आज पूरा देश जहां कोरोना महामारी से लड़ने में जुटा है, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो संकट की इस घड़ी में या तो किसी बिल में छिप गए हैं या फिर असहयोग भरा रवैया अपनाने पर अड़े हुए हैं। ये और कोई नहीं, असहिष्णुता, अवॉर्ड वापसी और टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग हैं या फिर उनके समर्थक और संरक्षक हैं। इनका सिर्फ एक ही काम रहा है- मोदी सरकार के कामकाज और कदमों पर बेबुनियाद सवाल उठाते रहना। कोरोना संकट से निपटने में इन्होंने न तो निजी स्तर पर कोई सहयोग किया है, न ही संबंधित सरकारी फंड में योगदान के लिए ये आगे आए हैं।
कन्हैया को नहीं चाहिए कोरोना से ‘आजादी’
दरअसल देशवासी आज उन तमाम बड़बोले चेहरों की बड़ी शिद्दत से तलाश कर रहे हैं, जो कोरोना से देश की लड़ाई की घड़ी में कहीं किसी ठोस प्रयास के साथ नजर नहीं आ रहे हैं। आज जब कोरोना से आजादी के लिए जंग में तेजी आ रही है, तो टुकड़े-टुकड़े गैंग के कन्हैया कुमार का कहीं कोई अता-पता नहीं। देश जान चुका है कि यही है कन्हैया का असली रवैया।
अभी अभी दिल्ली के जाकिर नगर इलाके के एक मुफ़्ती जी का फोन आया।पुराने परिचित हैं।कहने लगे, भैया स्वरा भास्कर और कन्हैया कुमार का address दे दो?
मैंने वजह पूछी तो बोले, ‘भैया गुमशुदा वाली रिपोर्ट दर्ज करानी है। इस पूरे कोरोना संकट में वो कहीं दिखे नही। मुझे बड़ी चिंता हो रही है।’— abhishek upadhyay (@upadhyayabhii) April 11, 2020
स्वरा भास्कर का असली चेहरा फिर उजागर
कोरोना के संकट में भी जनहित और देशहित में स्वरा भास्कर के स्वर सुनने को लोग तरस गए। हां, 9 अप्रैल को वर्चुअल तरीके से ही सही, उन्होंने अपने जन्मदिन के जश्न में कोई कसर नहीं छोड़ी। वे चाहतीं तो अपने इस विशेष दिन को कोरोना से देश की जंग के लिए भी समर्पित कर सकती थीं। लेकिन उन्होंने साबित किया कि वे सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें कर सकती हैं, वास्तव में कर कुछ नहीं सकतीं।
Had the most unbelievably fun virtual birthday party, with across countries & continents. FOUR HOURS complete with games & performances! U guys r literally THE BEST people ever! I have no words to tell you’ll how lucky I am that you’ll are my friends like family. ?? THANK YOU pic.twitter.com/IT71Wnn5Tj
— Swara Bhasker (@ReallySwara) April 10, 2020
सोनम कपूर चॉकलेट वॉलनट केक बनाने में व्यस्त
शाहीन बाग में धरने पर बैठने वालों से सहानुभूति दिखाने वाली अभिनेत्री सोनम कपूर कोरोना में घिरे लोगों के प्रति भी सहानुभूति दिखा सकती थीं। लेकिन सच ये है कि कोरोना के इस संकटकाल में वे जरूरतमंदों के लिए मास्क नहीं, अपनी पसंद का चॉकलेट वॉलनट केक बनाने में व्यस्त हैं। जरा देख लीजिए उनका यह ट्वीट:
Made chocolate walnut cake today. I had run out of chocolate and fortunegourmetindia sent me some amazing quality chocolate. Thanks so much missdevi for organising. Love you @ New Delhi https://t.co/O6qIVVSW0q
— Sonam K Ahuja (@sonamakapoor) April 10, 2020
शेहला राशिद ने उड़ाया कोरोना के कर्मवीरों का मजाक
मोदी सरकार के कामकाज को लेकर जहर उगलने वालों में शेहला राशिद बढ़-चढ़कर आगे रही हैं। आज कोरोना से उबरने में भी देश के प्रयासों की सराहना तो दूर, उनका कोरोना से लड़ने वाले योद्धाओं की हौसलाआफजाई में भी विश्वास नहीं। जब 5 अप्रैल को पूरा देश कोरोना के अंधकार को मिटाने का संकल्प लेने के लिए दीया जलाने की तैयारी कर रहा था, तो शेहला ने उसका माखौल उड़ाया। उन्होंने लिखा कि उनके पास न टॉर्च है, न मोमबत्ती और वो रात के 9 बजे खाना बनाने में व्यस्त रहेंगी।
I don’t have a torch. And I don’t have a candle. And I’ll probably be cooking dinner at 9. Sorry, Modi ji.
— Shehla Rashid (@Shehla_Rashid) April 3, 2020
कुछ लोगों के पास कोई काग़ज़ नहीं है
Torch भी नहीं है
Candle भी नहीं है
Mobile फ़ोन का तो सवाल नहीं उठताथोड़ा ईमान है??? pic.twitter.com/alBeW5kRlk
— Sambit Patra (@sambitswaraj) April 3, 2020
जहरबयानी में जुटे हुए हैं मुनव्वर राणा
जिस तबलीगी जमात की कारिस्तानी की वजह से कोरोना के मामलों में अचानक भारी तेजी आ गई, उस पर मुनव्वर राणा जैसे लोग हैं, जो या तो खामोश रहते हैं या फिर जहरबयानी करते हैं। इनकी तरफ से ऐसी कोई पहल नहीं, जो यह विश्वास दिलाए कि देश से कोरोना को समाप्त करने को लेकर ये गंभीर हों। यहां तक कि इस स्थिति में भी ये मजहब के पहलुओं को ढूंढ़ने में लगे हैं।
जो भी ये सुनता है हैरान हुआ जाता है,
अब कोरोना भी मुसलमान हुआ जाता है।Jo bhi ye suntaa hai hairaan huaa jaata hai,
Ab corona bhi Musalman hua jaata hai.— Munawwar Rana (@MunawwarRana) April 1, 2020
इनका एक ही मकसद- सिर्फ हंगामा खड़ा करना
दरअसल राजनीति और फिल्म जगत समेत लगभग हर क्षेत्र में ऐसे चेहरों की कमी नहीं, जो वक्त आने पर एक्सपोज होकर रहते हैं। चाहे वो भीम आर्मी के चंद्रशेखर हों या फिर बॉलीवुड से जुड़े अनुराग कश्यप और जावेद अख्तर जैसे चेहरे ही क्यों न हों। ये साबित हो गया है कि हर स्थिति में इनका मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना ही है। इसलिए आज पूरा देश इन पर गुस्से में है।