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दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई केजरीवाल सरकार को फटकार, सुस्ती के कारण नजफगढ़ में अटका पड़ा है 100 बेड का अस्पताल

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दिल्ली हाई कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार को तगड़ी फटकार लगाई है। केजरीवाल सरकार की सुस्ती के कारण वन मंजूरी ना मिलने से दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में 100 बेड का अस्पताल अभी तक पूरी नहीं हो पाया है। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की खंडपीठ ने वकील राजेश कौशिक की याचिका पर सुनवाई करते हुए ये फटकार लगाई।

याचिका में कहा गया है कि 2014 में ही दिल्ली के नजफगढ़ में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल की आधारशिला रखी गई थी, लेकिन इसका उद्घाटन अभी तक नहीं हुआ है। जबकि इस अस्पताल का ज्यादातर काम पूरा हो चुका है। लेकिन साल 2018 से ही वन विभाग की ओर से मंजूरी ना मिलने के कारण इसका उद्घाटन नहीं हो पा रहा है। दिल्ली सरकार से कई बार पेड़ को दूसरी जगह लगाने के लिए आग्रह किया गया लेकिन वन विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।

हाई कोर्ट ने कहा कि यह आम लोगों के लिए दुर्भाग्य की बात है कि दिल्ली सरकार की सुस्ती के कारण 100 बेड वाला अस्पताल पूरा नहीं हो सका है। केंद्र सरकार चिट्ठी लिख रही है और दिल्ली सरकार कोई जवाब नहीं दे रही हैं और ना याचिका के जवाब में जवाबी हलफनामा दायर किया गया है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से इस मामले पर जल्द से जल्द फैसला लेने को कहा। कोर्ट ने कहा कि आप मामलों लेकर बैठ नहीं सकते।

नवोदय टाइम्स की खबर के अनुसार सिर्फ चार पेड़ों की शिफ्टिंग की एनओसी के चलते अस्पताल उद्घाटन का इंतजार कर रहा है। अस्पताल में आने वाली रूकावटों को लेकर तत्कालीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिसंबर 2020 में एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने अपने 24 फरवरी 2020 के डीओ लेटर का हवाला दिया था। साथ ही अस्पताल को शुरू करने को लेकर वन विभाग से पेड़ों के स्थानांतरण और प्रत्यारोपण की मंजूरी को जल्द दिए जाने की बात कही थी। सांसद प्रवेश वर्मा के अनुसार अस्पताल की बिल्डिंग बनकर तैयार है। अस्पताल खोले जाने से पहले कई विभागों से एनओसी लेनी होती है फायर टेंडर की मंजूरी चाहिए होती है। लेकिन यह सभी काम सिर्फ 4 पेड़ों की वजह से लटका हुआ है। कई बार इस बारे में दिल्ली सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुरोध किया जा चुका है लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं दी गई है, जिससे अस्पताल के उद्घाटन में लगातार देरी हो रही है।

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