प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सनातन संस्कृति और भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत के प्रति अगाध श्रद्धा के चलते न सिर्फ आस्थास्थलों का पुनरोद्धार हो रहा है, बल्कि धार्मिक पर्व और त्यौहार भी विराटता के साथ मनाए जा रहे हैं। प्रभु श्री राम लला की जन्मस्थली अयोध्या पूरी भव्यता और दिव्यता के साथ दीपोत्सव पर नया कीर्तिमान बनाने को तैयार है। अयोध्या में इस साल दिवाली के मौके पर 2 गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले हैं। पहला रिकॉर्ड सबसे अधिक दीये जलाने और दूसरा दीपदान से जुड़ा है। इस साल दीपोत्सव में 26 लाख 11 हजार 101 दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया जाएगा। दूसरा सरयू आरती में 2100 दीपदान करके आरती की जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में जिला प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सरयू आरती के कार्यक्रम में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, संस्कृत विद्यालयों के छात्र रहेंगे और वालंटियर मौजूद रहेंगे। दीपोत्सव के इस आयोजन में तकनीक का भी जानदार इस्तेमाल होने वाला है। इस साल ड्रोन शो में 1100 ड्रोन उड़ाए जाएंगे। पिछले साल 500 ड्रोन के साथ शो किया गया था, जबकि इस बार 1100 ड्रोन 10 आकृतियां आसमान में उकेरेंगे। साथ ही आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस क्राउड मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा। इसके लिए एआई कैमरों का प्रयोग किया जाएगा, जिससे आने वाली भीड़ का हेड काउंट किया जा सकेगा।

राम लला के मंदिर में 51 हजार खास दीपक जलाए जाएंगे
राम लला के मंदिर में दीपावली की भी तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है। एक लाख से ज्यादा दीपक जलाकर राम मंदिर को जगमग किया जाएगा। और इन दीपकों में खास बात यह भी है कि 51,000 से ज्यादा दीपक मॉम से निर्मित जलाए जाएंगे। ताकि राम मंदिर के पत्थर पर किसी प्रकार कोई दाग और धब्बा ना लग सके। इसके अलावा राम मंदिर के सभी प्रवेश मार्गों को भी रंग बिरंगी लाइटों और दीपक से सजाया जाएगा। प्रभु राम के दरबार में तथा बालक राम के दरबार में देसी घी से निर्मित विशेष दीपक जलाए जाएंगे। रंग बिरंगी लाइटों से राम मंदिर परिसर को जगमग किया जाएगा। ऐसी तैयारी राम मंदिर ट्रस्ट राम मंदिर में कर रहा है। अयोध्या में दीपोत्सव पर आने वाली भीड़ के लिए स्थानीय उत्पाद प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह, ओडीओपी और संस्कृति विभाग की तरफ से एक भव्य प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जाएगा। इसमे जनपद अयोध्या के उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा।
त्रेता युग की अयोध्या जैसी जगमग होगी राम लला की नगरी
राम मंदिर का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है अब फाइनल टच दिया जा रहा है। तो ऐसी स्थिति में इस बार की दीपावली राम मंदिर में बेहद खास होने वाली है। राम मंदिर के सभी द्वार को भी पूरा कर लिया गया है। उस द्वार पर भी दीपक जलाए जाएंगे। जगह-जगह पर तोरण द्वार बनाए जा रहे हैं। राम भक्त भी दीपक जला सकते हैं। यानी कि जहां राम की पैड़ी पर लाखों दीपक जलाकर अयोध्या को विश्व के मानचित्र पर स्थापित करने का प्रयास किया जाएगा तो दूसरी तरफ अयोध्या के राम मंदिर को भी त्रेता युग के रूप में राम मंदिर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

राम मंदिर के अलावा मठ मंदिरों में भी होगी अद्भुत लाइटिंग
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्रा के मुताबिक दीपावली का पर्व पूरे देश में हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। राम मंदिर परिसर में भी दीपावली की तैयारी चल रही है। पूरे परिसर को जगमग किया जाएगा। राम मंदिर के अलावा जितने मठ मंदिर है वहां पर अद्भुत लाइटिंग की जाएगी। यानी कि दूर से ही राम मंदिर की अलौकिक तस्वीर राम भक्त देख सकेंगे और जो राम भक्त दीपावली के मौके पर राम मंदिर में दर्शन पूजन कर सकेंगे। वह राम मंदिर को अपलक निहारते रहें, ऐसी ही तैयारी मोदी सरकार कर रही है। राम भक्तों को भोग लगा हुआ प्रसाद भी वितरित किया जाएगा। एक लाख से ज्यादा दीपक प्रज्वलित किए जाएंगे।

भक्तों में भारी उत्साह, ऑनलाइन बुकिंग 19 को ही हुई फुल
अयोध्या में एक तरफ दीपोत्सव की तैयारी चल रही है तो दूसरी तरफ अयोध्या में राम भक्तों की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। शायद यही वजह है कि दीपोत्सव के पहले ही राम मंदिर में दर्शन पास की ऑनलाइन बुकिंग पूरी हो चुकी है। भगवान राम के दरबार में दर्शन की ऑनलाइन बुकिंग 19 अक्टूबर तक फुल हो चुकी थी। देश-विदेश से अयोध्या आ रहे श्रद्धालु राम मंदिर ट्रस्ट की वेबसाइट के माध्यम से अलग-अलग स्लॉट में दर्शन के लिए पास को बुक करते थे। लेकिन अब 29 अक्टूबर तक वह सुविधा नहीं ले पाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार इस बार ऑनलाइन बुकिंग का भी रिकॉर्ड कुछ ही घंटे में बुक हो गया, जब हजारों पास एक साथ फुल हो गए।

