भारतवंशी ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। ऋषि सुनक हिंदू धर्म को मानने वाले प्रधानमंत्री होंगे। कुछ समय पहले उनकी गौ पूजा करते हुए तस्वीर वायरल हुई थी। उधर ब्रिटेन में ऋषि सुनक की ताजपोशी होने जा रही है, इधर महबूबा मुफ्ती सहित भारत विरोधी नेताओं एवं लेफ्ट लिबरल गैंग के सदस्यों ने इसे भारत में अल्पसंख्यकों और शरणार्थियों के अधिकारों का मुद्दा उठाने का अवसर मान लिया। इसमें से कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि भारत में अल्पसंख्यकों का कोई भविष्य नहीं है। इस तरह नफरत फैलाने वालों को यह याद रखना चाहिए कि सनातन धर्म सबको साथ लेकर चलने की सभ्यता का नाम है। यही वजह है कि भारत की स्वतंत्रता से लेकर अब तक भारत के सर्वोच्च पद राष्ट्रपति की कुर्सी पर चार अल्पसंख्यक बैठ चुके हैं। इनमें जाकिर हुसैन (मुसलमान), फकरुद्दीन अली अहमद (मुसलमाल), अब्दुल कलाम (मुसलमान) और ज्ञानी जैल सिंह (सिख) शामिल हैं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर मनमोहन सिंह (सिख) बैठ चुके हैं। राजीव गांधी के पिता पारसी थे और इस तरह अगर उनको भी पारसी मान लिया जाए तो इस सूची में प्रधानमंत्रियों की संख्या भी दो हो जाएगी। यहां तक कि मनमोहन सिंह के काल में पिछले दरवाजे से सोनिया गांधी (क्रिश्चियन) सरकार चला रही थीं और इसे भी जोड़ लिया जाए तो प्रधानमंत्रियों की संख्या तीन हो जाएगी। अल्पसंख्यों का मुद्दा उठाने वालों से यह सवाल भी किया जाना चाहिए कि भारत के पहले शिक्षा मंत्री कौन थे? भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद थे और वह अपने पद पर 10 साल से अधिक समय तक रहे। इसके अलावा अन्य महत्वपूर्ण पदों को संभालने वाले अनेक अल्पसंख्यक देश में हैं। आईएएस परीक्षा में टॉप करने वाले शाह फैसल ने भी अपने जवाब से लेफ्ट लिबरल गैंग के मुंह पर तमाचा मारा है।
Proud moment that UK will have its first Indian origin PM. While all of India rightly celebrates, it would serve us well to remember that while UK has accepted an ethnic minority member as its PM, we are still shackled by divisive & discriminatory laws like NRC & CAA.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 24, 2022
ब्रिटेन ने अल्पसंख्यक सुनक को प्रधानमंत्री चुना, हम सीएए में उलझे हैंः महबूबा मुफ्ती
ऋषि सुनक के बहाने अल्पसंख्यकों का मुद्दा उठाते हुए जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट करके कहा कि गर्व का क्षण है कि यूके का पहला भारतीय मूल का पीएम होगा। उन्होंने कहा कि जहां ब्रिटेन ने अल्पसंख्यक मूल के शख्स को अपने प्रधानमंत्री के तौर पर स्वीकार कर लिया है, वहीं हम एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों में उलझे हैं।
If this does happen, I think all of us will have to acknowledge that theBrits have done something very rare in the world,to place a member of a visible minority in the most powerful office. As we Indians celebrate the ascent of @RishiSunak, let's honestly ask: can it happen here? https://t.co/UrDg1Nngfv
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 24, 2022
शशि थरूर का मुस्लिम प्रेम सामने आया, पूछा- क्या हमारे यहां ऐसा हो सकता है
अब इसके बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर, पी. चिदंबरम को मुस्लिम प्रेम याद आ गई। उन्होंने पूछा है कि क्या हमारे यहां ऐसा हो सकता है। अजीब बात कांग्रेस के इतने वरिष्ठ नेता होते हुए भी पूछ रहे हैं- हो सकता है क्या… जबकि देश में कई बार हो चुका है। जरा इतिहास ही पलट कर देख लेते। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि हम सबको स्वीकार करना होगा कि ब्रितानियों ने दुनिया में कुछ बहुत ही दुर्लभ काम किया है, ये काम है अल्पसंख्यक समुदाय के एक सदस्य को सबसे शक्तिशाली ऑफिस की जिम्मेदारी सौंपना. शशि थरूर ने आगे कहा कि अब जबकि हम भारतीय ऋषि सुनक की कामयाबी की खुशी मना रहे हैं, आइए ईमानदारी से पूछते हैं-क्या हमारे यहां ऐसा हो सकता है।
