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मंगलुरु कुकर ब्लास्ट के पीछे कांग्रेस का हाथ, जांच में कांग्रेस नेता से जुड़े विस्फोट के तार, ईडी ने पूर्व मंत्री किमाने रत्नाकर के दफ्तर पर की छापेमारी

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कांग्रेस पार्टी भारत में आतंकवाद और आतंकियों की मुख्य संरक्षक है। कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति की वजह से ही आतंकियों को भारत में पैर पसारने का मौका मिलता है। इसमें कांग्रेस नेता प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आतंक फैलाने वालों की मदद करते रहते हैं। सरकार जब भी आतंकियों पर शिकंजा कसने की कोशिश करती है कांग्रेस नेता उनके हमदर्द बनकर उनका बचाव करने लगते हैं। देश में जब भी आतंकी घटनाओं की जांच होती है, उसमें किसी ना किसी रूप में कांग्रेस का लिंक सामने आता है। एक बार फिर मंगलुरु कुकर ब्लास्ट मामले में कांग्रेस नेताओं के शामिल होने का खुलासा हुआ है। कुकर बम विस्फोट से जुड़े मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार (11 जनवरी, 2023) को मंगलुरु में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व शिक्षा मंत्री किमाने रत्नाकर के दफ्तर में छापेमारी की। 

मंगलुरु बम धमाका मामले में कांग्रेस नेता के दफ्तर पर छापेमारी

दरअसल राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक प्राथमिकी के आधार पर ईडी के अधिकारी पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज मामले में जांच कर रहे हैं। टीम ने दस्तावेज और सबूत इकट्ठा करने के लिए मंगलुरु में एक इमारत के अलावा कुछ अन्य स्थानों पर छापेमारी की। ईडी जिस इमारत में छापेमारी की, उसमें कांग्रेस पार्टी का एक कार्यालय भी है। बताया जा रहा है कि तीर्थहल्ली स्थित इस इमारत को मंगलुरु बम धमाके के आरोपी मोहम्मद शारिक ने हाशिम को बेची थी। हाशिम ने संपत्ति खरीदने के बाद किमाने रत्नाकर को लीज पर दिया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किमाने रत्नाकर ने 2015 में हाशिम से 10 लाख रुपये का डिपॉजिट कर 1 हज़ार रुपये महीने के किराए पर इमारत को लिया था। जिसका वो अपने दफ्तर के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। 

कुकर बम ब्लास्ट में कांग्रेस पर मिलीभगत का आरोप

ईडी की छापेमारी और मंगलुरु कुकर ब्लास्ट मामले में कांग्रेस नेता का नाम आने पर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि कुकर बम ब्लास्ट में कांग्रेस की मिलीभगत थी, जो अब सामने आ रही है। उन्होंने छापेमारी की खबर को शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, ‘यह आश्चर्य की बात नहीं है कि मंगलुरु कुकर ब्लास्ट आतंकी मामले के साथ एक कांग्रेस लिंक उभर कर सामने आया है। याद रखें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने कर्नाटक में काफी समय बिताया था और कांग्रेस नेताओं को अब प्रतिबंधित कट्टरपंथी आतंकी संगठन पीएफआई के प्रति हमेशा सहानुभूति रही है।’

सिद्धारमैया,शिवकुमार का करीब हैं ISIS आतंकी का पिता

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते गुरुवार को एनआईए ने कर्नाटक के चार जिलों में छापेमारी कर आईएसआईएस के दो आतंकियों रेशान शेख और हुजैर बैग को गिरफ्तार किया था। रेशान शेख उडुपी का रहने वाला है, जबकि हुजैर बैग शिवाकोग्गा का निवासी है। उडुपी से बीजेपी के विधायक रघुपति भट्ट ने बताया कि रेशान शेख, ब्रह्मवार ब्लॉक के कांग्रेस सेक्रेटरी ताजुदिन शेख का बेटा है। उनका आरोप है कि ताजुदीन शेख सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार का काफी करीब है। रघुपति भट्ट ने सवाल किया कि क्या अब कांग्रेस ताजुदीन को पार्टी से बाहर निकालेगी?