महाआरती से अंधकार पर प्रकाश और अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश
अयोध्या में दीपोत्सव के अवसर पर आयोजित महाआरती का विशेष महत्व है। यह आरती न केवल भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण के अयोध्या आगमन की स्मृति को जीवंत करती है, बल्कि हमारी सनातन परंपरा और संस्कृति का भव्य प्रतीक भी है। हजारों दीपों की जगमगाहट और मंत्रोच्चारण के बीच होने वाली यह महाआरती अंधकार पर प्रकाश, असत्य पर सत्य और अधर्म पर धर्म की विजय का संदेश देती है। यह महाआरती समाज में एकता, सद्भाव और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। अयोध्या का विश्व प्रसिद्ध दीपोत्सव 19 अक्टूबर को अपने ही दो विश्व रिकॉर्ड को तोड़कर नया इतिहास रचेगा। इसमें सरयू की महाआरती भी शामिल है। रामनगरी में सरयू के तट पर प्रतिदिन 5100 बत्ती की महाआरती होती है। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक शामिल होते हैं। रामलला के दर्शन के लिए आने वाले कई विशिष्ट मेहमान भी महाआरती का हिस्सा बनते रहे हैं।

पीएम मोदी ने पिछले साल कराई थी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा
बता दें कि भव्य-दिव्य राम लला के मंदिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद 2024 के दीपोत्सव में सीएम योगी की पहल पर शंख और घंटा-घड़ियाल की सुमधुर ध्वनि के बीच पहली बार 1100 अर्चकों की ओर से एकसाथ सरयू की महाआरती की गई थी। इस महाआरती ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया था। इस बार अर्चकों की संख्या बढ़ाने की तैयारी है। इसके माध्यम से नया विश्व रिकॉर्ड तो बनेगा ही, साथ में दीपोत्सव अपने पुराने कीर्तिमान को भी तोड़ेगा। मुख्य विकास अधिकारी कृष्ण कुमार सिंह के मुताबिक इस संबंध में पर्यटन विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियों से वार्ता चल रही है। प्रारंभिक सहमति भी बन गई है। पिछले दीपोत्सव पर महाआरती के लिए आरक्षित किए गए सरयू के घाटों के दायरे को बढ़ाया गया है। इससे पहले इतनी संख्या में साधु-संतों ने कभी सामूहिक आरती नहीं की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ दीपोत्सव के अन्य गणमान्य अतिथि भी इस महाआरती का हिस्सा बनेंगे। यह महाआरती सरयू तट के पक्के घाट पर संपन्न होगी।

रामायण के प्रसंगों के थ्री डी चित्रों और कलाकृतियों से सजी अयोध्या
अयोध्या दीपोत्सव 2025 की तैयारियों में जुटी है, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शहर को आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और कलात्मक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस बार फ्लाईओवर, दीवारें और सड़कें रामायण के प्रसंगों और थ्री डी चित्रों से सजी हैं, जो राम जन्म, वनवास, रावण वध जैसे दृश्यों को जीवंत कर रहे हैं। स्थानीय और राष्ट्रीय कलाकारों द्वारा बनाई गई ये कलाकृतियाँ न केवल पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं, बल्कि अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को भी विश्व पटल पर उजागर कर रही हैं, जिससे दीपोत्सव एक वैश्विक आयोजन बन रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में रामनगरी की पहचान न केवल आध्यात्मिक केंद्र के रूप में बल्कि सांस्कृतिक और कलात्मक वैभव के रूप में भी निखर रही है। इस बार दीपोत्सव का उत्सव अयोध्या को एक अनूठे सांस्कृतिक कैनवास में तब्दील कर रहा है, जहां फ्लाईओवर, दीवारें और सड़कें रामायण के प्रसंगों और कलात्मक थ्री डी चित्रों से सजी हैं। यह नजारा न केवल स्थानीय लोगों बल्कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बन रहा है।

स्थानीय कलाकारों को भी मौका मिलने से उनमें दिख रहा भारी उत्साह
अयोध्या के सआदतगंज, नाका, देवकाली व साकेत पेट्रो पंप के निकट फ्लाईओवर व बाईपास की दीवारों पर थ्रीडी चित्र उकेरे जा रहे हैं। कुछ जगहों पर और काम शुरू हुआ है, ताकि हर आने-जाने वाला यात्री रामकथा से रूबरू हो सके। स्थानीय कलाकारों को भी मौका मिला है। रामायण के प्रसंगों से सजी दीवारें इस बार दीपोत्सव की सांस्कृतिक चमक का प्रतीक बन रही हैं। शहर की प्रमुख सड़कों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों की दीवारों पर रामायण के प्रसंगों को चित्रित किया गया है। इनमें हनुमान जी का लंका दहन, राम-लक्ष्मण संवाद और सीता हरण जैसे दृश्य शामिल हैं। ये चित्र न केवल आंखों को सुकून देते हैं, बल्कि रामायण की शिक्षाओं को भी आम जन तक पहुंचाते हैं। स्थानीय कलाकारों का कहना है कि इन चित्रों को बनाने में आधुनिक और पारंपरिक कला का समन्वय किया गया है, ताकि अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर को और अधिक उजागर किया जा सके।










