एक मशहूर कहावत है-जब रोम जल रहा था, तो नीरो सुख और चैन की बाँसुरी बजा रहा था।” यह कहावत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी लागू होता है। बिहार की जनता ने 2020 के विधानसभा चुनाव में जंगलराज से मुक्ति के लिए नीतीश कुमार पर भरोसा जताया था, लेकिन अपने क्षुद्र राजनीतिक स्वार्थ के लिए नीतीश ने जनता का भरोसा तोड़ दिया और अगस्त 2022 में जंगलराज की वापसी के सूत्रधार बन गए। महागठबंधन की सरकार आते ही हालात खराब होने लगे। इसमें जातीय जनगणना ने आग में घी डालने का काम किया है। आज पूरा बिहार जाति की आग में जल रहा है। इसका वीभत्स रूप छपरा में देखने को मिला, जहां राजपूत जाति के तीन युवकों की मॉब लिंचिंग ने पूर देश को झकझोर दिया है। वहीं नीतीश कुमार कानून और व्यवस्था को ताक पर रखकर समाधान यात्रा में व्यस्त है।
आज छपरा नरसंहार के पीड़ित राहुल कुमार सिंह और आलोक कुमार सिंह को देखने रूबन हास्पिटल गये और परिवार से मिलकर प्रशासन को अपराधियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया ।#छपरा_हत्याकंड#राजपूत_नरसंहार_छपरा pic.twitter.com/oQtIxCw9vt
— Chetan Anand Singh (@ChetanAmohanRJD) February 5, 2023
दरअसल गुरुवार (02 फरवरी, 2023) को छपरा के मुबारकपुर पंचायत के एक पोल्ट्री फार्म में बंधक बनाकर राजपूत बिरादरी के तीन युवकों की लाठी डंडों से पिटाई की गई। मुखिया पति विजय यादव के लठैतों ने तीनों युवकों की बेरहमी से पिटाई की, जिसमें 35 साल के अमितेश की मौत हो गई, जबकि दो युवकों को गंभीर हालत में इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती करवाया गया। जहां दोनों जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। इस घटना के बाद जहां आरोपी मुखिया पति विजय यादव और उनके समर्थक फरार हो गए, वहीं पीड़ित पक्ष के लोगों ने जमकर हंगामा किया। इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है,जिसमें कुछ युवक तीन युवकों को लाठियों से पिटते नजर आ रहे हैं।
#बिहार की चाचा भतीजे की सरकार में कानून व्यवस्था स्वाहा!
छपरा में मुखिया की दबंगई देखी गयी
गोली चलाने का आरोप लगाकर तीन युवकों की जमकर की पिटाई हैवानियत की हद पार।
पिटाई से एक युवक की मौत दो गंभीर पटना में चल रहा है इलाज। #बिहार #जंगलराज pic.twitter.com/sZ6x6RIh6n
— जितेन्द्र कुमार (@HinduJitendra6) February 6, 2023
तीन युवकों की पिटाई का यह वीडियो वायरल होने के बाद पूरे इलाके में तनाव फैल गया। आक्रोशित लोगों ने रविवार को मुबारकपुर पंचायत के सीधरिया टोला में मुखिया पति विजय यादव के घर और पोल्ट्री फार्म में आग लगा दी। इससे घर के सामान जल गए। वहीं गुस्साई भीड़ ने घर में भी तोड़फोड़ की। इसके अलावा उपद्रवियों ने तीन अन्य घरों को भी आग के हवाले कर दिया। इस दौरान भीड़ ने वहां खड़े ट्रक, ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल को भी निशाना बनाया और उनमें आग लगा दी। उग्र भीड़ के पत्थराव से एक महिला और एक पुलिसकर्मी घायल हो गए।
बिहार के छपरा में आगजनी, प्रदर्शनकारियों ने घरों और गाड़ियों में लगाई आग#fire #bihar #Chhapra #NewsIndia @NitishKumar @yadavtejashwi @biharpolice @bihar_police pic.twitter.com/YeaFPIBurn
— Rashmi Srivastava (@RashmSrivastava) February 5, 2023
बिगड़ते हालात को देखते हुए पुलिस ने सारण के मांझी थाना में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 लागू कर दी है। इसके साथ ही प्रशासन ने जिले के बाहर से भी BSAP, STF आदि बलों को मंगाकर भारी संख्या में इलाके में तैनात कर दिए हैं। इसके अलावा पुलिस ने कानून-व्यवस्था को भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। पुलिस ने उपद्रव करने वाले को चिह्नित करके एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया। पुलिस की ओर से कहा गया है कि इलाके में वीडियोग्राफर तैनात कर दिए गए हैं। गड़बड़ी करने वाले लोगों एवं उनमें संलिप्त लोगों की लगातार वीडियो बनाए जा रहे हैं।
