालौर में अत्याचार की सारी हदें ही पार कर दी गईं। जालोर जिले में स्कूल टीचर की निर्ममता से की पिटाई से नौ साल के दलित मासूम छात्र की मौत ही हो गई। बीजेपी विधायक मदन दिलावर ने कहा एक दलित बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई और यह सरकार संवेदनहीन और अनुसूचित जाति के लोगों की दुश्मन बनी हुई है।आज राजस्थान में दलित समाज जितने अत्याचार झेल रहा है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता
राजस्थान में दलितों पर अत्याचार का यह कोई पहला मामला नहीं है। दलित महिलाओं के साथ दुष्कर्म, दलितों से मारपीट और हत्या के कई मामले प्रदेश के थाने में दर्ज हैं। यहां तक कि कई बार तो दलित समाज के दूल्हों को घोड़ी तक पर नहीं बैठने दिया जाता है। दलितों के खिलाफ प्रदेश के इसी सिस्टम को कटघरे में खड़ा करते हुए दलित कांग्रेस विधायक पानाचंद मेघवाल ने यह लिखित इस्तीफा सीएम को भेजा है। पानाचंद ने कहना है कि ऐसी घटनाओं से मेरा मन काफी आहत है। मेरा समाज आज जिस प्रकार की यातनाएं झेल रहा है। उसका दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
गहलोत सरकार में कहीं घोड़ी पर चढ़ने तो कहीं मूंछ रखने पर दलितों पर घोर यातनाएं
अपने त्याग पत्र में विधायक पानाचंद मेघवाल ने लिखा कि प्रदेश में दलित और वंचितों को मटकी से पानी पीने के नाम पर तो कहीं घोड़ी पर चढ़ने और मूंछ रखने पर घोर यातनाएं देकर मौत के घाट उतारा जा रहा है। जांच के नाम पर फाइलों को इधर से उधर घुमाकर न्यायिक प्रक्रिया को अटकाया जा रहा है। पिछले कुछ सालों से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में दलितों और वंचितों के लिए जिस समानता के अधिकार का प्रावधान किया था, उसकी रक्षा करने वाला कोई नहीं है।अत्याचार से आहत होकर अंतरआत्मा की आवाज सुनकर दे रहा हूं इस्तीफा-मेघवाल
जालोर में दलित छात्र के साथ मारपीट के बाद उसकी मौत की घटना से आहत हुए दलित विधायक पानाचंद मेघवाल ने कहा कि जब हम हमारे समाज के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें न्याय दिलवाने में नाकाम होने लगे तो हमें पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है। एमएलए ने लिखा’ ‘मैं अपनी अंतरआत्मा की आवाज पर विधायक पद से इस्तीफा देता हूं।’ उन्होंने सीएम से कहा, ‘विधायक पद से मेरा इस्तीफा स्वीकार करें, ताकि मैं बिना पद के ही समाज के वंचित और शोषित वर्ग की सेवा कर सकूं।’
सीएम को चेताया कि दलितों पर अत्याचार के मामलों में जानबूझकर FR लगा दी जाती है
विधायक पानाचंद मेघवाल ने त्यागपत्र लिखकर अपनी ही पार्टी की सरकार पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एमएलए ने अपने त्यागपत्र में यह लिखते हुए सीएम को चेताया कि दलितों पर अत्याचार के ज्यादातर मामलों में FR लगा दी जाती है। कई बार ऐसे मामलों को जब मैंने विधानसभा में उठाए, उसके बावजूद भी पुलिस प्रशासन हरकत में नहीं आया। बता दें कि मुख्यमंत्री को त्यागपत्र भेजने वाले बारां-अटरू विधानसभा के विधायक पानाचंद मेघवाल खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया गुट से आते हैं।
गहलोत सरकार ने राहत देने के नाम पर पीड़ित परिवार के साथ घिनौना मजाक किया
जालौर के सुराणा गांव टीचर की पिटाई से दलित बच्चे की मौत का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बीजेपी प्रदेश महामंत्री व रामगंजमंडी से विधायक मदन दिलावर ने वीडियो बयान जारी कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। दिलावर ने कहा सुराणा गांव में एक प्राइवेट स्कूल के अध्यापक ने एक छोटे बच्चे की पीट-पीटकर हत्या कर दी और यह सरकार संवेदनहीन है। यानी सरकार अनुसूचित जाति के लोगों की दुश्मन बनी हुई है। दिलावर ने कहा कि सरकार ने राहत देने के नाम पर पीड़ित परिवार के साथ घिनौना मजाक किया है। 8 लाख 25 हजार तो इंट्रो सिटी में किसी का मर्डर हो जाता है, तो मिलता ही है। 5 लाख चिरंजीव योजना में मिलता है। 13 लाख 25 हजार तो वैसे भी होते हैं। प्रदेश सरकार ने क्या दिया? झुनझुना पकड़ा दिया गरीब परिवार को जानकारी नहीं इसलिए बेवकूफ बना रहे हैं।कांग्रेस दलितों की दुश्मन, महिलाओं से रेप होते हैं तो ये बलात्कारियों के साथ हो जाते हैं- दिलावर
