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वामपंथी न्यूज पोर्टल ‘न्यूज क्लिक’ की गद्दारी से लोगों में गुस्सा, 255 प्रमुख हस्तियों ने पत्र लिखकर राष्ट्रपति और सीजेआई से की सख्त कार्रवाई की मांग

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विश्व के प्रतिष्ठित समाचारपत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ में छपी एक लेख ने भारतीय वामपंथी न्यूज पोर्टल ‘न्यूज क्लिक’, अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय सिंघम और चीन की खतरनाक साजिशों का खुलासा कर तहलका मचा दिया है। चीन से फंड लेकर ‘न्यूज क्लिक’ कुछ भारतीय पत्रकारों, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माले के नेताओं और विपक्षी दलों के साथ मिलकर भारत के खिलाफ प्रचार युद्ध छेड़ रखा था। यह न्यूज पोर्टल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उनकी सरकार और भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा कर रहा था। यहां तक कि चीन के इशारे पर भारतीय नक्शे के साथ छेड़छाड़ कर भारत की संप्रभुता को चुनौती दे रहा था। ‘न्यूज क्लिक’ की देश विरोधी गतिविधियों के खुलासे से लोगों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है। देश के 255 प्रमुख हस्तियों ने राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर ‘न्यूज क्लिक’ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

दरअसल अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय सिंघम, ‘न्यूज क्लिक’ और भारत के वामपंथी नेताओं के बीच हुए ईमेल वार्तालाप से एक के बाद एक चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। देश के खिलाफ हो रही इस साजिश को लेकर 255 प्रतिष्‍ठित लोगों ने राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई की मांग की है। पत्र लिखने वालों में 14 जज, 12 राजदूत और 112 रिटायर्ड अफसर शामिल है। इनमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जज राजीव लोचन और यूपी के पूर्व मुख्य सचिव दीपक सिंघल भी शामिल बताए गए हैं। इन हस्तियों का कहना है कि चीन के इशारे पर भारत की एकता, अखंडता और लोकतंत्र के खिलाफ साजिश की जा रही है। इसमें ‘फ्री प्रेस’ के नाम पर एजेंडा चलाया जा रहा है। समुदायों के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की जा रही है। सेना को निशाना बनाया जा रहा है। इससे मामला और गंभीर हो गया है।  

राष्ट्रपति और सीजेआई को लिखे पत्र में इस बात की तरफ ध्यान दिलाया गया है कि एक साजिश के तहत देश के ऐसे लाखों पत्रकारों के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है, जो वास्तव में जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने के लिए काम कर रहे हैं। ईमेल के बारे में जो जानकारी निकलकर आ रही है, उससे आशंका होती है कि चीन से फंड लेने वाले लीडर नहीं, बल्कि डीलर है। पत्रकार भी ‘Columnist’ न होकर ‘Fifth Columnists’ बन गए हैं। अब समय आ गया है कि राष्ट्र-विरोधी, अलोकतांत्रिक और एंटी-फ्री प्रेस एजेंडे को खत्म किया जाए।

मनि लॉन्डरिंग की जांच कर रही ईडी ने अमेरिकी अरबपति कारोबारी नेविल रॉय सिंघम और सीपीएम के पूर्व महासचिव प्रकाश करात के ईमेल की भी जांच शुरू कर दी है। ईडी न्यूज क्लिक से तीस्ता तीलवाड़ के परिवार के सदस्यों को लगभग 40 लाख रुपेय ट्रांसफर करने के अलावा पत्रकार परंजॉय गुहा ठाकुरता और वेबसाइट कर्मचारियों और अन्य मीडियाकर्मियों को लगभग 72 लाख रुपये देने की भी जांच कर रही है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पहली बार सितंबर, 2021 में दिल्ली में सैदुलाजाब इलाके में न्यूज क्लिक के खिलाफ छापेमारी की थी। एजेंसी ने इस मामले में 20 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं, जिनमें पोर्टल के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ के बयान भी शामिल है।

गौरतलब है कि भारतीय वामपंथी मीडिया पोर्टल ‘न्यूज क्लिक’, अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय सिंघम और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना का यह गठजोड़ चीन के एजेंडे को बढ़ावा देने के साथ भारत के खिलाफ काम कर रहा था। इसके लिए चीन की तरफ से बेहिसाब फंडिंग की जा रही थी और नेविल रॉय सिंघम एक मध्यस्थ के रूप में काम कर रहा था। सिंघम के ईमेल से खुलासा हुआ है कि भारत-चीन सीमा पर टकराव के दौरान भारतीय नक्शे के साथ छेड़छाड़ करने और मोदी सरकार के खिलाफ माहौल बनाने के लिए साजिश रची गई थी। 

‘टाइम्स नाउ’ ने न्यूज क्लिक के एडिटर इन-चीफ प्रबीर पुरकायस्थ और नेविल रॉय सिंघम के बीच ईमेल के जरिए हुए वार्तालाप तक पहुंचने का दावा किया है। इसके मुताबिक 6 जनवरी, 2021 की शाम 5:09 बजे, सिंघम ने कई व्यक्तियों को एक ईमेल भेजा था। इनमें से एक ईमेल न्यूज क्लिक के प्रबीर पुरकायस्थ को भी प्राप्त हुआ था। भारत-चीन सीमा पर टकराव के दौरान सिंघम ने ईमेल भेजकर प्रबीर पुरकायस्थ को खबरों की प्राथमिकता, उसकी रिपोर्टिंग, उनके कंटेंट और पब्लिश करने के समय के बारे में निर्देश दिया था। पुरकायस्थ के अलावा विजय प्रसाद, राधाकृष्णन, जैनल, सीपीआईएम नेता प्रकाश करात समेत कई अन्य पत्रकारों को ईमेल भेजा गया था। 

नेविल रॉय सिंघम ने 01 जुलाई, 2021 को एक ईमेल प्रबीर पुरकायस्थ को भेजा था, जिसमें भारत और चीन के बीच (भूटान की बाईं तरफ) डॉट लाइन का जिक्र किया था और उसके मिस होने की बात कही थी। साथ ही पूछा था कि चीन और भारत के अपने-अपने नक्शे होते हैं। क्या डॉटेड लाइन को सॉलिड लाइन किया जा सकता है? नेविल ने ईमेल के साथ एक चीनी नक्शा अटैच किया था। जिसके बारे में बताया कि ये नक्शा चीन के कूटनीतिज्ञों की तरफ से बनाया गया है, जहां चीन अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है। नेविल ने भारत के हिस्से को चीन का हिस्सा दिखाने का निर्देश दिया था। न्यूज क्लिक ने राष्ट्रीय हितों और देश की संप्रभुता के साथ समझौता करते हुए चीन के हितों के लिए काम किया।

नेविल रॉय सिंघम ने अपने ईमेल में कुछ विषयों का जिक्र किया था, जिन पर न्यूज क्लिक को फोकस करना था। इनमें कोविड-19 महामारी के दौरान चीन का बचाव करना, भारत में किसानों के विरोध का समर्थन करना, भारतीय कम्युनिस्टों का सहयोग करना, भारत-चीन सीमा संघर्ष पर चीन का बचाव करना शामिल था। नेविल रॉय सिंघम ने चीनी हैंडलर्स के साथ न्यूज क्लिक की टीम का परिचय भी करवाया था। सबसे चौकाने वाली बात यह है कि सिंघम अपने मकसद में कामयाब रहा, क्योंकि ‘न्यूज क्लिक’ की खबरों को आधार बनाकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमला कर रहा था।

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