आईएसआईएस के संपर्क में थे मुनीर, यासीन और शारीक

एनआईए की जांच में सामने आया कि आईएसआईएस का आतंकी रेशान शेख, माज मुनीर का साथी है। शिवामोग्गा पुलिस ने माज मुनीर को उसके एक और साथी साइड यासीन के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया था कि माज मुनीर, साइड यासीन और शरीक आईएसआईएस के संपर्क में थे और ट्रायल के तौर पर तूंगा नदी के किनारे एक बम धमाका भी किया था। नवंबर में मंगलुरु में हुए बम धमाके के मामले में शारिक को गिरफ्तार किया गया था। बीजेपी विधायक रघुपति भट्ट ने डीके शिवकुमार, सिद्धारमैया और यूटी कादिर से ब्लॉक सेक्रेटरी ताजुदिन शेख के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

पूरे कर्नाटक में बड़े पैमाने पर तबाही मचाने की थी मंशा

मंगलुरु के बाहरी इलाके में पिछले साल 19 नवंबर को एक ऑटो रिक्शा में बम विस्फोट हुआ था। मामले में तिपहिया वाहन में सवार मोहम्मद शारिक मुख्य संदिग्ध है, जो 40 प्रतिशत तक झुलस गया था। शारिक और उसके साथी कथित तौर पर आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट से प्रेरित थे और एप ‘टेलीग्राम’ के जरिए उसके संपर्क में थे। पुलिस ने बताया था कि भारत के बाहर उनके आकाओं ने बम बनाने में उनकी मदद करने के लिए एक दस्तावेज भेजा था। पुलिस के अनुसार, उनकी मंशा पूरे कर्नाटक में बड़े पैमाने पर तबाही मचाने की थी। 

सांप्रदायिक झड़प में शारिक का नाम आया था सामने

शिवमोगा के जिला मुख्यालय शहर में 15 अगस्त, 2022 को एक सार्वजनिक स्थान पर हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की तस्वीर लगाने को लेकर हुई सांप्रदायिक झड़प के मामले में भी शारिक का नाम सामने आया था। पुलिस ने आईएस से प्रेरित आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया था। पुलिस ने मोहम्मद जबीहुल्ला उर्फ चारबी, सैयद यासीन और माज मुनीर अहमद को गिरफ्तार किया था जबकि शारिक ने पुलिस को उस समय चकमा दे दिया था। उस समय यासिन और माज ने पुलिस को बताया था कि शारिक ने उन्हें ‘‘बरगलाया’’ था। ये लोग देश में एक इस्लामिक स्टेट बेस स्थापित करने की योजना बना रहे थे और देश में ‘‘एक खिलाफत स्थापित करना’’ चाहते थे।

आइए देखते हैं कांग्रेस किस तरह आतंकियों और आतंकी संगठनों का पक्ष लेती रही है…

डीके शिवकुमार ने किया शारिक का बचाव, कहा- ‘गलती’ हो सकती है मंगलुरु में कुकर ब्लास्ट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जब तक आतंकवाद को जड़ से उखाड़ कर फेंक नहीं दिया जाता, तब तक भारत चैन से नहीं बैठेगा। वहीं कांग्रेस भारत में आतंकवाद की जड़ें मजबूत करने में लगी है। आज कांग्रेस के नेता आतंकियों का रहनुमा बनकर उनके आतंकी करतूतों पर पर्दा डालने और उनका बचाव करने में लगे हैं। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ब्लास्ट के आरोपी को आतंकवादी कहे जाने पर भड़क गए। उन्होंंने कहा कि मोहम्मद शारिक को बिना जांच के ही आतंकी करार दिया गया। सरकार बिना जांच के ऐसा कैसे कह सकती है। उन्होंने कहा कि पिछले महीने (नवंबर 2022) मंगलुरु में ऑटोरिक्शा में हुआ कुकर बम विस्फोट एक ‘गलती’ भी हो सकती है। 

