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EXPOSED: जम्मू-कश्मीर के हिंदू बहुल इलाकों में रोहिंग्या को बसाकर जनसंख्या अनुपात बदलने की साजिश, मुस्लिमों से निकाह कराने के लिए रोहिंग्या महिलाओं को खरीदकर बनवा रहे डोमिसाइल

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म्यांमार में कुछ साल पहले सेना के दमन के बाद रोहिंग्या मुस्लिम भारत समेत 6 एशियाई देशों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक रोहिंग्याओं के चलते इन देशों में न सिर्फ अपराध बढ़ रहे हैं, बल्कि भारत में तो इनके तार घुसपैठ से लेकर आतंकी गतिविधियों तक में जुड़े हुए हैं। बिहार पुलिस ने खुलासा किया कि कट्टरपंथी प्रतिबंधित पीएफआई अपने संगठन में भर्ती करने के लिए रोहिंग्या मुस्लिमों और बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए आधार कार्ड तक बनवा रहा है। अब रोहिंग्या की मदद से जम्मू-कश्मीर के हिंदू बहुल इलाकों में बाहरी लोगों को बसाने के षडयंत्र का भंडाफोड़ हुआ है। जम्मू-कश्मीर में म्यांमार की महिला को मूल निवासी प्रमाणपत्र जारी होने का मामला सामने आने के बाद अब रोहिंग्याओं को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। डोमिसाइल बनवाने वाले आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि उनका रैकेट कश्मीर के बूढ़ों, दिव्यांगों और गरीबों की शादी तस्करी कर लाई गई रोहिंग्या महिलाओं से करा रहा है। इन महिलाओं को 20 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक में खरीदा जाता है। शादी के कुछ वर्ष बाद रोहिंग्या महिलाओं का डोमिसाइल बनवा लिया जाता है।भारत में घुसपैठ कर तेजी से बढ़ रही है रोहिंग्या मुस्लिमों की आबादी
गृह मंत्रालय ने UNHRC के हवाले से बताया कि भारत में दिसंबर 2021 तक 18 हजार रोहिंग्या मुस्लिमों के होने की जानकारी मौजूद थी। जो अब बढ़कर करीब दोगुने हो गए हैं। देश में रोहिंग्या विशेषकर जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, दिल्ली-NCR, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मणिपुर में हैं। देश की स्थानीय आबादी वृद्धि दर 1 प्रतिशत है, जबकि रोहिंग्या की आबादी वृद्धि 5 प्रतिशत से भी ज्यादा है। इनकी बढ़ती आबादी के कारण सरकार द्वारा इनके लिए सुविधाएं जुटाने में परेशानी आ रही है। उधर, थाईलैंड में रोहिंग्याओं के लिंक मानव तस्करी से जुड़े पाए गए हैं। वहां के रास्ते मानव तस्करी मलेशिया तक हो रही है। आतंकियों को पनाह देने वाला पाकिस्तान रोहिंग्याओं को भी इसी रास्ते पर ले जा रहा है।रोहिंग्या महिलाओं को खरीदकर स्थानीय बूढ़े मुस्लिमों से करा रहे हैं निकाह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीएफआई नई पहचान बनाने के लिए रोहिंग्याओं और बांग्लादेशी घुसपैठियों को कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में दिहाड़ी मजदूरों के रूप में भेज रहा है। रोहिंग्याओं से सबसे ज्यादा प्रभावित जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, दिल्ली-NCR हैं। रोहिंग्या बहुल कॉक्स बाजार क्षेत्र में पिछले 5 साल में चोरी, हत्या, डकैती, दुष्कर्म, नशीले पदार्थों की तस्करी जैसी आपराधिक गतिविधियां 7 गुना हो चुकी हैं। जम्मू-कश्मीर में तो हिंदू बहुल इलाकों में रोहिंग्या महिलाओं को आधिकारिक रूप से बसाने के लिए उनके डोमिसाइल तक बनाए जा रहे हैं। हाल ही में किश्तवाड़ में के एक युवक की पत्नी अनवारा बेगम के पास कश्मीर का डोमिसाइल मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। अनवारा स्थानीय निवासी से शादी कर सालों से रह रही थीं। 2020 में निवास प्रमाणपत्र हासिल किया। पुलिस ने महिला सहित तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस के मुताबिक ऐसे और भी कई मामले हैं जिसकी जांच की जा रही है। ऐसे केस में रोहिंग्या महिलाओं को 20 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक में खरीदा गया। पुलिस तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच की जा रही है।

