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सेक्युलर गैंग को तमाचा, सहिष्णुता में अमेरिका, रूस और जापान से कहीं आगे है भारत

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टॉलरेंस के नाम पर देश को बदनाम करने वाले सेक्युलर गैंग को करारा तमाचा लगा है। भारत सहिष्णुता के मामले में अमेरिका, रूस, फ्रांस और जापान से कहीं आगे है। कुछ तथाकथित सेक्युलर पक्षकार पिछले कुछ दिनों से इस तरह की अफवाह फैला रहे थे कि देश दिन पर दिन असहिष्णु होता जा रहा है और साल 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद से देश में असहिष्णुता का दौर तेजी से बढ़ा है। बीबीसी और इप्सोस मोरी द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार भारत दुनिया का चौथा सबसे सहिष्णु देश है। देश के 63 प्रतिशत लोग मानते हैं कि यहां एक-दूसरे के प्रति लोग बहुत सहिष्णु हैं।

बीबीसी और इप्सोस मोरी की ओर से जारी इस सूची में कनाडा शीर्ष पर जबकि हंगरी सबसे नीचे है। सूची में दूसरे स्थान पर चीन और तीसरे स्थान पर मलेशिया है। अध्ययन के अनुसार 53 प्रतिशत भारतीय मानते हैं कि अलग पृष्ठभूमि, संस्कृति और विचारों के लोगों के बीच घुलने-मिलने से आपसी समझ और सम्मान बढ़ते हैं।

बीबीसी और इप्सोस मोरी ने यह सर्वे 2018 की शुरूआत में किया था। सर्वे में 27 देशों के करीब 20 हजार लोगों का इंटरव्यू किया गया। इसमें उन तथ्यों को सामने लाने की कोशिश की गई, जो मत या समाज को बांटते हैं। अध्ययन के अनुसार 63 प्रतिशत भारतीय अलग-अलग समुदाय, संस्कृति या दृष्टिकोंण वाले लोगों के मत पर भारत को सहिष्णु देश मानते हैं।

अध्ययन के मुताबिक भारत में करीब 49 प्रतिशत लोगों को लगता है कि राजनीतिक विचारों में मतभेद तनाव का कारण बनते हैं, वहीं 48 प्रतिशत लोग इसके लिए धर्म और 37 प्रतिशत लोग सामाजिक-आर्थिक अंतर को वजह मानते हैं। बीबीसी और इप्सोस मोरी के अध्ययन में यह भी सामने आया है कि 53 प्रतिशत भारतीय दूसरे समुदाय, संस्कृति या दृष्टिकोंण वाले लोगों से मेलजोल बढ़ने पर आपसी समझ और सम्मान की भावना पैदा होती है।

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