आतंकी का बचाव, सरकार और पुलिस पर सवाल

डीके शिवकुमार ने विस्फोट के आरोपी के बचाव करते हुए कर्नाटक पुलिस और सरकार पर ही सवाल खड़ा कर दिया। उन्होंने कहा कि बोम्मई सरकार इतनी छोटी सी घटना को आतंकी साजिश करार दिया है। सवाल करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि ‘कौन आतंकवादी है? DGP को कैसे पता चला कि वो आतंकवादी है? बिना जांच के उन्होंने कैसे फैसला कर लिया? उन्होंने क्या जांच की, उन्होंने इतनी जल्दबाजी क्यों की?’ उन्होंने पूछा कि क्या ये मुंबई जैसा अटैक था, पुलवामा जैसा था? वहां ऐसा कुछ नहीं था। अगर यह एक आतंकी हमला था, तो उन्होंने मामले को तुरंत राष्ट्रीय जांच एजेंसी को क्यों नहीं भेजा। बीजेपी सरकार को जनता में दहशत पैदा कर मुख्य मुद्दों से भटकाने की आदत हो गई है।

मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए बेतुका दलील

कांग्रेस नेता ने तर्क दिया कि बम विस्फोट को एक अलग रोशनी में पेश किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि हो सकता है किसी साथी ने गलती की हो। लेकिन इसे अलग तरह से पेश किया जा रहा है। डीके शिवकुमार अब विस्फोट को अलग ही दिशा दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और सरकार द्वारा बनाई गई घबराहट के कारण कोई भी निवेशक मंगलुरु और उडुपी क्षेत्र में निवेश करने में रुचि नहीं रखता है। यह राज्य के विकास के लिए खतरे का संकेत है। इस दलील से पता चलता है कि कांग्रेस नेता को राज्य में जड़े जमा रहे आतंकियों और भविष्य में विस्फोट से जान-माल के होने वाले नुकसान की चिंता नहीं है। दरअसल डीके शिवकुमार को राज्य की छवि की आड़ में मुस्लिम वोटबैंक की चिंता सता रही है।

कर्नाटक के डीजीपी ने विस्फोट को बताया आतंकी साजिश

गौरतलब है कि 19 नवंबर 2022 को कर्नाटक के मंगलुरु में एक ऑटरिक्शा में कुकर बम विस्फोट हुआ था। इस विस्फोट में आरोपी खुद घायल हो गया था और बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पुलिस ने घायल 29 वर्षीय आरोपी शारिक को गिरफ्तार किया था। ऑटो में सवार यात्री शारिक के पास से बैटरी, तार और सर्किट वाला कुकर बरामद हुए थे। तब कर्नाटक के डीजीपी ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा था कि मंगलुरु में ऑटो में जो विस्फोट हुआ है वो दुर्घटनावश नहीं हुआ है बल्कि गंभीर क्षति पहुंचाने के इरादे से की गई एक आतंकी घटना है। इस घटना ने तब और ज्यादा सुर्खियां पकड़ीं जब मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अपने हाथ ले ली।

बालाकोट एयर स्ट्राइल पर सवाल, पाकिस्तान का बचाव

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने कहा था कि पुलवामा हमले के लिए पूरे पाकिस्तान को दोषी ठहराना ठीक नहीं है। बालाकोट एयर स्ट्राइल पर सवाल उठाते हुए इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पित्रोदा ने कहा कि हमले के लिए पूरा पाकिस्तान जिम्मेदार नहीं है। सैम पित्रोदा ने पुलवामा हमले के बारे में कहा, ‘हमले के बारे में मैं ज्यादा कुछ नहीं जानता। यह हर तरह के हमले की तरह है। मुंबई में भी ऐसा हुआ था। हमने इस बार रिएक्ट किया और कुछ जहाज भेज दिए, लेकिन यह सही तरीका नहीं है। मुंबई में (26/11 आतंकी हमला) 8 लोग आते हैं और हमला कर देते हैं। इसके लिए पूरे देश (पाकिस्तान) पर आरोप नहीं लगा सकते हैं।’

राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर खड़े किए सवाल

28-29 सितंबर, 2016 की रात पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना द्वारा किया गया सर्जिकल स्ट्राइक देश के लिए गौरव का विषय था, लेकिन देशद्रोह पर उतर आई कांग्रेसी नेताओं ने इस पर भी सवाल खड़े कर दिए।कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सवाल खड़े करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर ‘खून की दलाली’ करने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि हमारे जिन जवानों ने जम्मू-कश्मीर में अपनी जान दी, सर्जिकल स्ट्राइक की। आप उनके खून की दलाली कर रहे हो, ये बिल्कुल गलत है।

बेरोजगारी के कारण ISIS जैसे संगठन का जन्म- राहुल

जर्मनी के हैम्बर्ग में 22 अगस्त को राहुल गांधी ने यह बयान दिया था कि बेरोजगारी के कारण ISIS जैसे संगठन का जन्म होता है। यानि वे एक तरह से ISIS जैसे संगठन के अस्तित्व को भी जायज ठहरा रहे थे। सवाल उठता है नफरत की बुनियाद और नस्लों के नरसंहार की नीति पर खड़ी होने वाले ISIS को लेकर राहुल गांधी इतने सॉफ्ट क्यों हैं? सवाल यह भी कि क्या कांग्रेस का ISIS जैसे संगठनों से कोई रिश्ता है? दरअसल वोट बैंक के लिए कांग्रेस ने हमेशा ही ऐसी ही अराजकता को हमेशा बढ़ावा दिया है। आजादी के बाद से ULFA, UNLF, सिमी और JKLF जैसे आतंकवादी और अलगाववादी संगठनों के आगे बढ़ने में कांग्रेस की बड़ी भूमिका रही है। 

लश्कर-ए-तैयबा का कांग्रेस कनेक्शन
लश्कर के प्रवक्ता ने कांग्रेस पार्टी के उस बयान का समर्थन किया था, जिसमें पार्टी ने सेना की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। लश्कर के प्रवक्ता अब्दुल्ला गजनवी ने प्रेस रीलीज कर कहा था, ”भारतीय सेना कश्मीर में मासूम लोगों को मार रही है और गुलाम नबी आजाद ने भी इस बात को स्वीकार किया है। कांग्रेस पार्टी ने इसका विरोध किया है, हम कांग्रेस पार्टी का समर्थन करते हैं कि भारतीय सेना अपने ऑपरेशन कश्मीर में बंद करे।”

जाकिर नाइक से कांग्रेस को है ‘मोहब्बत’
इस्लामी कट्टरपंथी धर्म प्रचारक जाकिर नाइक से कांग्रेसी नेताओं के ताल्लुकात रहे हैं। जाकिर नाइक ने कई देशविरोधी कार्य किए, कई देशविरोधी भाषण दिए, लेकिन कांग्रेसी सरकारें उस पर कार्रवाई से कतराती रही। एक बार दिग्विजय सिंह ने जाकिर नाइक को ‘मैसेंजर ऑफ पीस’ बताया था। वाकया साल 2012 का है, जब एक इवेंट के दौरान उन्होंने नाइक के साथ मंच साझा किया था। जाकिर नाइक की संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउडेंशन ने 2011 में राजीव गांधी चैरिटेबुल ट्रस्ट को 50 लाख रुपये चंदे के रूप में दिया था।

आतंकी इशरत जहां पर कांग्रेस ने की राजनीति
15 जून 2004 को अहमदाबाद में एक मुठभेड़ में आतंकी इशरत जहां और उसके तीन साथी जावेद शेख, अमजद अली और जीशान जौहर मारे गए थे। गुजरात पुलिस के मुताबिक उनके निशाने पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी थे, लेकिन केंद्र की सत्ताधारी कांग्रेस सरकार को इसमें भी सियासत दिखी। सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जाने लगी। लेकिन गृह मंत्रालय के पूर्व अंडर सेक्रेटरी आरवीएस मणि ने कांग्रेस की साजिशों की परतें खोल दीं। उन्होंने साफ कहा कि इशरत और उसके साथियों को आतंकी ना बताने का उन पर दबाव डाला गया था।

