प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानि शनिवार को देश के विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। इसके साथ जिलों में चल रही केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा की और उनकी वर्तमान स्थिति के बारे में फीडबैक लिया। इस अवसर पर अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि विकास के मामले में पिछड़े जिले पहले देश की प्रगति के आंकड़ों को भी नीचे कर देते थे, लेकिन पिछले सात साल में जब से इन पर विशेष ध्यान दिया गया और उन्हें आकांक्षी जिलों के रूप में पेश किया गया, तो वही जिले आज गतिरोधक की बजाए गतिवर्धक बन रहे हैं।
 इतिहास रचते हैं दूसरों के सपनों को पूरा करने वाले
इतिहास रचते हैं दूसरों के सपनों को पूरा करने वाले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में अक्सर हम देखते हैं कि लोग अपनी आकांक्षाओं के लिए परिश्रम करते हैं, उन्हें पूरा भी करते हैं। लेकिन जब दूसरों की आकांक्षाएँ, अपनी आकांक्षाएँ बन जाएँ, जब दूसरों के सपनों को पूरा करना अपनी सफलता का पैमाना बन जाए, तो फिर वो कर्तव्य पथ इतिहास रचता है। आज हम देश आकांक्षी जिलों में यही इतिहास बनते हुए देख रहे हैं। मुझे ख़ुशी है कि आज जब देश अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो आप इस अभियान की अनेकों उपलब्धियों के साथ यहाँ उपस्थित हैं।
 टेक्नोलॉजी का जितना ज्यादा उपयोग उतनी बेहतर गवर्नेंस
टेक्नोलॉजी का जितना ज्यादा उपयोग उतनी बेहतर गवर्नेंस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आकांक्षी जिलों में विकास के लिए प्रशासन और जनता के बीच सीधा कनेक्ट, एक इमोशनल जुड़ाव बहुत जरूरी है।लएक तरह से गवर्नेंस का ‘टॉप टु बॉटम’ और ‘बॉटम टु टॉप’ फ़्लो। और इस अभियान का महत्वपूर्ण पहलू है – टेक्नोलॉजी और इनोवेशन! जो जिले, टेक्नोलॉजी का जितना ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, गवर्नेंस और डिलिवरी के जितने नए तरीके इनोवेट कर रहे हैं, वो उतना ही बेहतर परफ़ॉर्म कर रहे हैं।
 अधिकारियों को अपनी भूमिका के महत्व का पता चलता है
अधिकारियों को अपनी भूमिका के महत्व का पता चलता है
आकांक्षी जिलों में मिल रही सफलता का सबसे बड़ा कारण Convergence हैं। आज सारे संसाधन वही हैं, सरकारी मशीनरी वही है, अधिकारी वही हैं लेकिन परिणाम अलग है। किसी भी जिले को जब एक यूनिट के तौर पर देखा जाता है, जब जिले के भविष्य को सामने रखकर काम किया जाता है , तो अधिकारियों को अपने कार्यों की विशालता की अनुभूति हैं। अधिकारियों को भी अपनी भूमिका के महत्व का अहसास होता है, एक Purpose of Life फील होता है।
 देश ने अपने लक्ष्यों का विस्तार किया है
देश ने अपने लक्ष्यों का विस्तार किया है
आकांक्षी जिलों में मिली सफलताओं को देखते हुए, देश ने अब अपने लक्ष्यों का और विस्तार किया है। आज आज़ादी के अमृतकाल में देश का लक्ष्य है सेवाओं और सुविधाओं का शत प्रतिशत saturation! यानी, हमने अभी तक जो उपलब्धियां हासिल की हैं, उसके आगे हमें एक लंबी दूरी तय करनी है। और बड़े स्तर पर काम करना है। हमारे जिले में हर गाँव तक रोड हो,हर पात्र व्यक्ति के पास आयुष्मान भारत कार्ड हो, बैंक अकाउंट हो, कोई भी गरीब परिवार उज्ज्वला गैस कनेक्शन से वंचित न रहे।
 
                 
		








