Home समाचार बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में बीजेपी का सवाल- ममता दीदी कब छोड़...

बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में बीजेपी का सवाल- ममता दीदी कब छोड़ रही है राजनीति, 12 साल पुरानी कसम दिलाई याद

SHARE

दिल्‍ली की एक अदालत ने बाटला हाउस एनकाउंटर मामले में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी आरिज खान उर्फ ​​जुनैद को दोषी करार दिया है। अदालत के इस फैसले के बाद बीजेपी ममता बनर्जी पर आक्रामक हो गई है। ममता पर निशाना साधते हुए बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सवाल किया है कि ममता कब राजनीति छोड़ रही हैं। मुस्लिम वोटों के तुष्टिकरण के लिए ममता बनर्जी सरीखे तमाम नेता ऐसे रहे हैं, जिन्होंने इस एनकाउंटर में मारे गए दोषियों से ही संवेदना जताते हुए बयान दिए थे।

ममता बनर्जी ने 17 अक्टूबर, 2008 को दिल्ली के जामिया नगर में एक सभा को संबोधित करते हुए बटला हाउस के एनकाउंटर को फर्जी बताया था। ममता उस वक्त तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष थीं और पश्चिम बंगाल में उस वक्त वाम दलों की सरकार थी। ऐसे में ममता ने जामिया नगर की इस सभा में कहा कि बटला हाउस का एनकाउंटर एक फेक ऑपरेशन था और अगर वो गलत साबित हुईं तो राजनीति छोड़ देंगी। ममता ने इस ऑपरेशन की जूडिशल एंक्वायरी कराने की भी मांग की थी।

केंद्रीय कानून मंत्री और बीजेपी प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने 9 मार्च, 2021 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि एक खास तबके के वोट के लिए इन राजनीतिक दलों ने दिल्ली पुलिस का मनोबल तोड़ा और आतंकवादियों का साथ दिया। केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेताओं के बयान याद दिलाते हुए कहा कि इन्होंने वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए देश की सुरक्षा ताक पर रख दी। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस का मनोबल गिराने और आतंकवादियों व उनकी साजिशों को स्पष्ट समर्थन देने के लिए बाटला हाउस मुठभेड़ की हकीकत पर जानबूझ कर और लगातार गंभीर संदेह व्यक्त किया गया था। क्यों? शुद्ध वोट बैंक की राजनीति के लिए।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बटला हाउस मामले को समाजवादी पार्टी, आप के अरविंद केजरीवाल, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस, वामपंथी दलों और ममता बनर्जी ने इसी तरह का रुख अपनाया था। उन्होंने पूछा, ‘क्या ये पार्टियां आज माफी मांगेंगी? क्या सोनिया गांधी और ममता बनर्जी माफी मांगेंगी? क्या वोट बैंक की राजनीति के लिए आतंकवाद के खिलाफ मुहिम को कमजोर किया जाएगा?’ प्रसाद ने कहा कि अदालत के फैसले ने मामले का पटाक्षेप कर दिया है और यह अदालत और पुलिस की विजय है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल देश की सुरक्षा और आतंकवाद की लड़ाई के मामले में आतंकियों के पक्ष में खड़े हुए और दिल्ली में आतंकी हमले में पुलिस का मनोबल तोड़ने की कोशिश की गई।

गौरतलब है कि 13 सितंबर, 2008 को दिल्‍ली में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इस हमले में 29 लोग मारे गए थे जबकि करीब 160 लोग जख्‍मी हुए थे। जांच में पता चला था कि इस धमाके में इंडियनमुजाहिद्दीन का हाथ है। जांच आगे बढ़ी तो ये सामने आया कि आतंकी दिल्‍ली के जामियानगर स्थित बाटला हाउस में छिपे हैं। पुलिस जब वहां तलाशी करने पहुंची तो आतंकियों ने पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। आतंकियों की तरफ से इस फा‍यरिंग में इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा शहीद हो गए जबकि दो पुलिस वाले घायल हो गए। वहीं पुलिस की गोलियों से दो आतंकवादी मारे गए जबकि दो बचकर भाग निकले थे। बाद में फरार आरिज खान को 2018 में नेपाल बार्डर से गिरफ्तार किया गया था। आजमगढ़ जिले के रहने वाले आरिज को अदालत ने 8 मार्च, 2021 को दोषी ठहराया। 15 मार्च को उसे सजा सुनाई जाएगी।

 

Leave a Reply