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सत्ता से दूरी में हताश राहुल गांधी के लगातार बिगड़ रहे बोल, 8वें केस में मिली जमानत, पीएम मोदी पर ओबीसी टिप्पणी मामले में 23 फरवरी को सुनवाई

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कांग्रेस पार्टी 10 साल से सत्ता से बाहर है और अपने कर्मों की वजह से कई सालों तक सत्ता से दूर ही रहेगी। देश का माहौल बता रहा है 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सरकार प्रचंड बहुमत से आ रही है। वहीं देशवासी तो अभी से 2029 में भी बीजेपी के जीतने की बात कर रहे हैं। इन सबसे हताश कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बोल लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। कभी चौकीदार चोर है, कभी सारे मोदी चोर हैं तो कभी पीएम मोदी जन्म से ओबीसी नहीं हैं जैसी आपत्तिजनक टिप्पणी करके राहुल गांधी खुद अपनी मुसीबत मोल रहे हैं। सात मामलों में राहुल पहले से जमानत पर हैं और अब उन्हें आठवें मामले में जमानत लेनी पड़ी है। राहुल गांधी ने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर साल 2018 में आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए हत्यारा कहा था। इस मानहानि मामले में उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर कोर्ट में उनको पेश होना पड़ा और बेल बांड भरने के बाद उन्हें जमानत मिली। इसके लिए उन्हें भारत जोड़ो न्याया यात्रा भी रोकनी पड़ी। 

राहुल गांधी अपने बयानों से मुसीबत मोल रहे
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर 20 फरवरी 2024 को थोड़ी देर के लिए उस वक्त ब्रेक लग गई, जब मानहानि के एक मामले में उन्हें सुलतानपुर कोर्ट में पेश होना पड़ा। राहुल गांधी ने अमित शाह पर विवादित टिप्पणी की थी, जिस पर भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने उन पर केस दर्ज कराया था। इस मामले में सुलतानपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत दे दी। साल 2018 के इस मामले में राहुल ‘टेंशन’ में कोर्ट में पेश हुए और मुस्कुराते हुए बाहर निकले। राहुल गांधी अपने बयानों से मुसीबत मोल रहे हैं। जहां सुल्तानपुर कोर्ट में उन्हें जमानत मिली वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी को लेकर एक नई मुसीबत में फंस गए। भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल ने पीएम नरेन्द्र मोदी के जन्म से ओबीसी में नहीं होने की टिप्पणी की थी। इसे लेकर जयपुर में राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट में एक परिवाद पेश किया गया है। इस मामले की सुनवाई अदालत 23 फरवरी को करेगी।  

राहुल गांधी ने 25-25 हजार रुपए के दो बेल बांड भरे
एमपी-एमएलए की विशेष कोर्ट के मजिस्ट्रेट योगेश कुमार यादव ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की जमानत अर्जी मंजूर कर 25-25 हजार रुपए के दो जमानतनामा दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट में करीब 15 मिनट रहने के बाद राहुल गांधी 11:20 बजे अदालत से निकल गए। मामले में अगली सुनवाई 2 मार्च को होगी।

यात्रा रोककर सुल्तानपुर कोर्ट में पेश हुए राहुल गांधी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने बताया कि 20 फरवरी 2024 की सुबह को भारत जोड़ो न्याय यात्रा थोड़ी देर के लिए रुकेगी क्योंकि राहुल गांधी को सुलतानपुर की एक कोर्ट में पेश होना है। सोशल मीडिया पर रमेश ने बताया कि भारत जोड़ो यात्रा दोपहर 2 बजे अमेठी के फुरसतगंज से दोबारा शुरू होगी।

कोर्ट में पेशी के लिए भारत जोड़ो यात्रा रोकी गई
जयराम रमेश ने एएनआई को बताया, “आज 38वां दिन है। हमने सुबह में यात्रा को रोक दिया था। अब हम दोपहर को 2 बजे दोबारा से फुरस्तगंज से यात्रा शुरू करेंगे। इसके बाद रायबरेली में एक पब्लिक रैली है और फिर हम लखनऊ की ओर बढ़ जाएंगे।” कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बेंगलुरु सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के 2018 के एक मामले में 20 फरवरी को सुल्तानपुर में जिला सिविल कोर्ट ने तलब किया था.

