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कर्ज में गले तक डूबे पंजाब में सजने लगी ‘मुफ्त’ के चुनावी वादों की दुकान,  कांग्रेस और केजरीवाल के बीच सब मुफ्त करने की होड़, लेकिन सिद्धू खोल रहे हैं पोल

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सीधे-सीधे आंकड़ों में बात करें तो पंजाब सरकार पर 31 मार्च 2022 तक तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज होने जा रहा है। वित्तीय स्थिति के हालात यह हैं कि पंजाब के पास अपने सारे संसाधनों से 72,042 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। दूसरी ओर, पंजाब सरकार पर जो कर्ज चढ़ा है, उसके ब्याज की अदायगी, कर्मचारियों के वेतन, सरकार द्वारा दी जा रही पावर सब्सिडी, बुढ़ापा व सामाजिक पेंशन पर 70,000 करोड़ रुपये खर्च होते है। मतलब पंजाब की आर्थिक सेहत बहुत खराब है। इसे तुरंत बूस्टर डोज की जरूरत है। लेकिन कांग्रेस और केजरीवाल कुछ और ही देने में लगे हैं।

कांग्रेस और केजरी झूठे वादों की रेवड़ियां बांटने में लगे हैं
पंजाब के गले तक कर्ज में डूबने की हकीकत को जानते-बूझते हुए भी सत्तासीन कांग्रेस सरकार के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के बीच मुफ्त के वायदे सजाने की मानो होड़ लगी है। कौन मुफ्त के ज्यादा के ज्यादा वादे (मगर खोखले) करता है। दोनों नेता जनता को भरमाने के लिए झूठे वादों की रेवड़ियां बांटने में लगे हैं। दिल्ली गवाह है कि केजरीवाल किस तरह वादे करके उनसे मुकर जाते हैं। पता नहीं, महिलाओं को देने के लिए करोड़ों रुपया कहां से आएगा ?
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मार्च 2022 तक बिजली की कीमत तीन रुपये यूनिट करने की घोषणा की है तो दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के कन्वी नर अरविंद केजरीवाल ने 300 यूनिट फ्री बिजली की घोषणा। केजरीवाल ने तो मुफ्त देने के मामले में एक कदम और आगे बढ़ा दिया है। उन्होंने घोषणा कर दी है कि पंजाब में यदि उनकी सरकार बनी तो वह 18 वर्ष से ऊपर की सभी युवतियों व महिलाओं को 1000 रुपये महीना देंगे।महिलाओं के लिए ही 12 हजार करोड़ से ज्यादा की आवश्यकता होगी
केजरीवाल के वायदे पर अगर गौर किया जाए तो इसे लागू करना पत्थर के चने चबाने जैसा है। जनगणना के आधार पर आंकलन करें तो पंजाब में वर्तमान में 99.08 लाख युवतियां और महिलाएं 18 वर्ष से ऊपर की हैं। अभी फाइनल वोटर सूची चुनाव आयोग को जारी करनी है। अनुमान है कि फाइनल वोटर सूची जारी होने पर यह संख्या एक करोड़ से ऊपर चली जाएगी। अगर सभी महिलाओं को एक हजार रुपये दिए गए तो माह में 1000 करोड़ और वर्ष में 12,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।

क्या पंजाब की आर्थिक सेहत इस बोझ को बर्दाश्त कर पाएगी ?
वर्तमान में पंजाब सरकार 20,315 करोड़ रुपये ब्याज कर की अदायगी कर रही है व इसके चुनावी वर्ष होने के कारण और भी बढ़ने की उम्मीद है। ऐसे में अगर केजरीवाल चुनाव जीत जाते हैं (जिसकी संभावना नगण्य है) तो वह अपने 300 यूनिट फ्री बिजली और 1000 रुपये महिलाओं को देने के वायदे को पूरा करेंगे तो उसमें ही प्रत्येक माह 11,200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। पंजाब की वर्तमान आर्थिक सेहत इस बोझ को हरगिज बर्दाश्त नहीं कर पाएगी।कांग्रेस की तरह सिर्फ कागजी वादे करने में ही यकीन
अब आइये, चुनावी चाशनी में लपेटकर आ रहे चन्नी के वादों पर भी एक नजर डालते हैं। चन्नी ने बिजली की कीमत तीन रुपये यूनिट करने की घोषणा की है। चन्नी ने यह नहीं बताया कि इतनी महंगी बिजली खरीदकर लोगों को सस्ती बिजली देने में करोड़ों के अतिरिक्त बोझ की भरपाई कैसे करेंगे ? या वह भी कांग्रेस की तरह सिर्फ कागजी वादे करने में ही यकीन करते हैं। 2017 में कांग्रेस पार्टी ने भी किसानों का कर्जमाफी करने की घोषणा की थी। किसानों के ऊपर 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज था। जबकि कांग्रेस सरकार करीब पौने पांच साल में सिर्फ 4700 करोड़ रुपये का ही कर्ज माफ कर सकी है।

