दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तो पहले से ‘अराजक’ हैं, उनके विधायक भी बेकंट्रोल हैं। ये इतने ‘ताकतवर’ हैं कि राज्य के सबसे आला अधिकारी को भी ‘औकात’ में रखते हैं। बात न माने तो मारपीट भी करते हैं… वह भी बेखौफ ! ऐसा क्यों है, इसका राज खोला केजरीवाल के ही पूर्व सहयोगी कपिल मिश्रा ने।
रात को वो मीटिंग अमित शाह ने बुलाई थी?
CS को वहाँ क्या अमित शाह ने बुलाया था?
आपके विधायको का दिमाग क्या अमित शाह ने हैक कर लिया था?
आपकी जुबान और हाथ अमित शाह ने पकड़ लिए थे?
जब बचने की ना दिखे कोई राह
तो बोलो ज़ुल्मी है अमित शाह@ArvindKejriwal https://t.co/ag5uG2tZXz— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) 23 February 2018
कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के उस कमरे के राज को फाश कर दिया है जो अब तक ‘गुप्त’ ही रहा करता था। अब सवाल ये है कि सबकुछ ‘खुल्लमखुल्ला’ करने वाले केजरीवाल को काली कोठरी की जरूरत क्यों है?
खबर तो ये है कि हवाला हो या घोटाला, ज्वाइनिंग हो या तबादला… इस तरह की सभी डीलिंग इसी गुप्त कमरे में हुआ करती है। इस गुप्त कमरे से जो सीक्रेट खबरें बाहर आईं हैं उसके अनुसार ये थ्री सीटर और टू सीटर के मखमली सोफों से सजे हैं। एक बड़ी बड़ी कुर्सी है जिसपर ‘दिल्ली के मालिक’ विराजमान’ रहते हैं।
इस कमरे को आप ‘कुकर्मी’ राम-रहीम की काली गुफा से भी तुलना कर सकते हैं। क्योंकि ये ठीक ऐसा ही है कि किसी के साथ कोई ‘कुकर्म’ भी हो जाए तो इसका कोई सबूत नहीं मिलेगा आपको!
भले ही दिल्ली में केजरीवाल ने सीसीटीवी कैमरे लगाने का अपना वादा पूरा न किया हो, लेकिन इनके आवासीय परिसर में कुल 21 सीसीटीवी कैमरे हैं। हालांकि जब मुख्य सचिव से मारपीट मामले की जांच की तो इनमें से 14 ही चालू हालत में थे। 7 में रिकॉर्डिंग बंद थी। एक और बात जो काबिले गौर है वो ये कि जिस कमरे में मारपीट हुई उसमें कोई कैमरा ही नहीं था। सही बात है, भला अपने ही कुकर्मों की कोई रिकॉर्डिंग क्यों करवाएगा?
अलबत्ता दिल्ली पुलिस की जांच में एक और खुलासा जरूर हो गया कि ‘ईमानदार केजरीवाल’ के घर के कैमरों के टाइम भी खुद ही बदल जाया करते हैं।
दरअसल मुख्य सचिव से मारपीट केस में 23 फरवरी को जब दिल्ली पुलिस ने सीएम हाउस में जांच की और केजरीवाल के घर में लगे 21 कैमरों के वीडियो की जांच की तो पाया कि कैमरों की रिकॉर्डिंग लगभग 43 मिनट पीछे की गई थी। ये क्यों किया गया होगा सबको पता है। दरअसल मुख्य सचिव के साथ मारपीट की ये पूरी घटना 12 बजे रात के बाद की है और ये पूरा वाकया 10 से 15 मिनट के भीतर खत्म भी हो गया, लेकिन कैमरे में ये करीब 11.30 का वक्त बता रहा है। अब केजरीवाल के सीसीटीवी कैमरे में वक्त कैसे वापस हो गया, इस राज पर से पर्दा उठना फिलहाल बाकी है।