बिहार: छपरा के मांझी में एक युवक की हत्या के बाद आक्रोशित लोगों ने मुखिया प्रतिनिधि के घर और पोल्ट्री फार्म में आग लगाई।
SP गौरव मंगला ने बताया,”हत्या के मामले में 2 लोगों को गिरफ़्तार किया है। अन्य को चिन्हित कर पकड़ने का प्रयास कर रहे हैं।जनता से शांति बनाने की अपील करते हैं।” pic.twitter.com/EEHE1g6KoJ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 5, 2023
पुलिस की इस कार्रवाई पर मृतक अमितेश के पिता ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया और इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि महिला मुखिया के पति ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर हत्या की घटना को अंजाम दिया। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा खेत में पानी देने निकला था। बंधक बनाकर उसकी हत्या की गई। अमितेश की मौत के बाद पुलिस अभिरक्षा में शुक्रवार की दोपहर शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया गया। अमितेश कुमार सिंह इलेक्ट्रॉनिक दुकान चलता था। उसकी तीन साल पहले शादी हुई थी। वहीं, अन्य दो युवकों में राहुल कुमार सिंह (23) और आलोक कुमार सिंह (25) शामिल हैं।
छपरा में हुई मॉब लिंचिंग का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस पूरे मामले पर लोजपा रामविलास के प्रवक्ता डॉ. विनीत सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के राज्य में कुछ ही जातियों को विशेषाधिकार प्राप्त है। बाकी जातियां राम भरोसे है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब प्रताड़ित परिवार पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी की। पीड़ितों की काफी मिन्नतों के बाद एफआईआर दर्ज की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस डरती है, क्योंकि मुखिया पति विजय यादव और स्थानीय विधायक का रसूख हावी है। मुबारकपुर गांव में पूर्व से राजनीति विवाद को लेकर विवाद होता रहा हैं। मुखिया प्रतिनिधि विजय यादव पूर्व से ही लूट, हत्या और मारपीट के कई मामले में नामजद है।
छपरा में लगी जातीय आग पर अगर समय रहते काबू नहीं पाया गया तो यह आग पूरे राज्य में फैल जाएगी। जिस तरह सोशल मीडिया पर दोनों तरफ से भड़काऊ बयान दिए जा रहे हैं, वो राज्य में शांति के लिए काफी खतरनाक है। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी समाधान यात्रा में व्यस्त है। अभी तक इस मामले में उनका बयान नहीं आया है। हाजीपुर में चिराग पासवान ने बिहार में बढ़ रहे आपराध को लेकर नीतीश कुमार पर हमला बोला। छपरा में हुए मॉब लिंचिंग की घटना को चिराग पासवान ने शर्मनाक बताया। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराध चरम सीमा पर है। अपराधियों के अंदर कोई डर नहीं है। लाठी-डंडे, लात-घूसे से लोगों को मारा पीटा जा रहा है। उधर, बिहार के मुख्यमंत्री समाधान यात्रा पर हैं। उन्होंने सवाल किया कि नीतीश कुमार जी बताएं बिहार में हो रही हत्याओं को रोकने के लिए कोई समाधान है क्या?
उधर दलित की हत्या पर हाय-तौबा मचाने वाले और मुहब्बत की दुकान खोलने वाले राहुल गांधी मौन है। महागठबंधन की सरकार में कांग्रेस भी शामिल है, लेकिन राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था और जातियों के बीच बढ़ रही नफरत पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की चुप्पी राज्य और देश के लिए काफी खतरनाक है। वहीं सेक्युलर और लिबरल गैंग भी मौन है, जो एक दलित और अल्पसंख्यक की मॉब लिंचिंग की घटना पर मीडिया से लेकर सड़क तक तूफान खड़ा कर देता है। लेकिन छपरा की यह मॉब लिंचिंग उन्हें दिखाई नहीं दे रही है, क्योंकि लिंचिंग करने वाला यादव जाति का है और जिनका लिंचिंग किया गया है, वो सवर्ण जाति से संबंध रखते हैं।