दिल्ली शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल गिरफ्तार हो चुके हैं। आम आदमी पार्टी पर खालिस्तान समर्थक होने के आरोप लगते रहे हैं। इसका ताजा सबूत हाल ही में देखने को मिला जब आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा आंख का आपरेशन कराने ब्रिटेन पहुंचे और वहां पहुंचते ही उन्होंने खालिस्तान समर्थक ब्रिटिश सांसद प्रीत गिल से मुलाकात की। यह भी किसी से छुपा नहीं है भारत में खालिस्तान आंदोलन को अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA हवा देती रही है। अमेरिका जिस तरह से खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू का बचाव करती है उससे भी साफ है कि पन्नू उसका एसेट है। क्या भारत में भी अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के एसेट हैं। केजरीवाल जब एक सरकारी कर्मचारी थे उसी समय से अपने एनजीओ के लिए फोर्ड फाउंडेशन से फंडिंग लेते रहे। फोर्ड फाउंडेशन को CIA फंडिंग करती है। ऐसे में सवाल उठता है कि CIA, फोर्ड फाउंडेशन और केजरीवाल के बीच कोई कनेक्शन है क्या? केजरीवाल के आवास से ईडी अधिकारियों से जुड़े दस्तावेज बरामद होना क्या इस ओर इशारा कर रही है कि भारत के खिलाफ कोई बड़ी अंतरराष्ट्रीय साजिश रची जा रही है।
फोर्ड फाउंडेशन को फंड करती है CIA
अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के डिक्लासीफाइड दस्तावेज के अनुसार, फोर्ड फाउंडेशन की परियोजनाओं के वित्तपोषण में CIA उनका भागीदार था। परियोजनाएं राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक युद्ध में शामिल हैं।
जनवरी 2000 में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने एक एनजीओ ‘संपूर्ण परिवर्तन’ उर्फ ’परिवर्तन’ शुरू किया। इसकी शुरुआत ‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ की मदद से की गई थी लेकिन ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल को फंडिंग कौन कर रहा था? फंडिंग कर रहा था फोर्ड फाउंडेशन और डीप स्टेट एजेंट जार्ज सोरोस!
वर्ष 2002 में, फोर्ड फाउंडेशन ने केजरीवाल के वित्त पोषित एनजीओ ‘संपूर्ण परिवर्तन’ उर्फ ’परिवर्तन’ को सीधे फंड देना शुरू कर दिया। कृपया ध्यान दें कि वह उस समय भी एक सरकारी कर्मचारी थे!
वर्ष 2004 में अरविंद केजरीवाल अशोका ‘फेलो’ बने। क्या आप जानते हैं कि अशोका में फेलोशिप का वित्तपोषण कौन करता है? यहां भी फोर्ड फाउंडेशन ही फंडिंग करता है।
अरविंद केजरीवाल को 2006 में इमरजेंट लीडरशिप की श्रेणी में रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिला। आप यह जान कर चौंक जाएंगे कि इस पुरस्कार के लिए फंडिंग फोर्ड फाउंडेशन ही करता है।
वर्ष 2004 में, एडमिरल लक्ष्मीनारायण रामदास, पीवीएसएम, एवीएसएम, वीआरसी, वीएसएम (सेवानिवृत्त), पूर्व नौसेना प्रमुख को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिला। बाद में एल रामदास AAP के आंतरिक लोकपाल बने!
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता एल रामदास की बेटी कविता रामदास, फोर्ड फाउंडेशन के अध्यक्ष की वरिष्ठ सलाहकार हैं और पहले कई वर्षों तक भारत में फोर्ड फाउंडेशन के देश प्रतिनिधि के रूप में काम कर चुकी हैं। उन्होंने जार्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के साथ भी काम किया है!
केजरीवाल को 2006 में एड-इंडिया एनजीओ द्वारा Aid Sathi के रूप में चुना गया था। Aid Sathi को बिना किसी विशिष्ट परियोजना के धन, प्रचार और समर्थन प्राप्त होता है!
फिर, इस एनजीओ को फोर्ड फाउंडेशन से भी फंड मिलता है!
मेधा पाटकर को भी AID-इंडिया फंडिंग कर रही थी। केजरीवाल उसके काम को बढ़ावा देने में भी पूरी तरह शामिल थे। एक समय गुजरात में मेधा पाटकर को आम आदमी पार्टी की मुख्यमंत्री चेहरा बनाने की भी बात चल रही थी वहीं मेधा पाटकर ने भी आम आदमी पार्टी का खुलकर समर्थन किया है।
अगस्त 2005 में अरविंद केजरीवाल ने अपने एनजीओ ‘परिवर्तन’ के स्थान पर एक और एनजीओ ‘कबीर’ शुरू किया। दिलचस्प बात यह है कि ‘कबीर’ को पहले दिन से ही फोर्ड फाउंडेशन द्वारा वित्त पोषित किया गया था!
2008 में इंफोसिस के नारायण मूर्ति फोर्ड फाउंडेशन के भरोसेमंद बन गए! 2014 में इंफोसिस के पूर्व निदेशक बालाकृष्णन AAP में शामिल हुए!
ऑनलाइन रिकॉर्ड के अनुसार, केजरीवाल के एनजीओ ‘कबीर’ को 1999 में दिल्ली में पंजीकृत किया गया था। दिलचस्प बात यह है कि ‘कबीर’ का पता उसी इमारत में था जहां उस समय ‘एमनेस्टी इंटरनेशनल’ काम कर रही थी!
एमनेस्टी वही एनजीओ है जो अब भारत में प्रतिबंधित है और इसे फोर्ड फाउंडेशन से करोड़ों का अनुदान मिलता है!
अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के कई दस्तावेज हैं, जो स्पष्ट रूप से CIA, फोर्ड फाउंडेशन और मैग्सेसे पुरस्कार के बीच संबंध दिखाते हैं।
राघव चड्ढा खालिस्तान समर्थक ब्रिटिश सांसद के साथ
भारत में आम चुनाव 2024 की घोषणा के कीच राघव चड्ढ़ा का लंदन में होना और ब्रिटिश सांसद प्रीत गिल से मुलाकात भी चौंकाने वाली है। अलगाववाद और खालिस्तान का समर्थन करने वाले तत्वों से इस मुलाकात पर सवाल उठ रहे हैं।
Great to meet @raghav_chadha in Parliament. – He is a Rajya Sabha MP from Punjab, India. I look forward to a discussion around global health security and antimicrobial resistance. pic.twitter.com/9Gz6gc7TZi
— Preet Kaur Gill MP (@PreetKGillMP) March 20, 2024