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वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के बाद अब राजस्थान के स्कूलों में प्रार्थना सभा में नियमित होगा सूर्य नमस्कार, विरोध करने वालों पर होगी कार्रवाई, 88 हजार स्कूलों में 1.33 करोड़ ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

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राजस्थान के स्कूलों में अब नियमित रूप से सूर्य नमस्कार होगा। सभी स्कूलों में प्रार्थना सभा में 10 मिनट सूर्य नमस्कार नहीं कराने वाले स्कूलों में कार्रवाई होगी। राजस्थान ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। हालांकि कुछ मुस्लिम संगठनों की ओर से विरोध के स्वर उठे हैं। उन्होंने कोर्ट में याचिका भी लगाई, जो खारिज हो गई। उधर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और भाजपा विधायक बालमुकुंद आचार्य  ने कहा है कि सूर्य के बिना जीवन मुश्किल है। ऐसे में हम सभी की यह ड्यूटी बनती है कि हम उसकी आराधना करें।  इस बीच प्रदेश में सूर्य सप्तमी पर सूर्य नमस्कार के सामूहिक अभ्यास का वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया। प्रदेश के करीब 88 हजार स्कूलों के 1.14 करोड़ से अधिक स्टूडेंट्स ने सूर्य नमस्कार किया। प्रदेश भर में विद्यार्थियों सहित लाखों लोगों ने इसमें भागीदारी निभाई। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने विश्व रिकॉर्ड सभी प्रतिभागी छात्रों और टीम को समर्पित किया है।शिक्षा मंत्री को जयपुर में मिला वर्ल्ड रिकॉर्ड का प्रोविजनल सर्टिफिकेट
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉड्‌र्स, लंदन के राजस्थान एडिशन ने इस रिकॉर्ड को मान्यता प्रदान की है। जयपुर के इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को विश्व रिकॉर्ड का प्रोविजनल सर्टिफिकेट दिया गया। प्रदेश के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में सुबह 10:30 से 11 बजे की अवधि में एक ही समय पर एक साथ सूर्य नमस्कार का अभ्यास किया गया। प्रदेश के 66 हजार 990 सरकारी स्कूलों में 64 लाख 30 हजार 277 तथा 21 हजार 984 गैर सरकारी स्कूलों के 50 लाख 39 हजार 637 विद्यार्थियों ने सूर्य नमस्कार किया। सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों सहित 77 लाख 63 हजार 374 तथा गैर सरकारी स्कूलों में 55 लाख 87 हजार 515 लोग इन आयोजनों में शामिल हुए।

शिक्षा मंत्री ने जयपुर के चौगान स्टेडियम में किया सूर्य नमस्कार
जयपुर के चौगान स्टेडियम में हुए मुख्य कार्यक्रम में शिक्षा मदन दिलावर सहित कई नेताओं ने भी सूर्य नमस्कार किया। दिलावर ने कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश में कभी भी इसे लेकर विरोध नहीं है। अब रोज स्कूलों में सूर्य नमस्कार होगा। उन्होंने कहा- अभी तक हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है कि किसी स्कूल में सूर्य नमस्कार नहीं हुआ है। जिन स्कूलों में सूर्य नमस्कार नहीं हुआ है। उन पर हम कार्रवाई करेंगे। चौगान स्टेडियम में हुए कार्यक्रम में गणगौरी बाजार, महाराजा छोटी चौपड़ स्कूलों के अलावा आसपास के विद्यालयों के विद्यार्थी सामूहिक रूप से सूर्य नमस्कार में शामिल हुए।मुस्लिम संगठनों का विरोध, कोर्ट गए तो याचिका भी हुई खारिज
स्कूलों में सूर्य नमस्कार का कई मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया है। मुस्लिम संगठनों ने अभिभावकों से अपने बच्चों को गुरुवार को स्कूल नहीं भेजने के लिए कहा था। कई स्कूलों में इसका असर भी नजर आया। मुस्लिम छात्र-छात्राएं स्कूल नहीं पहुंचे। एक मुस्लिम संगठन ने हाई कोर्ट में सूर्य नमस्कार पर रोक लगाने को लेकर याचिका भी दायर की थी। न्यायाधीश ने इसको बुधवार को खारिज कर दिया था। मुस्लिम संगठनों के विरोध और बच्चों के स्कूल न आने के बारे में शिक्षा मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अभी हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है कि किसी स्कूल में सूर्य नमस्कार नहीं हुआ है। यदि किसी स्कूल में नहीं हुआ तो उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। सरकारी स्कूलों में तो अब अनिवार्य रूप से सूर्य नमस्कार करना होगा।