First Kamala Harris, now Rishi Sunak
The people of the U.S. and the U.K have embraced the non-majority citizens of their countries and elected them to high office in government
I think there is a lesson to learned by India and the parties that practise majoritarianism
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) October 24, 2022
भारत को सबक सीखना चाहिएः पी. चिदंबरम
कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री चिदंबरम ने कहा कि भारत को इससे सबक सीखना चाहिए। जब भारत में पहले से ही अल्पसंख्यक समुदाय के लोग महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं तो इसमें सबक सीखने वाली कौन सी बात है। कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा कि पहले कमला हैरिस और अब ऋषि सुनक। अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों ने अपने देशों के गैर-बहुसंख्यक नागरिकों को गले लगाया है और उन्हें सरकार में उच्च पद के लिए चुना है। उन्होंने साथ ही यह भी कहा, मुझे लगता है कि भारत और बहुसंख्यकवाद का पालन करने वाले दलों को एक सबक सीखना चाहिए।
Saw Mahbooba Mufti’s tweet commenting on the rights of minorities in India after the election of Rishi Sunak as PM of UK. @MehboobaMufti Ji! Will you accept a minority in Jammu and Kashmir as Chief Minister of the state? Please be frank enough to reply.
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) October 25, 2022
ऋषि सुनक के बहाने राजनीति करने में जुटे हैं कुछ भारतीय राजनेताः रविशंकर प्रसाद
महबूबा मुफ्ती के ट्वीट का बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने जवाब दिया है। रविशंकर प्रसाद ने लिखा, ‘ऋषि सुनक के यूके के पीएम चुने जाने पर महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट में भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर सवाल उठाए हैं। महबूबा जी, क्या आप किसी अल्संख्यक को जम्मू-कश्मीर में बतौर मुख्यमंत्री स्वीकार करेंगी?’ रविशंकर प्रसाद ने आगे ट्वीट करके कहा कि ब्रिटेन के पीएम के रूप में ऋषि सुनक के चुनाव के बाद कुछ नेता बहुसंख्यकवाद के खिलाफ अति सक्रिय हो गए। एपीजे अब्दुल कलाम की राष्ट्रपति, मनमोहन सिंह के 10 वर्षों के लिए प्रधान मंत्री के रूप में उन्हें दिलाता हूं। उन्होंने आगे कहा कि एक प्रतिष्ठित आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू अब हमारी राष्ट्रपति हैं. बीजेपी नेता ने कहा कि भारतीय मूल के एक काबिल नेता ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बन रहे हैं। इस असाधारण सफलता के लिए हम सभी को उनकी तारीफ करने की जरूरत है। यह दुखद है कि कुछ भारतीय राजनेता दुर्भाग्य से इस अवसर को राजनीतिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
India has had 3 elected Muslim and one Sikh Presidents who served as Head of State.
India has had a Sikh PM who served as Head of Govt for 10 years.
India has had numerous 'non-majority' citizens in high office.
If you do not acknowledge them, it's your problem. Not India's. https://t.co/xe4hpOVO6w— Kanchan Gupta ?? (@KanchanGupta) October 24, 2022
भारत में उच्च पदों पर असंख्य ‘गैर-बहुसंख्यक’ नागरिक
टि्वटर पर कंचन गुप्ता ने कहा कि भारत में 3 निर्वाचित मुस्लिम और एक सिख राष्ट्रपति रहे हैं जिन्होंने राज्य के प्रमुख के रूप में कार्य किया। भारत में एक सिख प्रधानमंत्री बन चुके हैं जिन्होंने 10 वर्षों तक सरकार के प्रमुख के रूप में कार्य किया। भारत में उच्च पदों पर असंख्य ‘गैर-बहुसंख्यक’ नागरिक हैं। यदि आप उन्हें स्वीकार नहीं करते हैं, तो यह आपकी समस्या है। भारत का नहीं।
About Arfa khanum sherwani madam's silly question.
