Home विशेष आतंक का हुर्रियत कनेक्शन सामने आने से बौखलाहट में अलगावादी नेता

आतंक का हुर्रियत कनेक्शन सामने आने से बौखलाहट में अलगावादी नेता

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पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आजादी के आंदोलन की गति तेज हो रही है। गिलगित-बलटिस्तान और बलूचिस्तान में भी पाकिस्तान के विरुद्ध नारे बुलंद हो रहे हैं। दूसरी तरफ पीएम मोदी के नेतृत्व में कश्मीर से आतंकवाद के सफाये का अभियान सफलतापूर्वक आगे बढ़ता जा रहा है। एक के बाद एक सख्त कार्रवाई से भारत के अलगाववादी नेताओं के पैरों तले की जमीन खिसकती जा रही है। अलगाववादी नेता मीर वाइज उमर फारूक के बयान से तो साफ जाहिर है कि आतंकियों के खिलाफ मोदी सरकार की सख्ती ने उनकी दुखती रग पर हाथ रख दिया है और वे बौखलाहट में हैं। 

अलगाववादियों की बौखलाहट
एक के बाद एक बड़े आतंकियों को ढेर किए जाने और आतंकवाद का हुर्रियत कनेक्शन सामने आने के बाद अलगाववादियों की परेशानी स्वाभाविक है। अलगाववादी नेता मीर वाइज उमर फारुक को आठ हफ्ते बाद जब श्रीनगर के जामिया मस्जिद में जाने की इजाजत दी गई तो एक बार फिर वे अनाप-शनाप बोलने पर उतर आए। उन्होंने कहा, ”जब तक दमन है और ताकत है, आप एक को मारेंगे, दस खड़े हो जाएंगे। इसलिए आतंकियों को मारकर भावनाओं को नहीं मार पाएंगे जैसा कि उनके अंतिम संस्कार में दिखा है।” दरअसल मीर वाइज उमर फारुक का ये बयान बताता है कि आतंकियों पर सख्ती का कितना असर हो रहा है।

आतंक पर करारा प्रहार
कश्मीरियत की पहचान को आतंकवाद के चंगुल के मुक्त करने के अभियान जारी है।  इसी साल सुरक्षा बलों ने अब तक 122 आतंकी ढेर कर दिए हैं। सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए इन 123 आतंकियों में से 86 वे हैं जो पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से एलओसी क्रॉस करके भारत में दाखिल हो गए थे। इनमें वे 42 आतंकी भी शामिल हैं जो जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करते हुए मारे गए। सिर्फ जुलाई के महीने में ही 26 आतंकवादी मारे गए।

ढेर हुए कुख्यात आतंकी
बीते तीन महीनों में ही कई बड़े आतंकी ढेर हो चुके हैं। हाल में जो आतंकी मारे गए हैं उनमें  ए++ कैटेगरी का पाकिस्तानी आतंकी अबु दुजाना लश्करे तैय्यबा का साउथ कश्मीर का डिवीजनल कमांडर था। सबजार अहमद बट्ट हिजबुल-मुजाहिदीन का कमांडर था। जुनैद लश्कर का कमांडर था। यासीन इट्टू उर्फ ‘गजनवी’ हिजबुल मुजाहिदीन का एक टॉप कमांडर था। इनके अलावा बशीर वानी, सद्दाम पद्दर, मोहम्मद यासीन और अल्ताफ मारे गए हैं। ये सब सुरक्षा बलों की ‘मोस्ट वांटेड’ सूची में थे।

आतंक के खात्मे का प्लान
सुरक्षा बलों के निशाने पर अबू इस्माइल, हिज्बुल लीडर और अलकायदा के एक संगठन के चीफ बन चुके जाकिर मूसा जैसे कई आतंकी हैं। पिछले साल सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर में 141 आतंकियों को मार गिराया था, जबकि इस साल अब तक 122 आतंकी मारे गए हैं। अभी कश्मीर में 180 से 200 आतंकी सक्रिय हैं।  इनमें से 100 से 125 दक्षिण कश्मीर में तो शेष उत्तर कश्मीर में सक्रिय हैं। इन आतंकियों को खत्म करने के लिए भी सुरक्षा बलों का ठोस प्लान तैयार है।

एक्सपोज हुआ टेरर फंडिंग नेटवर्क
एनआईए ने टेरर फंडिंग केस में इसी साल 24 जुलाई को कश्मीर के जिन 7 अलगाववादी नेताओं को अरेस्ट किया था, उनमें बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ अहमद शाह (अल्ताफ फंटूश), अयाज अकबर, टी. सैफुल्लाह, मेराज कलवल और शहीद-उल-इस्लाम शामिल हैं। अल्ताफ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के दामाद हैं। अयाज अकबर भी सैयद अली शाह गिलानी के करीबी हैं। अयाज तहरीक-ए-हुर्रियत के प्रवक्ता भी हैं, जबकि शहीद-उल-इस्लाम हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के प्रवक्ता हैं। इस धड़े के प्रमुख लीडर मीरवाइज उमर फारूख हैं।

कबूल की नापाकफंडिंग की बात
एनआईए ने बीते पखवाड़े तीन अलगाववादी नेताओं नईम खान, गाजी जावेद बाबा और बिट्टा कराटे को मई में दिल्ली बुलाकार पूछताछ की थी। उसी दौरान इन्होंने पाकिस्तान से फंडिंग की बात मानी थी। अलगाववादी नेताओं पर आरोप है कि इन्हें कश्मीर में पत्थरबाजी करने, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, स्कूलों और अन्य सरकारी संस्थानों को जलाने जैसी विध्वंसक गतिविधियों के लिए लश्कर चीफ हाफिज सईद और ISI  से पैसा मिलता है। एनआईए ने इस मामले में फिलहाल 13 लोगों के खिलाफ सबूत जुटाए हैं।

चिट्ठी ने खोला सांठगांठ का राज
हुर्रियत नेता सैय्यद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ फंटूश और उसके करीबी अयाज अकबर के घर और ऑफिस पर हुए छापे में एनआईए को वहां से जाकिर मूसा की तस्वीरें मिली थीं। आतंकी मूसा का हाल ही में एक ऑडियो टेप आया था, जिसमें उसने अंसार गजवत उल हिन्द नामक आतंकी संगठन बनाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही सैयद अलीशाह गिलानी को लिखी गई मसर्रत आलम की एक चिट्ठी भी एनआईए को मिली है, जिसमें मसर्रत ने लिखा है कि उसे जम्मू की जेल में ट्रांसफर कर दिया गया है, जहां उसे जान का खतरा है। गिलानी के सबसे करीबी माने जाने वाले अयाज अकबर के घर से एनआईए को मिली इस चिट्ठी और तस्वीर से गिलानी की इन आतंकियों से साठगांठ का पता चलता है। ऐसे में एनआईए ने अब सैयद अली शाह गिलानी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।

हवाला रूट की भी हो रही है जांच
कश्मीर के नौशेरा का देविंदर सिंह बहल पाकिस्तानी हैंडलर्स और हुर्रियत के बीच की कड़ी है, जिसे एनआईए ने धर दबोचा है। देविंदर सिंह बहल के घर पर छापेमारी गिरफ्तार अलगाववादी नेताओं से पूछताछ के बाद हुई है। पेशे से वकील बहल हुर्रियत के लीगल सेल का मेंबर भी है। एनआईए की अब तक की जांच से यह तय है कि कश्मीर में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान ने फंडिंग की। फिलहाल एनआईए उस हवाला रूट को भी तलाश रही है, जहां से आतंकियों को धन मुहैया कराया गया।

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