राहुल गांधी ने 2018 में अमित शाह को कहा था हत्यारा
राहुल गांधी ने साल 2018 में बेंगलुरु की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी नेता और गृहमंत्री अमित शाह पर हमला बोलते हुए कथित तौर पर उन्हें ‘हत्यारा’ कह दिया था। इस पर तत्कालीन बीजेपी उपाध्यक्ष विजय मिश्रा ने राहुल गांधी के खिलाफ 4 अगस्त 2018 को जिला एवं सत्र न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया था। जज योगेश कुमार यादव ने राहुल गांधी को इस मामले में समन भेजा था। अगर पर्याप्त सबूतों के बाद राहुल गांधी को दोषी करार दिया जाता तो उन्हें दो साल की सजा हो सकती थी।

अमित शाह को हत्यारा बताना आहत करने वाला
राहुल गांधी की आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ शिकायत तत्कालीन बीजेपी जिला उपाध्यक्ष विजय मिश्रा ने दर्ज कराई थी। विजय मिश्रा ने एएनआई को बताया, “उस वक्त मैं बीजेपी का उपाध्यक्ष था जब यह घटना हुई थी। बेंगलुरु में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी ने भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं मौजूदा केंद्रीय गृह मंत्री को हत्या का ‘‘अभियुक्त” बताया था। इस बात को सुनकर मेरा मन बहुत आहत हुआ था। इसके बाद मैंने अपने वकील की मदद से मुकदमा किया था, जिसपर आज 5 साल बाद यह फैसला आया है।”

पीएम मोदी पर ओबीसी टिप्पणी मामले में जयपुर कोर्ट में 23 फरवरी को सुनवाई
सुल्तानपुर कोर्ट से राहुल गांधी को जमानत मिल गई लेकिन वे एक नई मुसीबत में फंस गए। जयपुर में राहुल गांधी के खिलाफ कोर्ट में एक परिवाद पेश किया गया है। पीएम नरेन्द्र मोदी पर टिप्पणी करने को लेकर जयपुर कोर्ट में उनके खिलाफ परिवाद पेश किया है। कोर्ट ने परिवाद पर 23 फरवरी की तारीख दी है। अधिवक्ता विजय कलंदर की ओर से यह परिवाद पेश किया गया है। परिवाद में कहा गया कि भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल ने पीएम नरेन्द्र मोदी के जन्म से ओबीसी में नहीं होने की टिप्पणी की। परिवाद में राहुल के बयान से परिवादी की धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप लगाया गया है। परिवाद में कहा गया कि राहुल गांधी के पीएम मोदी की जाति के खिलाफ दिए बयान से विभिन्न वर्ग व समुदायों में अविश्वास का भाव पैदा हुआ है।

पीएम मोदी का जन्म ओबीसी वर्ग में नहीं हुआः राहुल गांधी
परिवाद में राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ में दिए गए बयान का हवाला दिया गया है। इसमें कहा गया है कि राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में कहा था कि पीएम मोदी जन्मजात ओबीसी नहीं हैं। उनका जन्म ओबीसी वर्ग में नहीं हुआ था। उनके इस बयान को देश की शांति, सुरक्षा, एकता एवं अखंडता के खिलाफ बताया है। परिवाद पर महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-11 कोर्ट ने कार्यालय रिपोर्ट के लिए 23 फरवरी की तारीख दी है।

मोदी सरनेम मामले में राहुल को हुई थी दो साल की सजा
राहुल गांधी ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक रैली के दौरान ‘मोदी सरनेम’ को लेकर बयान दिया था। इस बयान को लेकर बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। चार साल बाद 23 मार्च 2023 को सूरत की निचली अदालत ने राहुल को दोषी करार देते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता भी चली गई थी। मोदी सरनेम वाले बयान पर मानहानि मामले में राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट से भी बड़ा झटका लग चुका है। कोर्ट ने मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट राहुल की सजा पर रोक लगा दी। जिसकी वजह से आज वह जेल से बाहर हैं।

‘चौकीदार चोर है’ मामले में तीन बार मांगी माफी
2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने ‘चौकीदार चोर है’ का नारा दिया था। राहुल ने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान के सौदे में घोटाला होने का दावा किया था। साथ ही कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है। राहुल गांधी के इस चौकीदार चोर है वाले बयान को लेकर मानहानि का केस दर्ज हुआ। मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो तीन बार माफीनामा दाखिल किया। अंतिम माफीनामे में लिखा था कि वो बिना शर्त अपने बयान के लिए क्षमा चाहते हैं।

