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नोटबंदी पर दुनियाभर में मोदी की जय-जय

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दुनिया भारत में कालाधन के खिलाफ नोटबंदी की पहल पर नज़र गड़ाए है। विश्व के ताकतवर देशों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल की सराहना की है। पड़ोसी देश चीन ने कहा है कि पश्चिमी देशों की तर्ज पर चलने की कोशिश करता भारत अगर इतना बोल्ड फैसला कर रहा है तो ये सराहनीय बात है। 86 फीसदी मुद्रा का नवीनीकरण कोई आसान काम नहीं।

दुनिया की मीडिया ने भारत में नोटबंदी और उसके बाद के प्रभाव पर नज़र रखी है। चाहे एटीएम के बाहर लगी कतार हो या आम लोगों को हो रही दूसरी तमाम दिक्कतें, ग्लोबल मीडिया ने उन्हें दुनिया के सामने रखा। विदेशी मीडिया इस बात पर चकित रह गयी कि भारतीय दिक्कतें झेलने को तैयार हैं लेकिन उन्हें सरकार या व्यवस्था से कोई शिकायत नहीं है। परेशान होकर भी आम लोग कालाधन के खिलाफ इस पहल में मोदी सरकार के साथ हैं।

दुनिया के अर्थशास्त्री मानते हैं कि नोटबंदी अगर अपने मकसद में कामयाब रहती है तो तमाम दिक्कतों के बावजूद भारत तरक्की की ओर आगे बढ़ेगा। वहीं भारतीय अर्थशास्त्री भी आम तौर पर इसके सकारात्मक नतीजों पर अधिक ध्यान लगाए हुए हैं। नंदन नीलकेणी का विश्वास है कि इससे डिजिटल लेन-देन बढ़ेगा और लम्बी अवधि में देश को फायदा होगा। वहीं नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पनगड़िया का कहना है कि नकदी की दिक्कत तीन महीने तक रहेगी लेकिन नोटबंदी के अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे।

अरबपति बिल गेट्स का मानना है कि भारत अब डिजिटल लेन-देन की ओर कदम बढ़ा रहा है। वो मानते हैं कि देश के गरीब और किसानों तक विकास का फायदा सही मायने में तभी पहुंचेगा जब वो डिजिटल रूप में लेन-देन की क्षमता हासिल कर सकेंगे। आधारकार्ड को व्यापक करने, जनधन खाते खोलने और नोटबंदी के फैसलों को एक साथ देखते हुए बिल गेट्स कहते हैं कि मोदी सरकार का कदम देश को मजबूत करने वाला है।

पश्चिमी देशों समेत विश्व बैंक, आईएमएफ ने भी भारत में विमुद्रीकरण के फैसले को विकासात्मक बताया है। हालांकि कुछ चिन्ता भी दिखी है लेकिन वो रूस जैसे देशों के उदाहरण के साथ है जिन्हें मुद्रास्फीति का सामना करना पड़ रहा है।

विदेश में रह रहे एनआरआई की प्रतिक्रिया और भी ज्यादा उत्साहजनक है। कैशलेस समाज की कल्पना करते हुए वे रोमांचित हो रहे हैं। उनका कहना है कि भारत को पहली बार ऐसा प्रधानमंत्री मिला है जिसके पास ग्लोबल सोच है, जो अब तक हुए विकास को बुनियादी ढांचे से जोड़ना जानता है और जिसके पास भविष्य में विकास की रूपरेखा है।

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