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यूपी में अखिलेश के कार्यकाल में 73 हजार करोड़ के घाटे के चलते बिजली ही नहीं आती थी, वे अब केजरी की नकल कर मुफ्त बिजली देने का हवा-हवाई वादा कर रहे हैं, टीपू कहां से लाएंगे 20 लाख करोड़ ?

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दिल्ली में आम आदमी पार्टी की ‘फ्री पॉलिटिक्स’ का फॉर्मूला अब यूपी के बाकी दल भी अपनाने लगे हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और आम आदमी पार्टी ‘फ्री पॉलिटिक्स’ के बाद अब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली मुफ्त देने का वादा किया है। इसके अलावा किसानों को सिंचाई के लिए बिजली मुफ्त मिलेगी। यह अलग बात है कि अखिलेश अपने पिछले कार्यकाल में यूपी की जनता को बिजली ही नहीं दे पाए थे। गांवों की बात छोड़िए शहरों में भी 10-10 घंटे बिजली गायब रहती थी। योगी सरकार में 24 घंटे बिजली मिल पा रही है।सपा कार्यकाल में 60% महंगी होने के बाद भी नहीं मिलती थी बिजली
उत्तर प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन के मुताबिक, 2012 से 2017 के बीच बिजली दरों में 60.71% की बढ़ोतरी हुई थी। कॉरपोरेशन के आंकड़ों के अनुसार तब बिजली की सप्लाई भी शहरी इलाकों में अधिकतम 14 से 18 घंटे होती थी, जबकि ग्रामीण इलाकों में छह से 10 घंटे। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद सूबे में बिजली की व्यवस्था काफी बेहतर हुई है। शहरी इलाकों में 24 घंटे बिजली की सप्लाई हो रही है। ग्रामीण इलाकों में भी 20 घंटे से ज्यादा बिजली की आपूर्ति हो रही है।

आवारा सांडों को सड़क से हटाने की बजाए टक्कर से मुआवजे का वादा
इससे पहले समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर हादसे में मरने वाले साइकिल सवारों के परिजनों को और सांड की वजह से मौत होने पर परिजनों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी। सोशल मीडिया पर सपा के इस वादे की खूब जग-हंसाई हुई। लोगो ने कहा कि सड़कों के आवारा सांडों को हटाने की बजाए समाजवादी पार्टी उनके लिए मुआवजा लेकर आ रही है। साइकिल सपा का चुनाव चिन्ह भी है। उन्नाव रैली में अखिलेश यादव ने दोहराया कि साइकिल से चलने वालों की एक्सिडेंट में मौत होने पर एसपी सरकार 5 लाख रुपये का मुआवजा देगी। अब समाजवादी पार्टी ने मुफ्त बिजली का वादा किया है।आप ने भी किया सरकार बनने पर 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा
आम आदमी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनने पर 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी अब मुफ्त बिजली का वादा कर दिया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने नए साल के पहले दिन इसका एलान किया। कहा कि अगर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार बनती है तो 300 यूनिट तक सभी को मुफ्त बिजली दी जाएगी। देखिए इस चुनावी वादे को पूरा करने में कितनी अड़चनें हैं? किसानों को भी सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली मिलेगी। अब सवाल उठता है कि क्या ये संभव है कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में इस तरह के चुनावी वादे पूरे हो सकते हैं?अखिलेश के कार्यकाल में 73 हजार करोड़ रुपये के घाटे में था विभाग
प्रदेश के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा के मुताबिक बदइंतजामियों और सरकारी लापरवाही के चलते पिछली सरकार में यानी जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे, तब भी उत्तर प्रदेश का विद्युत विभाग 73 हजार करोड़ रुपये घाटे में था। बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा आरोप लगाते हैं कि अखिलेश की सरकार में लोगों को बिजली भी नहीं मिलती थी और विभाग घाटे में भी चल रहा था। अब वह जनता को मुफ्त बिजली का खोखला सपना दिखा रहे हैं, जबकि वे जानते हैं कि उनकी सरकार के दौरान विद्युत विभाग घाटे में था, ऐसे में मुफ्त बिजली की भरपाई कहां से की जाएगी।

विद्युत विभाग के घाटे में कैसे पूरा होगा चुनावी वादा?
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. मनोज शुक्ला कहते हैं, ‘बिजली की खपत लगातार बढ़ रही है। मौजूदा समय उत्पादन की क्षमता में भी बढ़ोतरी हुई है। इसका फायदा आम लोगों को मिल रहा है। अब गांव हो या शहर बिजली की सप्लाई काफी अच्छी हो गई है। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में पॉवर ग्रिड की क्षमता 16500 मेगावाट थी जबकि आज 25 हजार मेगावाट की पीक डिमांड को पूरा किया जा रहा है। मतलब 26 हजार मेगावार ग्रिड की क्षमता हो चुकी है। फरवरी 2022 तक ग्रिड की क्षमता 30 हजार मेगावाट हो जाएगी।मुफ्त बिजली की बात काफी हवा-हवाई, घाटा हो जाएगा 20 लाख करोड़
प्रो. मनोज शुक्ला के अनुसार खपत बढ़ने से बिजली उत्पादन में होने वाला खर्च भी बढ़ रहा है। कोयले के दाम में भी काफी इजाफा हो चुका है। ऐसी स्थिति में जब विभाग घाटे में है और बिजली की दरों में भी बढ़ोतरी नहीं हो रही है तब मुफ्त बिजली की बात काफी हवा-हवाई लगती है। अगर 300 यूनिट बिजली मुफ्त की सुविधा उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में दी जाएगी तो इसका भारी बोझ यूपी सरकार को झेलना पड़ेगा। तब विभाग का जो घाटा अभी 90 हजार करोड़ रुपये है वह 20 लाख करोड़ से भी अधिक हो सकता है।’

 

 

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