हिंदू बहुल इलाकों में रोहिंग्या से जनसंख्या अनुपात बदलने का षडयंत्र
रोहिंग्या शरणार्थी जम्मू-कश्मीर में एक बड़ा मुद्दा बन गए हैं। ये 2012 से यहां आ रहे हैं। विभिन्न स्रोतों के अनुसार अब तक 8 हजार रोहिंग्या आ चुके हैं। 2011 की जनगणना के मुताबिक जम्मू में 15,29,958 लोगों की आबादी है। इसमें करीब 84.27% हिंदू और 7.03% मुसलमान हैं। भाजपा, शिवसेना और जेके पैंथर्स पार्टी रोहिंग्या शरणार्थियों के प्रवेश को जनसंख्या अनुपात बदलने की साजिश बता रहे हैं। उनका आरोप है कि सभी रोहिंग्या मुसलमान हैं और उनमें से अधिकतर लोग जम्मू में रहते हैं, जो हिंदू बहुल इलाका है। जम्मू के एक प्रमुख लेखक और राजनीतिज्ञ प्रोफेसर हरि ओम इसे जनसांख्यिकी आक्रमण बताते हैं।

जम्मू-कश्मीर से लेकर दिल्ली की केजरीवाल सरकार दे रही रोहिंग्या को पनाह
जम्मू-कश्मीर सरकार ने कुछ दलों के विरोध के बाद दिखावे के लिए अवैध रोहिंग्या शरणार्थियों की पहचान के लिए अभियान शुरू किया। इसके तहत बायोमीट्रिक और अन्य जांच के बाद केवल 300 अवैध शरणार्थी ही हाथ आए। इनको जम्मू के हीरानगर जेल के अस्थायी ‘होल्डिंग सेंटर’ में रखा है। इस सेंटर में कई बार पुलिस और कैदियों के बीच 15 झड़प हुई हैं। जेल में कैद रोहिंग्या शरणार्थी उन्हें इस सेंटर से रिहाई या म्यांमार में लौटने की मांग करते हैं। जम्मू के अलावा दिल्ली में भी केजरीवाल सरकार रोहिंग्या शरणार्थियों को खुलेआम पनाह देने में लगी है। आम आदमी पार्टी के नेताओं के इससे जुड़े वीडियो भी वायरल हो चुके हैं। उधर त्रिपुरा में भी एक साल में 52 रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है। त्रिपुरा पुलिस का रोहिंग्याओं की घुसपैठ रोकने के लिए अलग एक्शन प्लान है।बहुत से दलाल रोहिंग्याओं को त्रिपुरा के रास्ते असम में लाते हैं- सरमा
पिछले दिनों असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा मामले में चिंता जाहिर की थी। सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि इसमें ऐसे बहुत से दलाल है, जो रोहिंग्याओं को त्रिपुरा के रास्ते असम में ले आते है। देश में पासपोर्ट और वीजा के बिना घुसने वाला कोई भी हो, हमारे देश की सुरक्षा के लिए खतरा है। त्रिपुरा के डीआईजी ने कहा कि देश में अवैध तरीके से रहने वाले रोहिंग्याओं का पता लगने के लिए त्रिपुरा पुलिस के पास देश भर में नेटवर्क है। इनके खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया जा रहा है। साथ ही हमारी नजर उन दलालों पर भी है जो इनकी बॉर्डर से घुसपैठ में मदद करते है। हम ग्राउंड पर एक्टिव है और मामले में लीड्स मिल रही हैं। हम उत्तर पूर्वी राज्यों में काम कर रहे है और हमें वहां की पुलिस का सहयोग मिल रहा है।

