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पीएम मोदी के आह्वान पर कोरोना को हराने में अहम योगदान निभा रहा सीआरपीएफ

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वैश्विक महामारी कोरोना को परास्त करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को सिद्ध करने में देश का हर नागरिक जुटा हुआ है। ऐसे में देश का सबसे बड़ा केंद्रीय अर्धसैनिक बल कैसे पीछा रह सकता है। पीएम मोदी के आह्वान पर सीआरपीएफ ने भी कोरोना को शिकस्त देने में अपना अहम योगदान निभा रहा है। सीआरपीएफ तो अपना योगदान दे ही रहा है बल्कि सीआरपीएफ का परिवार कल्याण संगठन ने भी अपने स्तर पर अहम योगदान दिया है।

एम्स को दिए एक लाख सर्जिकल मास्क

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने एम्स के कर्मचारियों के उपयोग के लिए एक लाख सर्जिकल मास्क दिए हैं। सीआरपीएफ के अधिकारियों का कहना है कि यह मास्क तीन स्तरीय है, जो सुरक्षा की दृष्टि से काफी बेहतर है। खास बात है कि यह मास्क सीआरपीएफ के परिवार कल्याण संगठन ने तैयार किया है। एम्स के कर्मचारियों तथा अन्य मेडिकल कर्मचारियों के इस्तेमाल के लिए यह तीन स्तरीय मास्क सीआरपीएफ के ही एक केंद्र में बनाया गया है।

मास्क आपूर्ति के लिए लगाई स्वचालित मशीन

देश के सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल ने तीन स्तरीय मास्क की आपूर्ति के लिए अपने ही केंद्र में स्वचालित मशीन लगाई है। मशीन लगाने का उद्देश्य अपनी इकाई समेत दूसरे संगठनों में मास्क की आपूर्ति कम न पड़े, मांग के हिसाब से तीन स्तरीय मास्क की आपूर्ति होता रहे। सीआरपीएफ अधिकारियों का कहना है कि यह मास्क काफी सुरक्षित है इसलिए एम्स को एक लाख मास्क देने का फैसला किया गया है।

एम्स के चिकित्सा अधीक्षक ने जताया आभार

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सा अधीक्षक डी. के. शर्मा ने एक लाख मास्क देने के लिए सीआरपीएफ का आभार जताया है। इसके साथ ही देश के सबसे बड़े अर्धसैनिक बल को धन्यवाद देते हुए कहा है कि यह तीन स्तरीय सर्जिकल फेस मास्क अग्रिम मोर्चा के स्वास्थ्य कर्मियों के जीवन की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे जो कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारे महत्वपूर्ण संसाधन हैं। उनके जवाब में सीआरपीएफ बल ने कहा कि यह प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान के प्रति हमारा योगदान है।

सीआरपीएफ जवान के परिजन कोरोना से जंग में जुटे

देशी की सुरक्षा में सीआरफीएफ के जवान अपनी भूमिका बखूबी निभा ही रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर उनके परिजन भी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में अपना योगदान देने में जुट गए हैं। सीआरपीएफ जवानों के परिजन यहां मास्क तथा व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) तैयार कर चिकित्सा कर्मियों को उपलब्ध करवा रहे हैं। सफाई कर्मियों के लिए पीपीई तथा मास्क की आपूर्ति की है।

सफाई कर्मचारियों को दिए जा रहे हैं मास्क  

बेंगलूरु स्थित सीआरपीएफ के डीआईजी सनंद कमल के अनुसार यलहंका स्थित सीआरपीएफ परिवार कल्याण संघ (आरसीडब्लूए) की महिला सदस्यों ने अभी तक ऐसे हजारों मास्क तथा पीपीई तैयार कर चिकित्साकर्मियों को भेजे हैं। संघ के सदस्य प्रतिदिन 40-50 पीपीई तैयार करते हैं। बीबीएमपी के सफाई कर्मचारियों को भी संघ ने मास्क की आपू्र्ति की है। आरसीडब्लूए की अध्यक्ष डॉ आभा सक्सेना के अनुसार सीआरपीएफ में विभिन्न  पदों पर तैनात जवानों और अधिकारियों की पत्नियां इसमें सक्रिय हैं। संघ ने निम्हांस अस्पताल को अभी तक दो हजार पीपीई तथा मास्क मुहैया किए हैं। संघ की महिला सदस्य सामूहिक रूप से पीपीई तथा मास्क तैयार कर रही हैं। इस दौरान सामाजिक दूरी का भी ध्यान रखा जा रहा है।

स्वयंसेवी संगठनों से भी लिया जा रहा सहयोग

इस कार्य में आस-पास के स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यों का भी सहयोग लिया जा रहा है। संघ के सदस्य किसानों ने सब्जियां तथा फल खरीदकर उपभोक्ताओं को इसकी आपूर्ति कर रहें है। संघ की ओर से जरूरतमंद परिवारों को भी सब्जियां तथा फलों की आपूर्ति की जा रही है।

डॉक्टरों को है सीआरपीएफ सुरक्षा पर भरोसा  

इस संकट की घड़ी में सीआरपीएफ के जवान पीएम मोदी के संकल्प को सिद्ध करने के लिए हर स्तर पर अपना योगदान देने में जुटे हैं। वह चाहे समाज में सुरक्षा की बात हो या फिर कोरोना से लड़ने वाले डॉक्टरों की सुरक्षा हो या फिर फ्रंट लाइन पर कोरोना से लड़ने वालें कोरोना वॉरियर्स की सुरक्षा की बात हो। तभी तो कोरोना से लड़ने वाले अग्रिम पंक्ति में डटे डॉक्टरों को भी सीआरपीएफ की सुरक्षा पर सबसे ज्यादा भरोसा है। कोरोना की लड़ाई में जुटे डॉक्टरों के साथ हो रही अभद्रता और हमले रोकने के लिए अब डॉक्टरों ने सीआरपीएफ सुरक्षा की मांग की है।

 

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