चन्नी की हकीकत को बेपर्दा करने के लिए नवजोत सिंह सिद्धू ही काफी!
वैसे चन्नी की हकीकत को बेपर्दा करने के लिए मीडिया या विपक्ष की जरूरत नहीं है। उनके अपने कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ही आईना दिखाने के लिए काफी हैं। सिद्धू ने पूछा कि अगर पंजाब के पास खजाना है तो इंडस्ट्री को सब्सिडी दो। उन्होंने कहा कि पंजाब में 5.40 लाख करोड़ टैक्स आता है। इनमें 75% सिर्फ इंडस्ट्री से मिलता है। फिर पंजाब में इंडस्ट्री क्यों नहीं आ रही। हिमाचल प्रदेश में क्यों जा रही है ? पंजाब 17-18वें नंबर पर क्यों है?खजाना भरे होने की बात बिल्कुल झूठ, पैसा है तो वेतन-पेंशन दो
सिद्धू ने कहा कि अगर कोई आपको कहता है कि पंजाब का खजाना भरा है तो यह झूठ है। अगर ऐसा है तो ईटीटी टीचरों को 50-50 हजार वेतन दे दो। 2004 से जिन्हें पेंशन नहीं मिली, उन्हें पेंशन दे दो। क्या पंजाब के पास 50 हजार करोड़ रुपए सरप्लस है। दिल्ली और तमिलनाडु के पास है। सिद्धू ने कहा कि एजेंडों पर वोट डालो, किसी के लॉलीपॉप पर नहीं। सिद्धू ने कहा कि पंजाब के हालात यह हैं कि हम कर्जा लेकर कर्जा भर रहे हैं।सिद्धू के शॉट चन्नी सरकार के दिवाली गिफ्ट में बताया ‘लॉलीपॉप’
पंजाब में बिजली 3 रुपए सस्ती कर मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने इसे दिवाली गिफ्ट बताया था। उसे ही सिद्धू बुलंद आवाज में झूठ और फरेब बता रहे हैं। सिद्धू ने करारी चोट करते हुए कहा कि पौने 5 साल मौज कर आखिरी 2 महीने में लॉलीपॉप बांटे जा रहे हैं। सत्ता में आना है और उसके लिए झूठ बोलना है। 500 झूठे वादे कर सत्ता हासिल करने की कोशिश की जा रही है। सिद्धू ने कहा कि पंजाब में अब राजनीति मिशन नहीं, धंधा बन चुकी है। सिद्धू के करारे शॉट पर चन्नी सरकार बगलें झांकने को मजबूर हो गई है। चरणजीत चन्नी के दिवाली गिफ्ट का सिद्धू ने दिवाला निकाल दिया है। 

मुख्यमंत्री से पूछा कि जो सब्सिडी दोगे, वह पैसा कहां से आएगा ?
सीएम के इस दिवाली गिफ्ट की हवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू ने निकाल दी है। सिद्धू ने करारी चोट करते हुए कहा कि पौने 5 साल मौज कर आखिरी 2 महीने में लॉलीपॉप बांटे जा रहे हैं। उन्होंने बगैर नाम लिए  सिद्धू ने कहा कि पंजाब के विकास का रोड मैप क्या है? यह नेताओं को बताना चाहिए। सिद्धू ने सीएम चन्नी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से कुछ देर पहले ही यह निशाना साधा। हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम चन्नी ने कहा कि कुछ लोग जरूर सोचेंगे कि यह सब चुनाव की वजह से किया जा रहा है, लेकिन ऐसा नहीं है।