A thread???? pic.twitter.com/F2SjjsO0uU— Truth seeker (@Truthseeker_twt) October 25, 2022
हम भारत में मुस्लिम प्रधानमंत्री कब चुनेंगेः आरफा खानम
लेफ्ट लिबरल गैंग की सदस्य आरफा खानम शेरवानी ने अपने एजेंडे को बढ़ाते हुए चार कदम आगे निकल गई। उन्होंने पूछा- तो हम भारत के एक मुस्लिम प्रधानमंत्री को स्वीकार करने (और चुनने) के लिए कब तैयार होंगे?
Cross the border and enjoy your Muslim Prime Minister
— Viक़as (@VlKASPR0NAM0) October 25, 2022
अब इस आरफा खानम को तरह-तरह के जवाब मिल रहे हैं। जैसे बार्डर क्रास कीजिए और मुस्लिम प्रधानमंत्री का आनंद लीजिए। एक अन्य पूछा- यही सवाल आपसे है कि आपके देश पाकिस्तान में हिंदू या सिख प्रधानमंत्री को कब स्वीकार करेंगी।
It's possible only in India that a Muslim youngster from Kashmir can go on to top the Indian Civil Service exam, rise to top echelons of the government, then fall apart with the government and still be rescued and taken back by the same government. Rishi Saunak's appointment 1/4
— Shah Faesal (@shahfaesal) October 25, 2022
एक मुस्लिम युवा भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में टॉप करे, यह भारत में ही संभवः शाह फैसल
सबसे अच्छा जवाब आईएएस शाह फैसल ने दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल भारत में ही संभव है कि कश्मीर का एक मुस्लिम युवा भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में टॉप कर सकता है, सरकार के शीर्ष पदों पर पहुंच सकता है, फिर सरकार से अलग हो सकता है और फिर भी उसी सरकार द्वारा बचाया और वापस ले लिया जा सकता है। ऋषि सुनक की नियुक्ति हमारे पड़ोसियों के लिए आश्चर्य की बात हो सकती है जहां संविधान गैर-मुसलमानों को सरकार में शीर्ष पदों से रोकता है, लेकिन भारतीय लोकतंत्र ने कभी भी जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को बाकियों से भेदभाव नहीं किया है। समान नागरिकों के रूप में, भारतीय मुसलमानों को ऐसी स्वतंत्रता का आनंद मिलता है जो अकल्पनीय है। किसी अन्य तथाकथित इस्लामी देश में यह संभव नहीं है। मेरी अपनी जीवन-कथा एक यात्रा के बारे में है, कंधे से कंधा मिलाकर, इस देश के 1.3 अरब लोगों के प्रत्येक नागरिक के साथ, जहां मैंने हर कदम पर स्वामित्व, सम्मान, प्रोत्साहन और कई बार लाड़-प्यार महसूस किया है। वह भारत है। मौलाना आज़ाद से लेकर डॉ मनमोहन सिंह और डॉ. जाकिर हुसैन से लेकर महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक, भारत हमेशा समान अवसरों की भूमि रहा है और शीर्ष तक का रास्ता सभी के लिए खुला है।
India has had 3 elected Muslim and one Sikh Presidents who served as Head of State.
India has had a Sikh PM who served as Head of Govt for 10 years.
India has had numerous 'non-majority' citizens in high office.
If you do not acknowledge them, it's your problem. Not India's. https://t.co/xe4hpOVO6w— Kanchan Gupta ?? (@KanchanGupta) October 24, 2022
एक अन्य ट्विटर यूजर ने कहा कि अल्पसंख्यकों को प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए कोई प्रतिबंध या कानून नहीं है। यदि अल्पसंख्यक समुदाय का कोई नेता लोगों से जुड़े सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ एक लोकप्रिय सक्षम नेता के रूप में उभरता है तो वह निर्वाचित होने पर निश्चित रूप से पीएम बन सकता है। इसे सिर्फ ऊपर से थोपा नहीं जा सकता।
India has had 3 elected Muslim and one Sikh Presidents who served as Head of State.
India has had a Sikh PM who served as Head of Govt for 10 years.
India has had numerous 'non-majority' citizens in high office.
If you do not acknowledge them, it's your problem. Not India's. https://t.co/xe4hpOVO6w— Kanchan Gupta ?? (@KanchanGupta) October 24, 2022