कोरोना महामारी के संकट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हरसंभव मदद पहुंचा रही है। प्रधानमंत्री मोदी, राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अब तक 5 बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत कर चुके हैं। राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात कर प्रधानमंत्री मोदी कोरोना को परास्त करने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं और यही कारण है कि 135 करोड़ की आबादी के बावजूद भारत विश्व के अन्य देशों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आगे दिखाई दे रहा है। मोदी सरकार अब तक राज्यों को 74 लाख N-95 मास्क और 37.76 लाख पीपीई किट वितरित कर चुकी है।
राज्यों को वितरित किए 74 लाख N-95 मास्क
कोरोना संकट में मोदी सरकार, राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को हरसंभव मदद पहुंचा रही है ताकि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में कोई कमी ना रहे हैं। एक आंकड़े के मुताबिक केंद्र सरकार अब तक राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों/ केंद्रीय संस्थानों को वितरित किए 74 लाख N-95 मास्क वितरित कर चुकी है। कोरोना संकट के शुरुआत में मास्क और दूसरी सुविधाओं की काफी दिक्कत आ रही थी लेकिन भारत सरकार के प्रयास से अब तक 74 लाख N-95 मास्क वितरित किए जा चुके हैं। मोदी सरकार के प्रयास से अब देश में N-95 मास्क का बड़े पैमाने पर निर्माण भी किया जा रहा है।
37.76 लाख पीपीई किट वितरित
शुरूआत में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सबसे ज्यादा समस्या पीपीई किट की आ रही थी। चीन से काफी संख्या में पीपीई किट आयात किए गए लेकिन घटिया क्वालिटी के कारण आयता बंद कर दिया है और अब देश में पीपीई किट का निर्माण बड़े पैमाने पर शुरु हो गया है। भारत अगले 6 महीने में पीपीई किट बनाने वाला पहला देश बन जाएगा। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों को 37.76 लाख पीपीई किट वितरित कर चुकी है।
कोविड मरीजों को पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध
मोदी सरकार कोविड-19 मरीजों के लिए पर्याप्त सुविधाएं सुनिश्चित कर रही है। आईसीयू , वेंटिलेटर और ऑक्सिजन की श्रेणियों में बेड का प्रयोग 10% से भी कम है। स्वास्थ्य मंत्रालय के 11 मई 2020 तक के आंकड़े के मुताबिक अभी आईसीयू के 7.3 फीसदी, वेंटिलेटर के 1.7 फीसदी और ऑक्सीजन के 5.8 फीसदी बेड्स का ही उपयोग किया जा रहा है।
केंद्र सरकार ने राज्यों के लिए खोला खजाना
कोरोना वायरस के बढ़ते संकट से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों की एक बार फिर आर्थिक मदद की है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ऑफिस की तरफ से ट्वीट किया गया कि 11 मई 2020 को 14 राज्यों को राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 6,195 करोड़ की राशि दूसरी किस्त जारी की गई है। यह 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुरूप है। इस राशि से राज्यो को कोरोना संकट के इस दौर में अतिरिक्त संसाधान जुटाने में मदद मिलेगी।
Government today released Rs 6,195.08 cr to 14 states as the 2nd equated monthly installment of Post Devolution Revenue Deficit Grant as recommended by 15th Finance Commission. This would provide them additional resources during the #COVID19 crisis: Office of Finance Minister pic.twitter.com/8eqc8bq7XA
— ANI (@ANI) May 11, 2020
17 हजार करोड़ का फंड पहले ही जारी
इससे पहले अप्रैल के शुरूआत में केंद्र सरकार राज्यों को करीब 1700 करोड़ रुपये की फंड जारी कर चुकी है। इसमें केरल को 1,276.91 करोड़, पंजाब को 638 करोड़ और पश्चिम बंगाल को 417.75 करोड़ दिए गए हैं। इससे पहले तीन अप्रैल को मंत्रालय ने 14 राज्यों को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के बाद राजस्व घाटा अनुदान के रूप में 6195 करोड़ जारी किए थे। ये राज्य आंध्र प्रदेश, असम, हिमाचल प्रदेश, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल थे।
भारत ने विकसित की पहली स्वदेशी जांच किट
कोरोना महामारी की शुरुआत से ही भारत अपने संपूर्ण संसाधन के साथ इसका मुकाबला कर रहा है। पीपीई के निर्माण में आगे बढ़ने के साथ ही अब देश ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान- एनवीआरआई ने कोरोना संक्रमण की जांच के लिए पहली स्वदेशी ‘एंटीबॉडी डिटेक्शन किट’ बना लिया है। मोदी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने रविवार को ट्विटर पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह स्वदेशी किट संक्रमण के प्रसार पर नजर रखने और उसे रोकने में बहुत मददगार साबित होगी। एक महीने में तैयार यह किट ढाई घंटे में 90 लोगों के खून के नमूनों की जांच करने में सक्षम है। ‘कोविड कवच’ के निर्माण को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक अहम हथियार के तौर पर देखा जा रहा है।
31 जनवरी को लगाई गई एन-95 मास्क के निर्यात पर रोक
करोना संकट की आहट के साथ ही मोदी सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी थी। 31 जनवरी को ही एन-95 मास्क के निर्यात पर रोक लगाने फ़ैसला ले लिया गया था, जब ‘वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन’ ने कोई एडवाइजरी भी नहीं जारी की थी। मोदी सरकार ने न सिर्फ़ एन-95 मास्क बल्कि 2-3 प्लाई मास्कों के निर्यात पर भी रोक लगाने का निर्णय जनवरी में ही ले लिया था।
कोरोना से निपटने के उपायों पर मुख्यमंत्रियों से संवाद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से निपटने के उपायों पर चर्चा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पांच बार राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद कर चुके हैं। हर बार पीएम मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से विस्तार से बात की और हरसंभव मदद करने के अलावा कोरोना को फैलने से रोकने के मुद्दे पर विचार विमर्श किया। राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम मोदी के इस पहल की प्रशंसा की।
विश्व में दो लाख 83 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत
दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या 41 लाख 42 हज़ार से ज़्यादा हो गई है जबकि अब तक दो लाख 83 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से अमरीका में 13 लाख 34 हज़ार से ज़्यादा लोग संक्रमित हो चुकी है जबकि जबकि मरने वालों की संख्या 80 हज़ार के पार कर गई है जबकि ब्रिटेन में कोरोना से 32 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है।