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कोरोना संकट में देशवासियों के सामने उजागर हुआ कन्हैया कुमार और स्वरा भास्कर जैसों का असली चेहरा

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आज पूरा देश जहां कोरोना महामारी से लड़ने में जुटा है, वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो संकट की इस घड़ी में या तो किसी बिल में छिप गए हैं या फिर असहयोग भरा रवैया अपनाने पर अड़े हुए हैं। ये और कोई नहीं, असहिष्णुता, अवॉर्ड वापसी और टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग हैं या फिर उनके समर्थक और संरक्षक हैं। इनका सिर्फ एक ही काम रहा है- मोदी सरकार के कामकाज और कदमों पर बेबुनियाद सवाल उठाते रहना। कोरोना संकट से निपटने में इन्होंने न तो निजी स्तर पर कोई सहयोग किया है, न ही संबंधित सरकारी फंड में योगदान के लिए ये आगे आए हैं।

कन्हैया को नहीं चाहिए कोरोना से ‘आजादी’
दरअसल देशवासी आज उन तमाम बड़बोले चेहरों की बड़ी शिद्दत से तलाश कर रहे हैं, जो कोरोना से देश की लड़ाई की घड़ी में कहीं किसी ठोस प्रयास के साथ नजर नहीं आ रहे हैं। आज जब कोरोना से आजादी के लिए जंग में तेजी आ रही है, तो टुकड़े-टुकड़े गैंग के कन्हैया कुमार का कहीं कोई अता-पता नहीं। देश जान चुका है कि यही है कन्हैया का असली रवैया।  

स्वरा भास्कर का असली चेहरा फिर उजागर
कोरोना के संकट में भी जनहित और देशहित में स्वरा भास्कर के स्वर सुनने को लोग तरस गए। हां, 9 अप्रैल को वर्चुअल तरीके से ही सही, उन्होंने अपने जन्मदिन के जश्न में कोई कसर नहीं छोड़ी। वे चाहतीं तो अपने इस विशेष दिन को कोरोना से देश की जंग के लिए भी समर्पित कर सकती थीं। लेकिन उन्होंने साबित किया कि वे सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें कर सकती हैं, वास्तव में कर कुछ नहीं सकतीं।

सोनम कपूर चॉकलेट वॉलनट केक बनाने में व्यस्त
शाहीन बाग में धरने पर बैठने वालों से सहानुभूति दिखाने वाली अभिनेत्री सोनम कपूर कोरोना में घिरे लोगों के प्रति भी सहानुभूति दिखा सकती थीं। लेकिन सच ये है कि कोरोना के इस संकटकाल में वे जरूरतमंदों के लिए मास्क नहीं, अपनी पसंद का चॉकलेट वॉलनट केक बनाने में व्यस्त हैं। जरा देख लीजिए उनका यह ट्वीट:  

शेहला राशिद ने उड़ाया कोरोना के कर्मवीरों का मजाक
मोदी सरकार के कामकाज को लेकर जहर उगलने वालों में शेहला राशिद बढ़-चढ़कर आगे रही हैं। आज कोरोना से उबरने में भी देश के प्रयासों की सराहना तो दूर, उनका कोरोना से लड़ने वाले योद्धाओं की हौसलाआफजाई में भी विश्वास नहीं। जब 5 अप्रैल को पूरा देश कोरोना के अंधकार को मिटाने का संकल्प लेने के लिए दीया जलाने की तैयारी कर रहा था, तो शेहला ने उसका माखौल उड़ाया। उन्होंने लिखा कि उनके पास न टॉर्च है, न मोमबत्ती और वो रात के 9 बजे खाना बनाने में व्यस्त रहेंगी।

जहरबयानी में जुटे हुए हैं मुनव्वर राणा  
जिस तबलीगी जमात की कारिस्तानी की वजह से कोरोना के मामलों में अचानक भारी तेजी आ गई, उस पर मुनव्वर राणा जैसे लोग हैं, जो या तो खामोश रहते हैं या फिर जहरबयानी करते हैं। इनकी तरफ से ऐसी कोई पहल नहीं, जो यह विश्वास दिलाए कि देश से कोरोना को समाप्त करने को लेकर ये गंभीर हों। यहां तक कि इस स्थिति में भी ये मजहब के पहलुओं को ढूंढ़ने में लगे हैं।    

इनका एक ही मकसद- सिर्फ हंगामा खड़ा करना
दरअसल राजनीति और फिल्म जगत समेत लगभग हर क्षेत्र में ऐसे चेहरों की कमी नहीं, जो वक्त आने पर एक्सपोज होकर रहते हैं। चाहे वो भीम आर्मी के चंद्रशेखर हों या फिर बॉलीवुड से जुड़े अनुराग कश्यप और जावेद अख्तर जैसे चेहरे ही क्यों न हों। ये साबित हो गया है कि हर स्थिति में इनका मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना ही है। इसलिए आज पूरा देश इन पर गुस्से में है।

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