Home समाचार कोर सेक्टर ग्रोथ 5 महीने में सबसे तेज, मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी भी बढ़ी

कोर सेक्टर ग्रोथ 5 महीने में सबसे तेज, मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी भी बढ़ी

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अर्थव्यवस्था के सुस्त होने को लेकर टेलीविजन चैनलों, समाचार पत्रों से लेकर कई मंचों पर बहस और चर्चा जारी है, लेकिन इन सबके बीच अर्थव्यवस्था की तेजी की खबरें लगातार आ रही हैं। दो महत्वपूर्ण खबरें हैं जिन्हें आपको जानना चाहिए। एक अगस्त के बात सितंबर महीने में भी विनिर्माण क्षेत्र में लगातार तेजी रही है। दूसरा यह कि कोर सेक्टर की ग्रोथ जुलाई के मुकाबले अगस्त महीने में दोगुनी हो गई। इतना ही नहीं कोर सेक्टर की ग्रोथ पिछले 5 महीने में सबसे तेज हो गई है।

कोर सेक्टर में लगभग दोगुनी वृद्धि
आठ बुनियादी उद्योगों (Core sector) की वृद्धि दर अगस्त में बढ़कर 4.9 प्रतिशत हो गई है, जो जुलाई में 2.6 प्रतिशत थी। कोयला, प्राकृतिक गैस और बिजली क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन की वजह से वृद्धि दर बढ़ी है। मंगलवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार कोयला और बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी से कोर सेक्टर के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। अगस्त में कोयले का उत्पादन जुलाई के 0.7 प्रतिशत से बढ़कर 15.3 प्रतिशत रहा है। वहीं कच्चे तेल का उत्पादन जुलाई के 0.5 प्रतिशत के मुकाबले 1.6 प्रतिशत रहा है। वहीं बिजली उत्पादन 5.4 प्रतिशत से बढ़कर 10.3 प्रतिशत पर रहा।

विनिर्माण में लगातार दूसरे महीने तेजी
देश में सितंबर में लगातार दूसरे माह मैन्युफैक्चरिंग ऐक्टिविटीज में तेजी का रुख रहा। नये ऑर्डर आने और उत्पादन बढ़ने से सितंबर में विनिर्माण गतिविधियां बेहतर रहीं। निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) सितंबर में 51.2 अंक रहा। गौरतलब है कि पीएमआई में 50 से ऊपर का आंकड़ा व्यवसाय में वृद्धि का रुझान दिखाता है।

जीएसटी के घटे व्यवधान, बढ़ी नियुक्तियां
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि जीएसटी व्यवस्था लागू होने से जो व्यवधान पैदा हुआ था उससे कारोबारी गतिविधियां उबरने लगी हैं और यह सिलसिला जारी है। दरअसल जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद व्यावसायिक गतिविधियों में सुधार जारी रहने का संकेत मिलता है। वहीं नये कारोबारी ऑर्डर मिलने से भारतीय विनिर्माताओं ने अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई है और इसकी गति अक्टूबर 2012 के बाद सबसे ज्यादा तेज है।

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