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भारत की सीमा पर पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन की अब खैर नहीं, पीएम मोदी ने एंटी-ड्रोन गन थाम कर दिया संदेश, देखते ही मार गिराएंगे दुश्मन के ड्रोन

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पाकिस्तान हमेशा भारत के खिलाफ साजिश रचता रहता है। पहले सीमा पर आतंकियों की घुसपैठ करता था। लेकिन सीमा पर कड़ी निगरानी के चलते अब पाकिस्तान हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहा है। दिन पर दिन सीमा पर पाकिस्तान की ओर से ड्रोन घुसपैठ के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसको देखते हुए मोदी सरकार और भारतीय सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं। ड्रोन की घुसपैठ बंद करने के लिए कार्रवाई भी शुरू हो गई है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के गांधी नगर में आयोजित डिफेंस एक्सपो में एंटी-ड्रोन गन थाम कर पाकिस्तान को भी संदेश दे दिया कि अगर फिर ड्रोन भेजने की कोशिश की तो माकुल जवाब मिलेगा।

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने डिफेंस एक्सपो 2022 के दौरान जो अधुनिक गन अपने हाथ में उठाई थी, उसका नाम ड्रोनम (Dronaam) है। जिसमें कोई नली यानी बैरल नहीं है, वही इस गन को बनाने वाली कंपनी ने इसका पहला सेट भारतीय वायुसेना को सौंप दिया है। गुरुत्व सिस्टम्स पर आधारित यह एक काउंटर अनमैन्ड एयरक्राफ्ट सिस्टम है। सामान्य भाषा में कहें तो इसे एंटी-ड्रोन गन बुला सकते हैं। ड्रोनम एक स्टेट-ऑफ-द-आर्ट मॉड्यूलर सिस्टम है, जो घुसपैठ करने वाले ड्रोन्स को मार गिराने में सक्षम है।

यह सिस्टम दुश्मन के ड्रोन के जीएनएसएस, कंट्रोल, वीडियो और टेलिमेट्री सिग्नल को जाम कर सकता है। इस सिस्टम में ओमनी-डारेक्शनल कवरेज की सुविधा है। इसे डिसमाउंटेड या माउंटेड ऑपरेशन में इस्तेमाल कर सकते हैं। इस सिस्टम को एक Sci-Fi गन की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें लगाया गया इलेक्ट्रो मैग्नेटिक सेंसर बेहद शक्तिशाली है, जो दिन-रात, दोनों समय काम कर सकता है। इसमें लगा सेंसर ड्रोन का जीपीएस और उसके नेविगेशन तकनीक को बंद कर सकता है, जिससे उसे संचालित करने वाला नियंत्रण खो देता है।

कोई भी एंटी ड्रोन सिस्टम दो तरह से काम करता है। पहली सॉफ्ट किल (Soft Kill) यानी किसी भी ड्रोन के संचार लिंक को तोड़ देना। यानी ड्रोन को जिस रिमोट या कंप्यूटर से उड़ाया जाए, उससे ड्रोन का संपर्क तोड़ देना। इससे ड्रोन दिशाहीन होकर गिर जाता है। वह उड़ना बंद कर देता है। उसे चलाने वाले का संपर्क टूटते ही ड्रोन किसी का काम का नहीं रहता।

दूसरा सिस्टम है हार्ड किल (Hard Kill) यानी इस काउंटर ड्रोन सिस्टम की रेंज में आते ही उस पर लेज़र हथियार से हमला किया जाता है। लेज़र हमले से ड्रोन के इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम खराब हो जाते हैं। वह जल जाता है। ये लेज़र सिस्टम बिना किसी धमाके के ही ड्रोन को मार गिराता है। यानी इसके रेंज में आते ही दुश्मन का ड्रोन या तो गिर जाएगा या फिर गिरा दिया जाएगा।

गौरतलब है कि 2021 में जहां 109 ड्रोन की गतिविधियों को देखा गया था, वहीं इस साल सितंबर तक यह संख्या बढ़कर 214 हो गई है। खुफिया रिपोर्ट के अनुसार गुजरात, जम्मू, पंजाब, राजस्थान और कश्मीर की सीमा पर ड्रोन एक्टिविटी देखी गई है। 2021 से इस साल सितंबर तक कुल 323 बार भारत पाक सीमा और LoC पर ड्रोन देखे गए हैं। भारत पाक सीमा की बात करें तो गुजरात सीमा के करीब 6 बार, जम्मू के करीब 51 बार, राजस्थान सीमा के करीब 24 बार और सबसे अधिक पंजाब सीमा के करीब 236 बार ड्रोन देखे गए हैं।

खबरों के मुताबिक पाकिस्तान की फ़ौज अब आतंकियों को ड्रोन्स का इस्तेमाल कर के बम बरसाने की ट्रेनिंग दे रही है, ताकि जम्मू कश्मीर के हिस्सों को निशाना बनाया जा सके। ISIS सालों से इराक और सीरिया में क्वाडकॉप्टर ड्रोन्स की मदद से बमबारी कर के इस फॉर्मूले को आजमाता रहा है। ISIS ने इसी तरह से ‘Killer Bees’ के जरिए कई देशों में तबाही मचाई है और उसके ड्रोन्स को रोकने के लिए अमेरिका और कई ड्रोन बनाने वाली कंपनियों को नई तकनीकों पर काम करना पड़ा। भारत भी एंटी-ड्रोन्स टेक्नोलॉजी को मजबूत करने में जुटा है।

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