अमेरिकी संस्था ‘फ्रीडम हाउस’ ने Freedom Report 2021 जारी की है। इस रिपोर्ट में संस्था ने जहां ‘पॉलिटिकल फ्रीडम’ और ‘मानवाधिकार’ को लेकर भारत की रेटिंग घटाई है, वहीं भारत की संप्रभुता के साथ भी खिलवाड़ किया है। रिपोर्ट में भारत का गलत नक्शा इस्तेमाल करते हुए जम्मू-कश्मीर को गायब कर दिया गया है। वहीं इस रिपोर्ट में भारत को ‘आजाद’ मुल्क से हटाकर ‘आंशिक आजाद’ मुल्क बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जबसे मोदी सरकार आई है तबसे यहां अल्पसंख्यकों और दलितों के अधिकार कम हो गए हैं।
BREAKING: India is not rated “Free” in Freedom in the World 2021. Political rights and civil liberties have eroded in India since Narendra Modi became prime minister in 2014, causing the country to drop from Free to Partly Free in 2020. #FreedomInTheWorld https://t.co/HuNzEAc6Nw pic.twitter.com/mae0CmGpi5
— Freedom House (@freedomhouse) March 3, 2021
भारत की संप्रभुता पर उठाया सवाल
‘फ्रीडम हाउस’ अमेरिका का एक गैर-सरकारी संगठन है। जिस तरह इस संगठन ने भारत के नक्शे से जम्मू-कश्मीर को गायब किया है, उससे पता चलता है कि यह संगठन भारत की संप्रभुता को मान्यता नहीं देता है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और उसके बाद के राजनीतिक घटनाक्रम को आधार बनाकर इसने भारत की रेटिंग गिराने का काम किया है।
आधारहीन तथ्यों के आधार पर भारत की रेटिंग में गिरावट
फ्रीडम हाउस ने अपनी सालाना रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बीजेपी की भेदभावकारी नीतियों और मुस्लिम आबादी पर हिंसा को आधार बनाकर फ्रीडम स्कोर को नीचे गिराया है। इससे मोदी विरोधी तथाकथित बुद्धिजीवियों को मोदी सरकार की आलोचना करने का मौका मिल गया है। लेकिन मोदी विरोध में अंधे बुद्धिजीवियों को भारत के गलत नक्शे के इस्तेमाल से कोई परेशानी है।
India loses its status as ‘free’ under Freedom House’s 2021 report https://t.co/nz7yICzcrp
— Ramachandra Guha (@Ram_Guha) March 4, 2021
‘फ्रीडम हाउस’ जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित संस्था
गौरतलब है कि ‘फ्रीडम हाउस’ अमेरिका के अरबपति समाजसेवी जॉर्ज सोरोस द्वारा वित्त पोषित एक एनजीओ है, जो हमेशा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा में लगा रहता है। खुद जॉर्ज सोरोस ने जनवरी 2020 में स्विटजरलैंड के दावोस शहर में आयोजित विश्व आर्थिक मंच के कार्यक्रम में कश्मीर और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर बड़ा हमला बोला था।
जॉर्ज सोरोस प्रधानमंत्री मोदी का धूर विरोधी
जॉर्ज सोरोस ने दावोस में कहा था कि देश में लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर आए प्रधानमंत्री कश्मीर में प्रतिबंध लगा वहां लोगों को दंडित कर रहे हैं और लाखों मुसलमानों से नागरिकता छीनने की धमकी दे रहे हैं। सोरोस ने कहा कि राष्ट्रवाद भारत के लिए ‘सबसे बड़ी नाकामी’ बन गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रवाद फिर जोर मार रहा है। भारत के लिए सबसे बड़ा और भयावह झटका यह है कि प्रधानमंत्री मोदी भारत को एक हिंदू राष्ट्र बना रहे हैं।
निवेशक और समाजसेवी हैं जॉर्ज सोरोस
आइए अब आपको जॉर्ज सोरोस के बारे में बताते हैं। दरअसल सोरोस हंगरी मूल का निवासी है, लेकिन अमेरिकी नागरिकता हासिल कर बड़े निवेशक और समाजसेवी के रूप में काम करते हैं। फरवरी 2018 के आंकड़े के मुताबिक, उनके पास कुल 8 अरब डॉलर की संपत्ति है। उन्होंने अपनी समाजसेवी संस्था ओपन सोसायटी फाउंडेशंस को 32 अरब डॉलर से ज्यादा का दान दिया है।
दान देकर विदेशी सरकारों को प्रभावित करने का आरोप
सोरोस अमेरिका की राजनीतिक पार्टी डेमोक्रैट्स के बड़े दानदाताओं में से एक हैं। दुनिया के विभिन्न देशों में कारोबार और समाजसेवा के नाम पर जॉर्ज सोरोस ने वहां की राजनीति को प्रभावित करने करने की कोशिश की है। इसके लिए अपनी दौलत का इस्तेमाल करने के आरोप में अरब के कुछ देशों ने उनकी संस्थाओं पर पाबंदी लगाई हुई है। मध्य पूर्व और पूर्वी यूरोप के कई देशों ने सोरोस की संस्थाओं पर भारी जुर्माना भी लगाया हुआ है।