भारत में भारत माता को मानकर ही रहना होगा, वरना…
सूर्य नमस्कार के विरोध को लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा जो भी भारत में रहते हैं। भारत माता मानकर यहां रहते हैं। भारत माता और सूर्य का सम्मान करना ही होगा। वरना ऐसे लोगों को मुश्किल आएगी। मीडिया से उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समाज के द्वारा इसके विरोध की बातें कही जा रही हैं, लेकिन मैं जब इस कार्यक्रम में शामिल होने आ रहा था तब कई मुस्लिम भाइयों के फोन आए और उन्होंने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के लिए बधाई दी है। सब लोग एक साथ इस फैसले का स्वागत कर रहे हैं। दिलावर ने कहा कि सूर्य नमस्कार सभी योगों का योग है, इस आसन के जरिए हम सूर्य भगवान की आराधना करते हैं। सरकारी स्कूल में तो सूर्य नमस्कार करना होगा, नियम को मानना ही होगा। जो इसका विरोध करते हैं वे काल कोठरी में चले जाएं।तुष्टिकरण के चलते ही हो रहा है सूर्य नमस्कार का विरोध
सूर्य नमस्कार के विरोध के सवाल पर हवामहल विधायक बाल मुकुंद आचार्य ने कहा कि सभी लोग देश की उन्नति में अपनी भागीदारी दें। इसका विरोध करना गलत है। जो लोग कर रहे हैं। उनका स्वभाव है कि सही बात पर भी विरोध करना है। उनके पास कोई काम नहीं है। उन्हें दिन भर बैठकर बस विरोध ही करना है। उन्होंने कहा- सूर्य नमस्कार तो पूरे शरीर के विकास के लिए एक्सरसाइज है। सूर्य नमस्कार को डेली करना चाहिए। बहुत सारे परिवार सूर्य नमस्कार करते ही हैं। इसको सरकारी तौर पर स्कूलों में लागू करने का स्वागत करना चाहिए। जहां तक विरोध की बात है तो विरोध करने वालों ने 5 साल तक कुछ नहीं किया। 5 साल तक तुष्टिकरण की राजनीति की। ऐसे चाल चरित्र की सरकार प्रदेश में पिछले 5 सालों से थी। उनकी तुष्टिकरण की नीति के कारण ही चंद लोगों के हौंसले बढ़े हुए हैं। बालमुकुंद बोले- हम सूर्य चंद्रमा, जल वायु आकाश सबका सम्मान करते हैं। हमारे सनातन धर्म में पंचतत्व को सब कुछ मानते हैं। सूर्य नमस्कार में धर्म कहां बीच में आ रहा है। इससे आपत्ति है तो इसके बारे में अध्ययन कर लो।

वक्फ बोर्ड पर बालमुकुंद बोले- जरूरत नहीं है तो बंद करो
जयपुर के हवामहल से विधायक बालमुकुंद आचार्य ने वक्फ बोर्ड से जुड़े सवाल पर कहा- कुछ चीजें ऐसी हैं, जो सरकार-मंत्रिमंडल से राय परामर्श की है। कुछ चीजें जो गलत हैं। उसको ठीक करना चाहिए। इनकी आवश्यकता नहीं है तो उन्हें बंद कर देना चाहिए। उन्होंने कहा- मेरा मानना यह है कि जब बंटवारा हुआ था, जिनको सनातन प्रेम था। उन्होंने भारत में रहने में विश्वास किया। जिनको विश्वास नहीं था, वो पाकिस्तान चले गए। भारत में सब सनातन पर विश्वास वाले लोग हैं। कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते हैं। वो होगा नहीं। क्योंकि प्रदेश में सुशासन है। इसलिए अब यहां पर न तो पलायन होगा। न यहां पर माफिया राज चलेगा। न यहां पर पेपर माफिया का राज चलेगा। बालमुकुंद बोले- पहले यहां प्रदेश के मंत्री ही यह कहते थे कि यह मर्दों का प्रदेश है। ऐसे में महिलाओं के साथ दुराचार-दुष्कर्म होता था। इस प्रकार के चरित्र और गंदे बोल वाले यहां मंत्री थे। पांच साल सरकार होटलों में रही। लोगों ने देख लिया कि इनका चाल चरित्र क्या है।

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