फैसला करना होगा- चोर को बिठाना है या ईमानदार को
सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी नहीं बख्शा। सिद्धू ने कहा कि जो कहते थे, मेरी सरकार और मेरा पंजाब है, उन्हें उठाकर फेंक दिया। उन्होंने कहा कि सीएम और मंत्री एक्स हो जाते हैं, लेकिन कार्यकर्ता हमेशा ताकतवर रहता है। सिद्धू ने इशारों में यह भी स्पष्ट किया कि अगले चुनाव में वह पंजाब के सीएम पद के दावेदार होंगे। सिद्धू ने कहा कि लोगों को फैसला करना है कि किसी चोर को बिठाना है या फिर ईमानदार को। उन्होंने कहा कि इस बार पंजाब को पार्टियों से ऊपर उठकर वारिस को चुनना होगा।

वादा चार हफ़्ते में नशे का खात्मा.. नतीजा :पौने पांच साल में और बढ़ गयानशा पंजाब में बड़ा मुद्दा रहा है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भटिंडा में प्रचार के दौरान हाथ में गटका साहिब उठा कर सरकार बनने पर चार हफ़्तों में नशा खत्म करने का वादा किया था…पर हकीकत यह है कि पंजाब में ड्रग्स का कारोबार अब भी जारी है. नवजोत सिंह सिद्धू और डिप्टी सीएम बने सुखजिंदर रंधावा तो पंजाब में नशे खासकर चिट्टे के लिए पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया को सीधे दोषी ठहराते हुए उन्हें जेल में डालने की मांग करते रहे हैं। सिद्धू खेमा कैप्टन अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाता रहा है कि उन्होंने जानबूझकर मजीठिया के खिलाफ सख्ती बरतने के ऑर्डर नहीं दिए। कैप्टन के कार्यकाल के दौरान विभिन्न जिलों में 50 से ज्यादा युवाओं की नशे से मौत के मामले दर्ज हुए हैं। यह संख्या और ज्यादा हो सकती है, क्योंकि ऐसे ज़्यादातर मामलों में पुलिस रिपोर्ट दर्ज नहीं होती। कांग्रेस सरकार ने ड्रग्स के ख़िलाफ़ बड़ी मुहिम कभी छेड़ी ही नहीं।कर्ज के कारण किसानों की खुदकुशी अब भी जारी
कृषि प्रधान प्रदेश पंजाब का भूमिपुत्र बुरी तरह के कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। कर्ज पर कर्ज बढ़ने से परेशान किसान खुदकुशी को मजबूर है। कांग्रेस ने सत्ता पाने के लिए वादा किया कि वह किसानों की जान बचाने के लिए सारे जतन करेंगे। साढ़े चार साल के बाद भी न तो किसानों की कर्जमाफी हो पाई और न ही उन्हें अन्य मुश्किलों से छुटकारा मिल पाया है। इसके कारण पंजाब में किसानों की खुदकुशी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।‘मुफ्त’ कंबल के लिए तो बहुत सारा ऊन तो ‘भेड़ों’ से ही आएगा
कर्जमाफी से लेकर मुफ्त्त सुविधाएं देने की घोषणा करने की होड़ के बीच से लघुकथा याद आती है। एक बार एक शेर, भेड़ों के झुंड को संबोधित कर रहा था। शेर ने कहा, मेरी सरकार बनी तो मैं सभी भेड़ों को मुफ्त में कंबल दूंगा। जोर-जोर से तालियां बनने लगीं। एक मेमना ने अपनी मां से पूछा। इतने कंबल के लिए तो बहुत सारा ऊन लगेगा। यह ऊन कहां से आएगा। मां ने जवाब दिया, निकाला तो हम ही से जाएगा। 2022 के विधान सभा चुनाव के लिए मुफ्त की घोषणा करने वालों पर यह कहावत फिट बैठती है। वैसे भी वादे करने में क्या जाता है…न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी !!

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