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हिंदू हूं, सुनते ही मार दी गोली… लेकिन देखिए कांग्रेसी इकोसिस्टम किस तरह ये साबित करने में लगा है कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को बड़ा इस्लामी आतंकी हमला हुआ। मुस्लिम आतंकियों के हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और 10 से ज्यादा लोग घायल हुए। इसको लेकर देश भर के लोगों में काफी गु्स्सा है। लेकिन लेफ्ट कांग्रेसी इकोसिस्टम ये साबित करने में लग गया है कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता। हिंदू- मुस्लिम भाईचारे की बात करने वाले लोगों को जानना चाहिए कि इस्लामी आतंकियों ने पहलगाम में पहली गोली कानपुर के शुभम द्विवेदी को मारी थी। शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या ने इस आतंकी हमले के बारे में बताया कि- हम लोग हंसी-खुशी बैठे थे, इतने में आतंकी आए और बंदूक रख के शुभम को पूछा कि हिंदू हो कि मुसलमान? पहले हम लोगों को समझ नहीं आया। फिर उन्होंने दोबारा पूछा कि हिंदू हो कि मुसलमान, तो हमने हंसते हुए कहा कि ये सब क्या है, हम हिंदू हैं। इतना सुनते ही उसने शुभम को गोली मार दी।

इतना ही नहीं इन इस्लानी आतंकियों ने मर्दों के सिर पर बंदूक लगाकर कलमा पढ़ने को बोला। जो नहीं पढ़ पाए उन्हें गोली मार दी। इन आतंकियों ने पर्यटकों से नाम पूछा, धर्म पूछा जो मुस्लिम नहीं थे उन्हें गोली मार दी।

इतना सब होने के बाद भी कुछ लोगों को लगता है कि ये इस्लामी आतंक नहीं है। आतंकी हमले के तुरंत बाद से देश भर में कथित सेकुलर- लिबरल गैंग एक्टिव हो गया है। देश के कुछ पेड पक्षकार भी ये साबित करने में लग गए हैं कि ये इस्लामी अटैक नहीं था। लेफ्ट-कांग्रेस इकोसिस्टम के लोग  काम पर लग गए हैं। इन्होंने लोगों को ये समझाना शुरू कर दिया है कि ये हिंदू-मुस्लिम मामला नहीं है। मुस्लिम तो बड़े दयालु होते हैं। मुस्लिमों ने तो पीड़ितों की बढ़-चढ़कर मदद की। मुस्लिमों ने तो मारे गए लोगों के परिवार को खाना-पानी दिया। उन्हें गाड़ी से एयरपोर्ट तक छोड़आ। इनके काम करने का तरीका भी यही है… पहले मारो और बाद में खाना- पानी पिलाकर लोगों की सहानुभूति हासिल करो। इसके बाद कैंडल मार्च निकाल कर ये दिखाओं कि देखो हम कितना शांतिप्रिय समुदाय हैं। आप भी देखिए कांग्रेसी इकोसिस्टम से जुड़े लोग किस तरह से लोगों को बरगलाने में लग गए हैं…

मुम्बई हमले के समय एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी यही काम किया था। आप समझ सकते हैं कि सत्ता के लिए ये लोग इन शांतिप्रिय समुदाय से कितना प्रेम करते हैं।

 

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