छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव हैं और कांग्रेस सरकार के राज में बेखौफ नक्सली पिछले चुनाव को चार कदम आगे आकर दोहरा रहे हैं। याद कीजिए कि 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के भीमा मंडावी ने दंतेवाड़ा में जीत दर्ज की थी। यहां आसपास की 11 सीट में कांग्रेस का कब्जा कर लिया। लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में भीमा मंडावी पर नक्सलियों ने बड़ा अटैक किया। उनके काफिले को बम से उड़ा दिया। इसमें उनके सुरक्षाकर्मियों के साथ भीमा मंडावी की भी मौत हो गई। जिस सीट को कांग्रेस सीधे नहीं जीत पाई, उस पर उप चुनाव कराकर कब्जा जमा लिया। भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी ने उप चुनाव लड़ा, लेकिन सत्तारूढ़ कांग्रेस की मशीनरी के बलबूते कांग्रेस की देवती कर्मा जीत गईं। अब फिर इसी साल में विधानसभा चुनाव से पहले उससे भी खतरनाक खेल खेला जा रहा है। पिछले एक माह में ही कांग्रेस के राज में चार बीजेपी नेताओं की हत्या हो चुकी है। भूपेश सरकार इस पर कोई कार्रवाई करने के बजाए सिर्फ राजनीति-राजनीति खेल रही है।बीजेपी नेताओं पर हमला सरकार और ब्यूरोक्रेसी की सुनियोजित साजिश
राज्य में एक के बाद एक पार्टी नेताओं के हत्या से बीजेपी का आक्रोशित होना स्वाभाविक है। आक्रोश इसलिए और भी ज्यादा है, क्योंकि हत्यारे नक्सलियों के खिलाफ राज्य सरकार कोई कार्रवाई भी नहीं कर रही है। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह कोई इत्तेफाक नहीं है, बल्कि सोची समझी सुनियोजित साजिश के तहत बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओ को निशाना बनाया जा रहा है। यह सिर्फ हत्या नहीं, बल्कि टारगेट किलिंग है। इसमें सरकार और ब्यूरोक्रेसी के इशारे पर सिर्फ बीजेपी नेताओं को ही निशाना बनाया जा रहा है। कांग्रेस यह समझ चुकी है कि अब वह सत्ता से बाहर हो रही है तो पैर उखड़ते देख कांग्रेस के हाथ फूल गए हैं और वह बस्तर में चुनाव जीतने के लिए रक्तपात का सहारा ले रही है।राज्य में एक माह के दौरान ही चार भाजपा नेताओं की ले ली जान
•11 फरवरी : दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने पूर्व सरपंच रामधर की गला रेतकर हत्या कर दी।
•10 फरवरी : नारायणपुर के छोटे डोंगर में भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सागर साहू की गोली मारकर हत्या की गई।
•5 फरवरी : बीजापुर जिले के आवापल्ली इलाके के एक गांव में मंडल अध्यक्ष नीलकंठ कक्केम को नक्सलियों ने मारा था।
•16 जनवरी : कांकेर में भाजपा नेता बुधराम करटाम की संदिग्ध मौत हुई थी। उनका शव घर से कुछ दूर सड़क किनारे मिला था।दंतेवाड़ा में बीजेपी नेता और पूर्व सरपंच को अगवा करके मौत के घाट उतारा
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने रविवार को फिर एक भाजपा नेता की हत्या कर दी। दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों ने पूर्व सरपंच का शनिवार देर रात गला रेत दिया। बताया जा रहा है कि नक्सली कई दिनों से उसे धमकी दे रहे थे। हत्या के बाद नक्सलियों ने वहां पर्चे भी फेंके हैं। पूर्व सरपंच भाजपा की मंडल कार्यसमिति का सदस्य था। जानकारी के मुताबिक, दंतेवाड़ा जिले के हितामेटा गांव का पूर्व सरपंच रामधर अलामी (50) किसी पारिवारिक काम से हांदावाड़ा जलप्रपात के पास नक्सल प्रभावित गांव थुलथुली गया था। इसके बाद नक्सलियों ने उसको अगवा कर लिया था। कुछ घंटे बाद ही नक्सलियों ने धारदार हथियार से उसका गला रेत दिया। हत्या के बाद नक्सली पास के ही गांव हिकुल के जंगल में शव फेंककर भाग गए। स्थानीय लोगों ने शव देखा तो पुलिस को सूचना दी। जिला अध्यक्ष चैतराम अटामी ने बताया कि, रामधर 15 सालों से भाजपा का सक्रिय नेता था। नक्सली पिछले सात दिनों में बस्तर में तीन भाजपा नेताओं को मार चुके है।
कांग्रेस बस्तर में विधानसभा चुनाव जीतने के लिए ले रही रक्तपात का सहारा-बीजेपी
पार्टी कार्यालय में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रेस कांफ्रेंस में नेताओं की लगातार हत्या को लेकर कांग्रेस पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में अपनी पराजय सुनिश्चित देखकर कांग्रेस पार्टी बीजेपी कार्यकर्ताओं की टारगेट किलिंग के षड्यंत्र पर उतर आई है। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने नक्सलियों द्वारा बीजेपी नेताओं की हत्या की जानकारी देते हुए कहा कि बस्तर जिला मंत्री बुधराम करटाम की हत्या, बीजापुर जिले में मंडल अध्यक्ष नीलकंठ कक्केम को जंगल में घेरकर उनके परिवार के सामने नृशंस हत्या की गई। नारायणपुर के जिला उपाध्यक्ष सागर साहू की छोटेडोंगर में घर में घुसकर गोली मारकर हत्या की गई फिर दंतेवाड़ा में पूर्व सरपंच रामधर अलामी की धारदार हथियार से हत्या की गई है। साव ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं को प्रशासन के राजनीतिकरण के जरिए मौत के घाट उतारा जा रहा है। पिछले एक माह में बीजेपी के 4 जुझारू संकल्पशील कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है। कांग्रेस बस्तर में चुनाव जीतने के लिए रक्तपात का सहारा ले रही है।बीजेपी नेताओं की हत्या पर कई जगह मशाल जुलूस निकालकर जताया आक्रोश
भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में नक्सल हिंसा की वजह से गुस्सा है। रायपुर में जिला अध्यक्ष जयंती भाई पटेल की अगुवाई में मशाल लेकर भाजपा कार्यकर्ता जयस्तंभ चौक पहुंचे। हाथों में जलती हुई मशाल थी, और सभी नेताओं ने नक्सल हिंसा का विरोध करते हुए इसका जिम्मेदार कांग्रेस को ठहराया। धमतरी और बिलासपुर जैसे शहरों में भी भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता मशाल लेकर सड़कों पर उतरे। नारायणपुर जिले में भी भाजपा जिला उपाध्यक्ष कि नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसका विरोध रविवार को प्रदेश के अलग-अलग बड़े शहरों में देखने को मिला। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मशाल रैली निकाली और कांग्रेस के खिलाफ जमकर सड़कों पर नारेबाजी भी की। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा महामंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि कांग्रेस की रक्तपात की राजनीति को यहां की शांतिप्रिय जनता ने नकार दिया है। आदिवासी और पिछड़े वर्ग के नेताओं की हत्या के विरोध में पूरे प्रदेश में आयोजित मशाल रैली को भारी समर्थन देकर कांग्रेस को संदेश दे दिया है कि उनकी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए जनता तैयार है।