कोर्ट ने राहुल को दी थी नसीहत, कहा था- भविष्य में सावधान रहें
राहुल गांधी के माफीनामा को मंजूर करते हुए जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा था, ”दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिना पुष्टि के आरोपी ने पीएम के बारे में कोर्ट के हवाले से ऐसी बात कही। भविष्य में ध्यान रखें। इतनी ज़िम्मेदार राजनीतिक स्थिति वाले व्यक्ति को सावधान रहना चाहिए।” कोर्ट ने कहा कि हमारे सामने बिना शर्त माफी रखी गई। हम इसे स्वीकार करते हैं। कोर्ट ने राहुल गांधी को हिदायत देते हुए कहा कि बड़ी राजनीतिक पार्टी के नेता को ज़िम्मेदारी दिखानी चाहिए, भविष्य में सावधान रहें। दरअसल राहुल ने बयान दिया था कि कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार चोर है, यानी राहुल ने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से कहा- ‘चौकीदार चोर है’।

राहुल ने माफीनामे में कहा था- भूलवश गलती हुई, मैं माफी चाहता हूं
राहुल ने अपने माफीनामे में कहा था, ‘कोर्ट का अपमान करने की न तो मेरी कोई मंशा थी और न ही मैंने जानबूझकर ऐसा किया। मैं अदालत की न्यायिक प्रक्रिया में किसी तरह की बाधा नहीं पहुंचाना चाहता। भूलवश मुझसे ये गलती हुई, लिहाजा इसके लिए मैं माफी चाहता हूं।

इन 7 मामलों में पहले ही जमानत पर हैं राहुल गांधी

1. ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामलाः 23 मार्च 2023 को ‘मोदी सरनेम’ मानहानि मामले में 2 साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी को जमानत मिली। अदालत ने 15 हजार रुपये के मुचलके पर उनकी जमानत मंजूर कर ली। राहुल को फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए 30 दिन की मोहलत दी है।

2. नेशनल हेराल्ड केसः राहुल गांधी को जिन मामलों में जमानत मिली है, उसमें सबसे प्रसिद्ध मामला नेशनल हेराल्ड का है। इस मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी दोनों को ही 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत मिली हुई है। यह केस दिसंबर 2015 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दायर किया था।

3. सभी मोदी चोर मामलाः 6 जुलाई 2019 को राहुल गांधी को पटना की एक अदालत ने मानहानि के एक मामले में जमानत दी थी। यह केस भाजपा नेता और बिहार के तात्कालीन डिप्टी सीएम ने उनकी एक टिप्पणी के बाद किया था। अपनी टिप्पणी में राहुल ने कहा था कि सभी मोदी चोर हैं।

4. सहकारी बैंक मामलाः 12 जुलाई 2019 को राहुल गांधी को मानहानि के मामले में अहमदाबाद की एक अदालत से जमानत मिली थी। यह मामला अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक ने दर्ज कराया था। दरअसल, राहुल ने आरोप लगाया था कि बैंक नोटबंदी के दौरान नोटों की अदला-बदली के एक घोटाले में शामिल था।

5. RSS गौरी लंकेश मामलाः मुंबई की एक अदालत में आरएसएस कार्यकर्ता ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दाखिल किया था। इस मामले में 4 जुलाई 2019 को राहुल को जमानत मिली राहुल ने गौरी लंकेश की हत्या को ‘बीजेपी-आरएसएस विचारधारा’ से जोड़ते हुए टिप्पणी की थी। उन्हें इस मामले में 15 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत मिली थी।

6. RSS महात्मा गांधी मामलाः आरएसएस के एक और कार्यकर्ता ने महाराष्ट्र के भिवंडी में राहुल गांधी के खिलाफ केस किया था। इस मामले में राहुल को नवंबर 2016 में जमानत दी गई थी। राहुल गांधी ने कहा था कि RSS ने महात्मा गांधी की हत्या की है। यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्हें इस तरह की टिप्पणी के लिए फटकार लगाई थी। कोर्ट ने यह भी कहा था कि राहुल को मुकदमे का सामना करना पड़ेगा और अदालत में अपनी बात साबित करनी होगी

7. आरएसएस पर आरोप मामलाः आरएसएस ने राहुल गांधी के खिलाफ गुवाहाटी कोर्ट में मानहानि का केस दाखिल किया था। राहुल गांधी ने दावा किया था कि उन्हें दिसंबर 2015 में असम के बारपेट सतरा में प्रवेश करने से आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने रोका था। इस मामले में उन्हें सितंबर 2016 में 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी गई थी।

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