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34 साल बाद गांधी परिवार ने कश्मीर में मनाईंं छुटियां, लोगों ने कहा- धन्यवाद मोदी जी कश्मीर को फिर से स्वर्ग बनाने के लिए, मोदी है तो मुमकिन है

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जम्मू-कश्मीर का जिक्र होते ही मन में तीन दशकों के आतंक का मंजर सामने आ जाता है। जब कश्मीरी पंडितों की सामूहिक हत्याएं, पत्थरबाजी और एनकाउंटर की खबरों से समाचारपत्र भरे रहते थे। न्यूज चैनलों पर आतंकियों की गोलियों की गूंज और मृतकों के परिजनों के चीत्कार सुनकर रूह कांप जाती थी। लगता था अब कुछ नहीं बदलेगा। लेकिन 5 अगस्त,2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने का ऐतिहासिक और साहसिक फैसला किया, जिसने जम्मू-कश्मीर की तस्वीर और तकदीर को बदल कर रख दिया है। मोदी सरकार का यह फैसला कश्मीर के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। आज कश्मीर की जनता शांति की हवा में चैन की सांस ले रही है। यहां तक कि अनुच्छेद 370 हटाने का मुखर विरोध करने वाले वहां छुट्टियां मनाने जा रहे हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि सीमावर्ती इलाके में बनी शानदार सड़कों पर बाइक राइडिंग का लुत्फ उठा रहे हैं। यह सब प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति से मुमकिन हुआ है। 

पहली बार सोनिया गांधी ने कश्मीर में की नाव की सवारी

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पिछले 34 साल में पहली बार शनिवार (26 अगस्त, 2023) को गांधी परिवार छुट्टियां मनाने कश्मीर पहुंचा। श्रीनगर के हवाईअड्डे पर पहुंचने पर सोनिया गांधी का उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने स्वागत किया। इसके बाद सोनिया और राहुल गांधी ने यहां निगीन झील का दौरा किया और नाव की सवारी का आनंद लिया। शायद यह पहला मौका था, जब सोनिया गांधी कश्मीर में नाव की सवारी करती नज़र आईं। अगले दिन रविवार (27 अगस्त, 2023) को सोनिया गांधी ने डल झील में प्रसिद्ध तैरते उद्यानों का दौरा किया। अधिकारीयों ने बताया कि सोनिया गांधी ने दिन निकलने के तुरंत बाद तैरते हुए गार्डन का दौरा करने के लिए शिकारा लिया। सोनिया गांधी ने डल झील के किनारे निशात और शालीमार मुगल गार्डन का दौरा किया।

अनुच्छेद 370 हटने के बाद सोनिया का कश्मीर का पहला निजी दौरा 

सोमवार को राहुल और सनिया ने डाचीगाम घूमा। श्रीनगर शहर से करीब 22 किलोमीटर दूर डाचीगाम नेशनल पार्क है। श्रीनगर में सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने अपने दौरे को पूरी तरह से निजी रखा और किसी से बैठक या मुलाकात नहीं की। इस यात्रा के दौरान दोनों श्रीनगर के डाउन टाउन इलाके में निगीन झील में स्थित एक हाउसबोट में रहे। राहुल गांधी ने निगीन झील में एक लक्जरी हाउसबोट ‘द ज्वेल इन क्राउन’ का उद्घाटन किया। इससे पहले राहुल गांधी एक सप्ताह से केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) लद्दाख में थे। वो अपना लद्दाख का दौरा खत्म कर शुक्रवार को लेह से श्रीनगर पहुंच चुके थे। हालांकि प्रियंका गांधी के कश्मीर में आने की संभावना जताई जा रही थी लेकिन वह नहीं आई। राहुल गांधी और सोनिया गांधी कश्मीर का निजी दौरा समाप्त कर मंगलवार को वापस दिल्ली लौट आए।


लद्दाख की शानदार सड़कों पर राहुल ने उठाया बाइक राइडिंग का आनंद

इससे पहले राहुल गांधी गुरुवार को लद्दाख के दौरे पर पहुंचे थे। अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में बांटने और जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के बाद इस क्षेत्र का ये उनका पहला दौरा था। लद्दाख में राहुल गांधी का अलग ही अंदाज को देखने को मिला। राहुल गांधी बाइक राइड करते हुए भी नजर आए। यहां वे लोगों के साथ फोटो खींचाया और बच्चों के साथ मस्ती की। कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल से भी राहुल गांधी की कई तस्वीरें शेयर कीं। राहुल गांधी लद्दाख में लेह से पैंगोंग झील तक बाइक की सवारी की थी। बाइक पर 130 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करने के बाद राहुल गांधी पैंगोंग झील के पास रुके थे। इसके बाद वे कई दफा बाइक राइड करते हुए नजर आए। राहुल गांधी ने यहां पर अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। लेकिन लद्दाख में राहुल गांधी अपनी चीनी प्रेम दिखाने से नहीं चूके। उन्होंने चीनी घुसपैठ को लेकर झूठा दावा किया।

यूपीए के दस साल के शासन में नहीं मना पाए कश्मीर में छुट्टियां

2004 से 2014 तक केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी। हालांकि आधिकारिक तौर पर मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, लेकिन वास्तव में सोनिया गांधी अघोषित प्रधानमंत्री के रूप में काम कर रही थीं। केंद्र सरकार के सारे फैसले सोनिया गांधी के इशारे पर लिए जा रहे थे। देश की सबसे ताकतवर महिला होने के बावजूद सोनिया गांधी दस साल के यूपीए शासन में कश्मीर में छुट्टियां मनाने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। वहीं राहुल गांधी भी यूपीए शासन में लद्दाख की सड़कों पर बाइक राइड का आनंद लेते नजर नहीं आए। रात-दिन प्रधानमंत्री मोदी को कोसने वाले मां-बेटे आज जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बदलाव का खुद साक्षी बन रहे हैं। दोनों के दौरे ने बता दिया कि प्रधानमंत्री मोदी का फैसला कितना सही था। पत्थरबाजी बीते दिनों की बात हो गई है। आतंकवाद भी अंतिम सांसें गिन रहा है। ऐसे में आज शांति के माहौल में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं।

लोगों ने मां-बेटे को दिलाई पुराने दिनों की याद, पीएम मोदी को दिया धन्यवाद  

सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कश्मीर और लद्दाख के दौरे को लेकर सोशल मीडिया में भी लोगों ने दिलचस्प प्रतिक्रियाएं दी हैं। लोगों ने कांग्रेस सरकार के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंक और दहशत की याद दिलाई। लोगों ने सवाल किया कि कांग्रेस शासन काल में क्या इतनी स्वतंत्रता और निर्भीकता से जम्मू-कश्मीर में इतने दिनों तक घूमा जा सकता था? कब राहुल गांधी खुलेआम बाइक से घूम रहा थे? कब पूरा परिवार कश्मीर में एक साथ छुट्टी मनाया था? कई लोगों ने कश्मीर को फिर से स्वर्ग बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को शुक्रिया कहा है। जिसकी वजह से राहुल और सोनिया गांधी बिना पत्थरबाजी और बिना आतंकवादी घटना के कश्मीर में छुट्टी मना सके।

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