इससे पहले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और कुछ दिनों के लिए इशरत जहां एनकाउंटर पर बनी एसआइटी की टीम मुखिया सत्यपाल सिंह ने भी कहा था कि उन्हें इशरत जहां के एनकाउंटर झूठा साबित करने के लिए ही एसआइटी की कमान सौंपी गई थी। इतना ही नहीं उन्हें इस एनकाउंटर के तार नरेन्द्र मोदी तक पहुंचने को कहा गया था।

खालिस्तान समर्थकों का हौसला कांग्रेस ने बढ़ाया
आतंकवादी भिंडरावाले ने कांग्रेसी सिख नेताओं, खास तौर से ज्ञानी जैल सिंह की शह पर स्वर्णमन्दिर परिसर में स्थित अकाल तख्त पर कब्जा कर लिया था और वहां सैकड़ों हथियारबन्द आतंकियों ने अपना अड्डा बना लिया था। यह 1982-83 का समय था, जब पंजाब में कांग्रेस के दरबारा सिंह की ही सरकार थी। बात जब देश के टुकड़े करने तक बढ़ गई तो ऑपरेशन ब्लू स्टार करना पड़ा, जिसमें 492 आतंकवादी ढेर किए गए थे, जबकि देश के 83 सैनिक भी शहीद कर दिए गए थे।

पत्थरबाजों का समर्थन करती है कांग्रेस
जब सेना के मेजर गोगोई ने पत्थरबाज को जीप पर बांधकर सेना के दर्जनों जवानों की जान बचाई तो कांग्रेस ने इस पर भी राजनीति की। जिस आतंकी बुरहान वानी को भारतीय सेना ने एनकाउंटर कर ढेर कर दिया उसे कांग्रेस पार्टी जिंदा रखने की बात कहती है। कश्मीर में पार्टी के नेता सैफुद्दीन सोज ने कहा कि उनका बस चलता तो वह आतंकी बुरहान वानी को जिंदा रखते।

अफजल-याकूब का समर्थन करती है कांग्रेस
संसद पर हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु की फांसी पर भी कांग्रेस ने पॉलटिक्स की थी। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा था कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु को फांसी देना गलत था और उसे गलत तरीके से दिया गया। कांग्रेस के नेता दिग्विजय सिंह ने अफजल गुरु को अफजल गुरुजी कहकर पुकारा था। इतना ही नहीं यही कांग्रेस है जिनके नेताओं ने याकूब मेनन की फांसी पर भी आपत्ति जताई थी। काग्रेस नेताओं के समर्थन पर ही प्रशांत भूषण ने रात में भी सुप्रीम कोर्ट खुलवा दिया था।

कश्मीर के अलगावादियों से कांग्रेस के हैं रिश्ते
कश्मीर में लगातार बिगड़ते माहौल के पीछे काफी हद तक अलगाववादी नेताओं का ही हाथ है। अलगाववादी नेताओं को लगातार उनके पाकिस्तानी आकाओं से मदद मिलती है और वह यहां कश्मीरी लड़कों को भड़काते हैं। NIA की की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2005 से लेकर 2011 के बीच अलगाववादियों को ISI की ओर से लगातार मदद मिल रही थी। 2011 में NIA की दायर चार्जशीट के अनुसार हिज्बुल के फंड मैनेजर इस्लाबाद निवासी मोहम्मद मकबूल पंडित लगातार अलगाववादियों को पैसा पहुंचा रहा था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस पर कोई कठोर निर्णय नहीं लिया था।

आतंकवादियों के लिए सोनिया गांधी के निकले आंसू
सितंबर 19, 2008 को दिल्ली के जामिया नगर इलाके में मुठभेड़ हुई। इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकवादी मारे गए। दो अन्य भाग गए, जबकि जीशान को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मुठभेड़ में दिल्ली पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए। हालांकि कांग्रेस ने इसे फर्जी बताने की पूरी कोशिश की। 2012 में यूपी चुनाव के दौरान सलमान खुर्शीद ने मुसलमानों से कहा, “आपके दर्द से वाकिफ हूं। जब बाटला हाउस कांड की तस्वीर सोनिया गांधी को दिखाई थी। तस्वीरें देखकर उनकी आंखों में आंसू आ गए थे।”

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