सरकार ने नियमों से हटकर कोई भी राहत नहीं दी। इसका सीधा-सीधा अर्थ है यदि कोई बड़े आदमी का बेटा मरता है, या किसी हस्ती के साथ ये घटना होती तो शायद 25-50 लाख तक दे देते लेकिन वह गरीब का बेटा, अनुसूचित जाति का बेटा है। उसकी हत्या हुई है इसलिए सरकार ने झुनझुना पकड़ा दिया। उन्होंने कहा कि इसीलिए अनुसूचित जाति के लोगों से कहना चाहता हूं ये ऊपर से लेकर नीचे तक कांग्रेस हमारी दुश्मन है। और हमारी हत्या करवाने के बावजूद भी हमारा मजाक बनाती है। हमको नासमझ समझती है। हम सब जानते हैं। अनुसूचित जाति की महिलाओं व बच्चों के साथ रेप होते हैं, तो ये उन बलात्कारियों के साथ खड़े हो जाते हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने दलित के घर का पानी पीने से बचने के लिए ली बिसलेरी बोतल
पिछले साल सोशल मीडिया पर एक फोटो वायरल हुआ था। इस फोटो में दिख रहा है कि राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा एक मृतक परिवार को सांत्वना देने गए हैं और उनके पास में बिसलेरी पानी की बोतल है। इस फोटो को लेकर विवाद पैदा हो गया है और लोग सोशल मीडिया पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा को धो रहे हैं। असल में राजस्थान के जालौर में उच्च जाति के मटके से पानी पीने पर दलित छात्र की बेरहमी से पिटाई करने के बाद मौत हो गई। इसको लेकर राजस्थान में दलित समाज में काफी आक्रोश है। दलित छात्र की मौत के बाद राज्य की राजनीति गरमा गई है। हैरानी की बात यह है कि जिस पानी को लेकर दलित छात्र की मौत हुई, उसी पानी को पीने से बचने के लिए परिवार को सांत्वना देने पहुंचे कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख बिसलेरी का बोतल लेकर पहुंचे। इसके साथ ही एक और फोटो वायरल हो रहा है। जिसमें बताया गया है कि बीजेपी नेता किरोड़ी लाल मीणा की पत्नी पूर्व विधायक गोलमा देवी ने मृतक दलित लड़के के यहां घर से लोटे से पानी पिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर लोग कह रहे हैं कि आखिर लड़ाई तो साझे पानी की है… फिर यह भेदभाव क्यों? देखिए किस तरह से लोग कांग्रेस नेता को लताड़ लगा रहे हैं…
राजस्थान पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा,इन्द्र मेघवाल के घर मिलने गये।
पैक्ड ड्रिंकिंग वाटर की बोतल से पानी पिया तो गोविन्द सिंह डोटासर और छैलू सिंह में क्या फर्क रह गया। आखिर लड़ाई तो सांझे पानी की है ….? pic.twitter.com/mqXR0JQb6N— MAHENDRA KUMAR SHARMA (@Mahendra_SFI_RJ) August 16, 2022
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेशअध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा है जो दलित के घर पानी नही पीते बोतल साथ लेकर चलते है! दूसरी तस्वीर में राजस्थान की राबड़ी देवी पूर्व मंत्री गोलमा देवी जी है जो सांसद डॉ.किरोड़ी लाल की धर्मपत्नी है! तस्वीर में अन्तर साफ है कि सच्चा दलित हितैषी कौन है ! pic.twitter.com/75MxQ5m7wI
— मनोज औड़च (@ManojMuradiya__) August 16, 2022
गुलाम गिरी छोड़िए, फर्क समझिए…
गोलमा देवी दलित के घर की मटकी का पानी पी सकती है, लेकिन गोविंद सिंह डोटासरा को दलित के घर जाने पर दुकान की बोतल का पानी चाहिए, क्योंकि दलित के घर का पानी पीने से वो अपवित्र हो जाएंगे।
आपकी राय कुछ भी हो, लेकिन ये तस्वीरें तो यही बयां कर रही है। pic.twitter.com/ExoeLbOS6F
— Rp Sattawan (@Rp_Sattawan) August 16, 2022