कोरोना महामारी के समय मोदी सरकार को बदनाम करने के लिए बनाया गया टूलकिट अब भी सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। इस टूलकिट को बनाने वाले के रूप में कांग्रेस रिसर्च डिपार्टमेंट के चेयरमैन राजीव गौड़ा के दफ्तर में काम करने वाली सौम्या वर्मा का नाम सामने आया है। इस टूलकिट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हिंदू धर्म, कुंभ और देश को बदनाम करने का पूरा प्लान बताया गया है।
इस टूलकिट को लेकर काफी चर्चा हुई है, लेकिन इसमें से एक चीज पर ज्यादा बात नहीं हुई वह है कांग्रेसी मीडिया तंत्र। टूलकिट में उन मीडिया संस्थानों के बारे में बताया गया है, जिनकी मदद लेकर कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता प्रोपेगंडा फैलाते हैं। इसमें साफ कहा गया है कि ‘द प्रिंट’, ‘द वायर’, ‘द क्विंट’ और ‘आउटलुक’ जैसे मीडिया संस्थानों में कोरोना को लेकर जो भी लेख प्रकाशित होते हैं, उन्हें शेयर और वायरल किया जाए।
WHAT EVERYONE MISSED FROM CONGRESS TOOLKIT
THE 5th PAGE
There are media organisations name who are funded by INC
It is also mentioned that if any content is too pro congress that can not be published in print, wire, outlook, quint
Then publish it in Carvan, National Herald pic.twitter.com/S47DdtJJ0b
— પ્રકાશ (@Gujju_Er) May 19, 2021
मोदी विरोधी ये मीडिया संस्थान शुरू से ही सरकार को बदनाम करने के लिए फेक न्यूज तक का सहारा लेते हैं और प्रोपगेंडा फैलाते हैं। इन मीडिया संस्थानों ने कोरोना काल में केरल, राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र की दुर्दशा के बारे में कांग्रेस और विपक्षी सरकार का बचाव किया और मोदी सरकार को दोषी ठहराया।
टूलकिट में कहा गया है कि इनके सरकार विरोधी लेखों को खूब शेयर और हाइलाइट करें। यह भी कहा गया है कि अगर कोई स्टोरी अन्य मीडिया संस्थानों में प्रकाशित नहीं होती है तो उन्हें ‘कारवाँ’ या पार्टी के मुखपत्र ‘नेशनल हेराल्ड’ को भेजा जाए। इन मीडिया संस्थानों कि विश्वनीयता तो पहले से ही नगण्य थी, इस टूलकिट प्रकरण के बाद तो इनकी रही-सही साख भी खत्म हो गई है।
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