पाक में 2.5 लाख रोहिंग्या, वहां आतंक और घुसपैठिए की ट्रेनिंग दी जा रही
भारत ही नहीं, रोहिंग्या के चलते कुछ अन्य देश की परेशान हैं। क्योंकि रोहिंग्या मुस्लिमों की ड्रग्स, महिला तस्करी, आतंकी वारदात में लिप्तता सामने आई है। इतना ही नहीं पाकिस्तान में तो म्यांमार से 5 साल के दौरान करीब ढाई लाख रोहिंग्या मुस्लिम पहुंच चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां रोहिंग्याओं को आतंकी ट्रेनिंग देकर बांग्लादेश सीमा से भारत में आतंकी घुसपैठ कराने की तैयारी हो रही है। मुस्लिम देश होने के बावजूद इंडोनेशिया अपराधों में लिप्तता, खाने-रहने की परेशानी को देखते हुए अपने यहां रोहिंग्याओं को रखना नहीं चाहता। उसने इतनी सख्ती बरती कि बीते साल रोहिंग्याओं से भरी एक बोट को अपने आचे प्रांत में ठहरने नहीं दिया। थाईलैंड में करीब 92 हजार रोहिंग्याओं ने शरण ली है। वहां भी ये परेशानी खड़ी कर रहे हैं। अवैध रूप से पहुंच रहे रोहिंग्याओं को लौटाने के लिए थाईलैंड ने फरमान जारी किया था। इसके बाद 13000 रोहिंग्याओं को वापस भेजा जा चुका है।

रोहिंग्या मुस्लिम कौन है? जो ड्रग्स, महिला तस्करी, आतंकी वारदात में लिप्त हैं
रोहिंग्या एक स्टेटलेस (राज्यविहीन) लोग है। इनमें ज्यादातर रोहिंग्या इस्लाम को मानते है। ये म्यांमार के रखाइन प्रांत से आते है। कई साल पहले बौद्ध बहुल देश म्यांमार ने रोहिंग्या की नागरिकता छीन ली थी। इससे उन्हें शिक्षा, सरकारी नौकरी समेत कई अधिकारों से अलग कर दिया गया। तब से म्यांमार में रोहिंग्या के खिलाफ हिंसा जारी है। 2017 में हुए रोहिंग्या के नरसंहार से पहले म्यांमार में उनकी आबादी करीब 14 लाख थी। 2015 के बाद से म्यांमार से 9 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी भागकर बांग्लादेश और भारत समेत आसपास के अन्य देशों में जा चुके हैं। बांग्लादेश की शेख हसीना कह चुकी हैं कि हमारे यहां 11 लाख रोहिंग्या हैं। इनका बोझ उठाना है। रोहिंग्या ड्रग्स और महिला तस्करी जैसे अपराधों में शामिल हैं, जो कानून व्यवस्था के लिहाज से हमारे लिए चुनौती है। रोहिंग्या मुसलमान लंबे समय से समस्याएं पैदा कर रहे हैं।
मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए रोहिंग्या को बसाने में लगे हैं केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी मुस्लिम तुष्टिकरण में किसी भी हद तक जाने को तैयार है। चाहे देश और राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा खतरे में क्यों न पड़ जाए। हालांकि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के एक ट्वीट के बाद आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सरकार के मंत्रियों ने अपने को देशभक्त और रोहिंग्या विरोधी घोषित कर बीजेपी को फंसाने की जो चाल चली थी, उसमें वो खुद घिरते नजर आ रहे हैं। इसी बीच बीजेपी ने केजरीवाल सरकार का एक पत्र जारी कर आम आदमी पार्टी के प्रोपेगैंडा की हवा निकाल दी है।

आम आदमी पार्टी के प्रोपेगैंडा के खिलाफ बीजेपी ने भी मोर्चा खोल दिया था। बीजेपी ने एक पत्र जारी किया, जिसे केजरीवाल सरकार ने 23 जून, 2021 को NDMC को भेजा था। इसमें केजरीवाल सरकार ने NDMC से बक्करवाला में मौजूद 240 EWS फ्लैट्स रोहिंग्या के लिए देने की मांग की थी। इस पत्र में कहा गया था कि 11 बांग्लादेशी और 71 रोहिंग्याओं के लिए रिस्ट्रिकशन सेंटर बनाना है। इसके लिए EWS फ्लैट के साथ-साथ वहां मौजूद बारात घर की जरूरत है।

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि सिर्फ झूठ बोलना ही अरविंद केजरीवाल का काम है। दिल्ली सरकार ने 23 जून, 2021 को एनडीएमसी को भी एक पत्र लिखकर बक्करवाला में 240 ईडब्ल्यूएस फ्लैट और एक कम्युनिटी सेंटर अलॉट करने का अनुरोध किया था, यह होती है दोहरी नीति। उन्होंने ट्वीट किया, “रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा मुफ़्त बिजली, पानी और आर्थिक सहायता देने को लेकर जब मीडिया वालों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया से प्रश्न पूछा तो एकदम उठ खड़े हुए और Press Conference छोड़ कर भाग गए।”

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने केजरीवाल और उनके मंत्रियों पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैं साफ करना चाहता हूं कि गृह मंत्री अमित शाह ने सदन के पटल पर भी स्पष्ट किया है कि घुसपैठिए अवैध नागिरक के रूप में गिने जाएंगे उनको वापस भेजने की बात विदेश मंत्रालय के माध्यम से संबंधित देशों से की जा रही है और दिल्ली सरकार को डिटेंशन सेंटर बनाने के लिए कहा गया था लेकिन दिल्ली सरकार ने पिछले 1 साल में वह काम भी नहीं किया, ऐसी कौन सी मजबूरी थी। अरविंद केजरीवाल ने मुफ्त बिजली, पानी, राशन के बाद रोहिंग्या घुसपैठियों को फ्लैट देने की चाल भी चली थी।

बीजेपी सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल और उनकी पार्टी दोहरी नीति पर काम करती है। केजरीवाल की सरकार ने 23 जून 2021 को एक पत्र लिखकर दिल्ली के बक्करवाला में 240 ईडब्ल्यूएस फ्लैट और एक कम्युनिटी सेंटर अलॉट करने का अनुरोध किया था। आज बोल रहे हैं कि रोहिंग्या को दिल्ली में नहीं बसने देंगे। इसी तरह बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने भी पत्र को साझा करते हुए कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की दोहरी छवि खुलकर सामने आ गई है। गटर लेवल की राजनीति करने वाली आम आदमी पार्टी अब अपने बातों से ही पलट गई है।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी के एक ट्वीट से उत्पन्न संशय को दूर करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि रोहिंग्या शरणार्थी अभी जहां हैं, वहीं रहेंगे और गृह मंत्रालय उनको फ्लैट में नहीं रखने जा रही है। सरकार विदेश मंत्रालय के माध्यम से अवैध विदेशियों के निर्वासन के लिए संबंधित देशों से बातचीत कर रही है। गृह मंत्रालय ने आगे कहा है कि निर्वासित किए जाने तक अवैध विदेशियों को डिटेंशन सेंटर्स में ही रखा जाएगा। लेकिन दिल्ली सरकार ने अबतक मौजूदा लोकेशन को डिटेंशन सेंटर घोषित नहीं किया है। उनको ऐसा तुरंत करने का निर्देश दिया गया है।

 

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